विधानसभा में पूछा गया सवाल, कॉलेज प्रबंधन कर रहे गुमराह

मध्य प्रदेश विधानसभा के सत्र में एक प्रश्न के जवाब पर जनभागीदारी की राशि के मनमाने उपयोग के संबंध में सरकारी कॉलेजों द्वारा भ्रामक जानकारी देने का मामला सामने आया है।

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Sanjay Sharma
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The Sootr

mp vidhansabha Photograph: (The Sootr)

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BHOPAL. मध्यप्रदेश के सरकारी कॉलेजों में जनभागीदारी समितियों की जमा राशि की बंदरबाट की शिकायतें लगातार सामने आती रही हैं। कॉलेजों में प्रबंधन द्वारा इस राशि के दुरुपयोग पर कसावट के लिए उच्च शिक्षा विभाग भी निर्देश जारी कर चुका है लेकिन इस पर रोक नहीं लग रही है।

जनभागीदारी की राशि के मनमाने उपयोग के संबंध में मध्यप्रदेश विधानसभा को भी प्रबंधन की ओर से भ्रामक जानकारी देने का मामला सामने आया है। इसकी शिकायत अब कॉलेजों की जनभागीदारी कर्मचारियों के संगठन ने विधानसभा अध्यक्ष और उच्च शिक्षा आयुक्त से की है। 

विभाग के आदेश की अनदेखी

दरअसल मध्यप्रदेश में सरकारी कॉलेजों में उच्च शिक्षा विभाग के अलावा कई कर्मचारी जनभागीदारी समिति से भी नियुक्त किए जाते हैं। इन कर्मचारियों के वेतन और दूसरे खर्च भी समिति के पास जमा राशि से ही पूरे होते हैं। जनभागीदारी के कर्मचारियों के हितों की सुरक्षा के संबंध में दो साल पहले उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आदेश जारी किए गए थे।

हालांकि अब भी कई कॉलेजों में इस आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है। जनभागीदारी कर्मचारियों के हितों का मामला मध्य प्रदेश विधानसभा में भी उठाया गया है। इसके लिए विधायकों द्वारा लगाए गए प्रश्नों पर कॉलेजों से भ्रामक और गलत जानकारी भेजी गई है। 

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कर्मचारियों के गंभीर आरोप

विधानसभा से मांगी गई जानकारी के जवाब में गलत जानकारी भेजने का मामला सामने आने पर जनभागीदारी कर्मचारियों ने अब इसकी शिकायत विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर से की है। उन्होंने उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव और आयुक्त को भी पत्र के माध्यम से कॉलेज प्रबंधन द्वारा अपने बचाव में भ्रामक जानकारी देकर विधानसभा और विभाग को गुमराह करने की आशंका जताई है।

संगठन के हितेश गुरगेला और त्रिलोक जाटव का कहना है कि कॉलेजों में प्राचार्य और प्रभावशाली लोग जनभागीदारी के फंड का दुरुपयोग करते हैं और कर्मचारियों के हितों की अनदेखी की जा रही है। 

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जनभागीदारी फंड की बंदरबाट

मध्यप्रदेश में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा स्थानीय स्तर पर कॉलेज की व्यवस्थाओं के संचालन के लिए जनभागीदारी समिति का गठन किया जाता है। यह समिति न केवल कॉलेज में आवश्यकता को देखते हुए स्थानीय स्तर पर कर्मचारी उपलब्ध कराती है बल्कि सामान्य व्यवस्थाओं पर भी होने वाले खर्च का लेखा-जोखा रखती है। समिति के पास जमा रहने वाले भारी भरकम फंड पर अकसर अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की नजर होती है और खरीदारी और दूसरे कामों पर इसे खर्च कर बंदरबाट की जाती है। 

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मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा विभाग कॉलेज प्रबंधन प्राचार्य प्रमुख सचिव सरकारी कॉलेज मध्य प्रदेश विधानसभा विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर