इंदौर में कन्फेक्शनरी व्यापारी गंगवानी एक्सपायरी माल से बना रहा था बच्चों की जैली
कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देशन में खाद्य विभाग ने 22 नवंबर 2024 को तिरूपति बेकर्स एवं कन्फेक्शनर्स, ग्राम बड़ियाकीमा, नेमावर रोड का निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण के दौरान बच्चों की चॉकलेट जैली व वेफर्स, मैदा और खारी के सैंपल लिए थे।
इंदौर के कन्फेक्शनरी व्यापारी नरेश गंगवानी द्वारा बच्चों के लिए तैयार की जाने वाली जैली में एक्सपायरी डेट के कलर और फ्लेवर का उपयोग किया जा रहा था। इसके अलावा चार महीने पहले जो मैदा इसकी बेकरी से अनसेफ मिला था उसी मैदे का उपयोग कर यह बेकरी आयटम बनाता मिला। जबकि पूर्व में खाद्य विभाग द्वारा की गई कार्रवाई में गंगवानी ने अपनी गलती को मानते हुए कहा था कि अब वह ऐसा गलत काम नहीं करेगा, लेकिन दूसरी बार जब अफसरों ने छापा मारा तो वह फिर वही हरकत करते हुए पकड़ा गया। अब उस पर एडीएम कोर्ट के अलावा जिला कोर्ट में भी केस चलेगा। गंगवानी इसके पूर्व में भी विवादित रहा है और इसके पूर्व शुरू की गई दवा कंपनी के सैंपल भी कई राज्यों में फेल हुए थे। तब दवा कंपनी बंद कर इसने कन्फेक्शनरी और बेकरी का काम शुरू किया था।
वेफर्स मिले थे मिस ब्रांडेड
कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देशन में खाद्य विभाग ने 22 नवंबर 2024 को तिरूपति बेकर्स एवं कन्फेक्शनर्स, ग्राम बड़ियाकीमा, नेमावर रोड का निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण के दौरान बच्चों की चॉकलेट जैली व वेफर्स, मैदा और खारी के सैंपल लिए थे। जिनमें से वेफर्स मिस ब्रांडेड मिला था। इस पर खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा प्रकरण को एडीएम कोर्ट में पेश कर दिया है। बताया गया कि यह कारोबारी की दूसरी गलती है। ऐसे में अब नियमानुसार उसका लायसेंस सस्पैंड की कार्रवाई की जा सकती है।
इसी पते पर पहली मंजिल पर नरेश गंगवानी द्वारा फर्म तिरूपति कन्फेक्शनर्स का संचालन भी किया जा रहा था। इसके निरीक्षण निरीक्षण में मौके पर खाद्य पदार्थ खारी व मैदा के कुल दो सैंपल लिए थे। इसकी रिपोर्ट में मैदा अनसेफ आया था। इस पर व्यापारी गंगवानी ने रिपोर्ट को चैलेंज करते हुए उसे जांच के लिए रेफरल लैब पुणे भेजा था। उसकी रिपोर्ट भी हालही में आई है। इसमें भी मैदा अनसेफ आया है। अब असुरक्षित खाद्य पदार्थ से संबंधित प्रकरण अभियोजन स्वीकृति के लिए भोपाल में खाद्य सुरक्षा आयुक्त के पास भेजा जा रहा है।
एडीएम गौरव बैनल ने बताया कि व्यापारी नरेश गंगवानी की नेमावर रोड़ पर एक ही परिसर में दो फेक्ट्री तिरूपति बेकर्स एवं कन्फेक्शनर्स और तिरूपति कन्फेक्शनर्स हैं। यहां पर गंगवानी कन्फेक्शनरी और बेकरी आयटम का निर्माण कार्य करता है। एक बार कार्रवाई किए जाने के बाद अफसरों को दूसरी बार भी शिकायत मिली कि यहां पर मिस ब्रांडेड वेफर्स अभी भी बन रहे हैं। इस पर जब अफसरों ने मौके पर छापा मारा तो पता चला कि जिस मैदे को अनसेफ मानते हुए दूसरी बार जांच के लिए पुणे की लैब भेजा था। उसी जब्त मैदे का उपयोग करके बेकरी आयटम का निर्माण किया जा रहा था। साथ ही इसने बेकरी का लायसेंस ही नहीं ले रखा है। केवल कन्फेक्शनरी के लायसेंस पर ही बेकरी का संचालन भी कर रहा है।
उन्होंने बताया कि अफसरों को मौके से एक्सपायरी फ्लेवर और एक्सपायरी कलर भी मिला है। गंगवानी से इसके बारे में पूछा गया तो वह बोला कि इसे ऐसे ही रखा है, जबकि मौके पर मिले साक्ष्य के आधार पर ऐसा पाया गया कि खाद्य पदार्थों के निर्माण में वह इसका उपयोग कर रहा था। पहली बार की कार्रवाई में अफसरों ने गंगवानी के एक प्रतिष्ठान को बंद कर दिया था। तब उसने अपनी गलती मानते हुए स्वीकार किया था कि ऐसी हरकत वापस नहीं करेगा। दूसरी बार भी जब अफसरों ने छापा मारा तो वह फिर बदमाशी करता मिला।
पहले दवाई का करता था कारोबार, तब भी हुए थे सैंपल फेल
असल में खाद्य कारोबारी नरेश गंगवानी इससे पूर्व में उत्तराखंड में दवा मेन्यूफेक्चरिंग का काम करता था। उस दौरान भी इसके सैंपल बड़ी मात्रा में अलग–अलग राज्यों मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड में फेल हो गए थे। इस पर गंगवानी ने अपनी दवाई फेक्ट्री बंद की और इंदौर में आकर वेफर्स और चॉकलेट बनाने का काम शुरू कर दिया था। बताया गया कि गंगवानी पूर्व में भी कई बार विवादित रह चुका है। इसने अभी तक जो भी फर्म खोली और कारोबार किया तो उसमें अनियमितताएं ही पाई गईं हैं।