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BHOPAL. आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा का संचालन कर रही छत्तीसगढ़ की कंपनी मध्यप्रदेश में रोड टैक्स चोरी करती पकड़ी गई है। कंपनी की दो हजार एम्बुलेंस प्रदेश में परिवहन विभाग को टैक्स चुकाए बिना ही दौड़ रही हैं। परिवहन विभाग ने इन एम्बुलेंस वाहनों पर 25 करोड़ रुपए के टैक्स की वसूली निकाली है। परिवहन विभाग ने कंपनी को नोटिस भी जारी कर दिया है। इसके साथ ही रोड टैक्स जमा न कराने पर उसकी सेवाओं पर रोक लगाने की चेतावनी भी दी गई है। यह कंपनी प्रदेश में बीते ढाई साल से आपातकालीन सेवा के लिए एम्बुलेंस का संचालन कर रही है। तीन महीने पहले टैक्स चोरी के मामले में आयकर विभाग भी कंपनी के दफ्तरों पर छापामार कार्रवाई कर चुका है।
मध्यप्रदेश में आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा के लिए एनएचएम के तहत 108 एम्बुलेंस सेवा के संचालन का ठेका छत्तीसगढ़ की एक कंपनी को दिया गया है। कंपनी जयअंबे इमरजेंसी सर्विसेज का रजिस्टर्ड ऑफिस रायपुर के अवंति विहार क्षेत्र में है। जयअंबे इमरजेंसी सर्विसेज कंपनी प्रदेश में करीब ढाई साल से एम्बुलेंस सेवा के लिए 2000 वाहन चला रही है। टेंडर लेते समय कंपनी को अपने वाहनों का रजिस्ट्रेशन मध्यप्रदेश परिवहन विभाग में कराना था। कंपनी एम्बुलेंस वाहनों का रजिस्ट्रेशन छत्तीसगढ़ में कराया गया इस वजह से परिवहन विभाग को पंजीयन राशि का नुकसान हुआ। दूसरे राज्य में दर्ज वाहनों को ट्रांसफर कराए बिना छह महीने के बाद नहीं चलाया जा सकता।
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जय अंबे कंपनी ने परिवहन विभाग की इस गाइडलाइन की भी अनदेखी की। अपने फायदे के लिए कंपनी प्रदेश की सड़कों पर एम्बुलेंस दौड़कर अपनी कमाई करती रही। इससे मध्यप्रदेश परिवहन विभाग को रोड टैक्स से मिलने वाली करीब 25 करोड़ की रकम का भी नुकसान हुआ है। फरवरी में जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेज की आर्थिक गड़बड़ी और टैक्स न चुकाने पर आयकर विभाग द्वारा छापेमारी भी की जा चुकी है। वहीं कंपनी पर कर्मचारियों को नौकरी देने के नाम पर राशि लेने के आरोप भी लगते रहे हैं।
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परिवहन विभाग ने 108 एम्बुलेंस सेवा का संचालन कर रही कंपनी की मनमानी पर अब सख्त रुख अपनाया है। परिवहन आयुक्त विवेक शर्मा की ओर से कंपनी को 25 करोड़ रुपए के बकाया रोड टैक्स की वसूली का नोटिस जारी किया गया है। यह टैक्स कंपनी के 2000 वाहनों से वसूला जाना है। नोटिस में अत्यावश्यक सेवा का हवाला देकर फिलहाल वाहनों का संचालन जारी रखने की छूट दी गई है। इसके साथ ही जल्द ही टैक्स की राशि जमा नहीं कराने पर सख्ती की चेतावनी भी दी गई है। यानी नोटिस के बाद भी कंपनी टैक्स जमा करने में आनाकानी करती है तो एम्बुलेंस वाहन खड़े कराए जा सकते हैं। इसके लिए आयुक्त कार्यालय से प्रदेश के सभी जिला परिवहन अधिकारियों को भी निर्देशित किया जा चुका है।
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परिवहन विभाग की गाइडलाइन के अनुसार दूसरे राज्यों के वाहन छह माह से ज्यादा समय मध्यप्रदेश में नहीं चलाए जा सकते। ऐसे वाहनों के रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर कराने का नियम है। इसके बावजूद जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेज कंपनी प्रदेश में 2000 वाहन दौड़ाती रही। इन वाहनों को छत्तीसगढ़ से ट्रांसफर भी नहीं कराया गया और न ही रोड टैक्स परिवहन विभाग में जमा कराया गया। कंपनी के इन वाहनों पर करीब 25 करोड़ रुपए का रोड टैक्स बकाया है। परिवहन विभाग ने भी महीनों तक कंपनी की मनमानी को अनदेखा किया। उस पर रोड टैक्स जमा कराने का दबाव भी नहीं बनाया। परिवहन आयुक्त विवेक शर्मा ने कंपनी को नोटिस जारी करने के साथ ही एनएचएम डायरेक्टर सलोनी सिडाना को भी पत्र लिखा है। इस पत्र में एनएचएम से कंपनी द्वारा बकाया रोड टैक्स जमा कराने का उल्लेख किया गया है। वहीं एनएचएम डायरेक्टर ने भी जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेज को इसके लिए निर्देशित किया है।
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हाल ही में विधानसभा के बजट सत्र के दौरान भी 108 एम्बुलेंस चला रही जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेस का मामला उठा था। राघौगढ़ विधायक जयवर्द्धन सिंह ने कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार को कटघरे में खड़े किया था। विधायक ने कंपनी को एक एम्बुलेंस के किराए के रूप में हर साल 45 लाख का भुगतान करके करोड़ों के गबन का भी आरोप लगाया था। उनका कहना था ढाई साल में कंपनी को एनएचएम के माध्यम से संचालित सेवा के लिए 900 करोड़ का भुगतान किया गया है। वहीं 108 एम्बुलेंस सेवा का संचालन करने वाली कंपनी जयअंबे इमरजेंसी सर्विसेज की मनमानी कई बार सामने आ चुकी है। प्रदेश में एम्बुलेंस सेवा की शुरूआत में ही कंपनी नौकरी के नाम पर कर्मचारियों से वसूली के आरोपों में घिरी थी। तीन महीने पहले यानी फरवरी में आयकर चोरी के चलते रायपुर में कंपनी कार्यालय में छापा भी मारा जा चुका है।