BHOPAL. मध्यप्रदेश के सरकारी कॉलेजों में जनभागीदारी समितियों की जमा राशि की बंदरबाट की शिकायतें लगातार सामने आती रही हैं। कॉलेजों में प्रबंधन द्वारा इस राशि के दुरुपयोग पर कसावट के लिए उच्च शिक्षा विभाग भी निर्देश जारी कर चुका है लेकिन इस पर रोक नहीं लग रही है।
जनभागीदारी की राशि के मनमाने उपयोग के संबंध में मध्यप्रदेश विधानसभा को भी प्रबंधन की ओर से भ्रामक जानकारी देने का मामला सामने आया है। इसकी शिकायत अब कॉलेजों की जनभागीदारी कर्मचारियों के संगठन ने विधानसभा अध्यक्ष और उच्च शिक्षा आयुक्त से की है।
विभाग के आदेश की अनदेखी
दरअसल मध्यप्रदेश में सरकारी कॉलेजों में उच्च शिक्षा विभाग के अलावा कई कर्मचारी जनभागीदारी समिति से भी नियुक्त किए जाते हैं। इन कर्मचारियों के वेतन और दूसरे खर्च भी समिति के पास जमा राशि से ही पूरे होते हैं। जनभागीदारी के कर्मचारियों के हितों की सुरक्षा के संबंध में दो साल पहले उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आदेश जारी किए गए थे।
हालांकि अब भी कई कॉलेजों में इस आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है। जनभागीदारी कर्मचारियों के हितों का मामला मध्य प्रदेश विधानसभा में भी उठाया गया है। इसके लिए विधायकों द्वारा लगाए गए प्रश्नों पर कॉलेजों से भ्रामक और गलत जानकारी भेजी गई है।
ये खबरें भी पढ़िए :
इंदौर के कांग्रेस पार्षद अनवर कादरी पर दोगुना हुआ इनाम, हाईकोर्ट में पड़ चुकी है फटकार
CSP एच आर पांडे पर 80 लाख में डील कर कब्जा दिलवाने का आरोप, DGP सहित पुलिस अफसरों को हाईकोर्ट का नोटिस
कर्मचारियों के गंभीर आरोप
विधानसभा से मांगी गई जानकारी के जवाब में गलत जानकारी भेजने का मामला सामने आने पर जनभागीदारी कर्मचारियों ने अब इसकी शिकायत विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर से की है। उन्होंने उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव और आयुक्त को भी पत्र के माध्यम से कॉलेज प्रबंधन द्वारा अपने बचाव में भ्रामक जानकारी देकर विधानसभा और विभाग को गुमराह करने की आशंका जताई है।
संगठन के हितेश गुरगेला और त्रिलोक जाटव का कहना है कि कॉलेजों में प्राचार्य और प्रभावशाली लोग जनभागीदारी के फंड का दुरुपयोग करते हैं और कर्मचारियों के हितों की अनदेखी की जा रही है।
ये खबरें भी पढ़िए :
GST रेड में बड़ा फर्जीवाड़ा... डीजल बताकर बेच रहा था बेस ऑयल
बारिश का कहर... मूसलाधार बरसात से बह गई पुलिया, दो हिस्सों में कटी सड़क
जनभागीदारी फंड की बंदरबाट
मध्यप्रदेश में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा स्थानीय स्तर पर कॉलेज की व्यवस्थाओं के संचालन के लिए जनभागीदारी समिति का गठन किया जाता है। यह समिति न केवल कॉलेज में आवश्यकता को देखते हुए स्थानीय स्तर पर कर्मचारी उपलब्ध कराती है बल्कि सामान्य व्यवस्थाओं पर भी होने वाले खर्च का लेखा-जोखा रखती है। समिति के पास जमा रहने वाले भारी भरकम फंड पर अकसर अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की नजर होती है और खरीदारी और दूसरे कामों पर इसे खर्च कर बंदरबाट की जाती है।
thesootr links
द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩👦👨👩👧👧👩