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Indore. व्यापमं के पीएमटी घोटाले के ठंडा होने के बाद प्राइवेट मेडिकल कॉलेज के फंसे हुए मालिक, संचालक अब सीबीआई से निकलने की जुगत में जुटे हुए हैं। एक मामले में चिरायु मेडिकल कॉलेज के डॉ. अजय गोयनका को राहत मिल गई है और अब उनकी देखादेखी इंदौर के इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के मालिक सुरेश भदौरिया ने भी हाईकोर्ट में याचिका लगा दी है। इसमें एक सुनवाई हो चुकी है और अब इसी सप्ताह दूसरी सुनवाई होना है।
यह बोलकर राहत चाहता है भदौरिया
दरअसल जबलपुर हाईकोर्ट ने डॉ. अजय गोयनका द्वारा सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर को क्वैश करने की याचिका लगाई थी जिसमें फरवरी 2025 में आदेश हुआ। इसमें गोयनका का तर्क था कि उनका चिरायु मेडिकल कॉलेज के एडमिशन मामले से लेना-देना नहीं है, यह कॉलेज की रूटीन प्रक्रिया है, वह केवल चिरायु चेरिटेबल फाउंडेशन के सचिव है और इस फाउंडेशन के तहत कई संस्थाएं चलती है जिसमें मेडिकल कॉलेज भी एक है। इसमें हाईकोर्ट ने याचिका मंजूर कर ली। अब भदौरिया इसी तर्क के साथ हाईकोर्ट पहुंचा है। उनका कहना है कि वह मंयक वेलफेयर सोसायटी के चेयरमैन है, उनका इस सोसायटी द्वारा चलाए जा रहे इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के रूटीन काम में कोई भूमिका नहीं है। इसके लिए अलग से कॉलेज एडमीशन कमेटी होती है। वहीं प्रवेश के लिए जिम्मेदार होती है।
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इस मामले में सीबीआई ने यह लगाई है आपत्ति
इस मामले में सीबीआई ने पूरी जांच रिपोर्ट का ब्यौरा देते हुए आपत्ति ली है। सीबीआई का तर्क है कि इंडेक्स मेडिकल क़ॉलेज के सभी कामों में सीधे भदौरिया का हस्तक्षेप है, उनसे बिना पूछे कुछ नहीं होता है। डीन केवल दिखावे का पद है और एडमीशन कमेटी में जो हैड है अरूण अरोरा वह ना तो कॉलेज में फैकल्टी थे और ना ही किसी विभाग के प्रमुख थे। पूरी कमेटी भदौरिया के हिसाब से ही काम करती थी, ऐसे में एमपी पीएमटी 2012 के दौरान हुए एडमीशन फ्राड में सीधे भदौरिया व अन्य जिम्मेदार है।
सीबीआई ने इन प्राइवेट मेडिकल कॉलेज को जांच में आरोपी माना
इंडेक्स मेडिकल कॉलेज- सुरेश सिंह भदौरिया चेयरमैन, केके सक्सेना, पवन भरबनी, अरूण अरोरा, नितिन गोथवाल, जगत रावत
पीपुल्स मेडिकल कॉलेज- एसएन विजयवर्गीय, चेयरमैन, कैप्टन अंबरीश शर्मा डायरेक्टर, वीके पंड्या डीन, एएन महास्के, सीपी शर्मा, वीके रमन, पीडी महंत, एसके सदावर्ते, अतुर अहेर,
चिरायु मेडिकल कॉलेज- चेयरमैन अजय गोयनका, डीन वी मोहन, रवि सक्सेना, एसएन सक्सेना, वीएच भावगर, एके जैन, विनोद नारखेड़े, हर्ष शालांकर,
एलएन मेडिकल कॉलेज- चेयरमैन जयनारायण चौकसे, डीके सत्पथी, डीन स्वर्णा बिसेरिया गुप्ता
(इसके साथ ही अरविंदो मेडिकल क़ॉलेज के डॉ. विनोद भंडारी भी आरोपी है)
सीबीआई ने बताया इस तरह से किया गया खेल
सीबीआई ने जांच रिपोर्ट में बताया कि एडमीशन के लिए तीन तरह के खेल हुए।
1-इंजन (साल्वर)- बोगी (बैनिफिशियर) कांड- इसमें यूपी, बिहार व अन्य राज्यों से होशियार छात्रों से फार्म भरवाए, इसमें दो तरह के काम हुए, पहले उम्मीदवार की जगह यह इंजन छात्र बैठते थे और हाई रैंक लाकर उम्मीदवार का चयन कराते थे। दूसरे तरीके में इंजन और बोगी दोनों फार्म भरते थे, फर्जी पता करके और व्यापमं में सेटिंग के जरिए एक के पीछे दूसरे का रोल नंबर होता था, इसमें इंजन, बोगी का पेपर साल्व करा देता था।
2-ओएमआर शीट में खेल- यह व्यापमं अधिकारियों के जरिए होता था, इसमें ओएमआर शीट में सही आंसर भरके पास कराया जाता था
3-तीसरा खेल था इंजन के अधिक नंबर आते थे उसकी हाई रैंक होती थी, वह सरकारी की जगह प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेता था, बाद में वह सीट छोड़ देता था और इसके बाद कॉलेज लेवल पर काउंसलिंग कर कॉलेज की एडमीशन कमेटी अपने वाले उम्मीदवार को एडमीशन देती थी। इसमें डीएमई से सेंटिंग कर फर्जी लिस्ट बनाई जाती थी।
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इंडेक्स ने 17 उम्मीदवार इंजन वाले चुने थे
सीबीआई की जांच में आया कि इंडेक्स मेडिकल कॉलेज द्वारा साल 2012 की पीएमटी ने डीएमई के साथ मिलकर फर्जी जानकारी देते हुए अपने स्तर पर 17 इंजन वाले उम्मीदवारों को प्रवेश दिया और बाद में सीट खाली कराकर दूसरे एडमीशन दिए गए।