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मध्यप्रदेश के सतना जिले के अमरपाटन से कांग्रेस विधायक डॉ. राजेंद्र सिंह के बयान से प्रदेश में बवाल मच गया है। उनका बयान साधु-संतों के खिलाफ था, जिसके बाद उज्जैन के साधु-संतों में आक्रोश फैल गया है। विधायक के बयान पर तीव्र प्रतिक्रिया देते हुए साधु महावीर नाथ ने विधायक को सख्त चेतावनी दी है। साधु-संतों ने विधायक के खिलाफ नारेबाजी भी की और यहां तक कह दिया कि यदि विधायक कहीं मिले तो उसे दौड़ा-दौड़ाकर पीटेंगे।
क्या था कांग्रेस विधायक क बयान
दरअसल, बुधवार को सतना में एक कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस विधायक डॉ. राजेंद्र सिंह ने साधु-संतों को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि भाजपा ने साधु-संतों, संन्यासियों, बाबा बैरागियों और महामंडलेश्वरों को जनता के बीच छोड़ दिया है। उनका आरोप था कि भाजपा सिर्फ हिंदुत्व की बात करती है, जबकि ये साधु-संत अपनी पहचान खो चुके हैं। उन्होंने साधु-संतों पर यह भी टिप्पणी की कि ये लोग दूसरों के खेतों में जैसे 'सांड' की तरह चर रहे हैं और देश की धर्मनिरपेक्षता तथा समाजवाद जैसी पहचान को कमजोर कर रहे हैं।
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साधु महावीर नाथ की तीखी प्रतिक्रिया
विधायक के बयान के बाद उज्जैन के साधु महावीर नाथ ने खुलकर अपनी नाखुशी जताई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक ने साधु-संतों का अपमान किया है और ऐसे व्यक्ति को सबसे घटिया विधायक करार दिया। महावीर नाथ ने कहा कि यदि उन्हें विधायक कहीं मिलते हैं, तो वे उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पीटेंगे और जानवर जैसा बना देंगे। साधु-संतों के इस प्रकार के बयान से पूरे क्षेत्र में तनाव बढ़ गया।
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विधायक ने माफी मांगी
वहीं, इस विवाद के बढ़ने के बाद कांग्रेस विधायक डॉ. राजेंद्र सिंह ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि उनका बयान किसी भी व्यक्ति विशेष को आहत करने के लिए नहीं था। इसके बावजूद, विवाद को लेकर राज्य में राजनीति गर्मा गई है और विभिन्न धार्मिक संगठन और राजनीतिक दल इस पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
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साधु-संतों को सांड कहने पर विवाद
कांग्रेस विधायक डॉ. राजेंद्र कुमार सिंह ने राम मंदिर और महाकुंभ के आयोजन का जिक्र करते हुए कहा कि संयोग से राम मंदिर का निर्माण और महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन एक ही समय में हुए, लेकिन इन आयोजनों के बावजूद बड़ी संख्या में लोग नहीं पहुंचे। उन्होंने दावा किया कि मीडिया और सोशल मीडिया पर प्रचार के बावजूद महाकुंभ में 10 से 12 करोड़ से ज्यादा लोग नहीं गए। इस दौरान उन्होंने साधु-संतों को लेकर यह कहा कि "ये सांड, चर रहे हैं दूसरों का खेत", जिससे यह बयान बेहद विवादास्पद हो गया।
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प्रचार और हिंदुत्व की बात करने का दबाव
डॉ. राजेंद्र कुमार सिंह ने आरोप लगाया कि साधु-संतों, संन्यासियों, बाबा बैरागियों और महामंडलेश्वरों को जनता के बीच छोड़ दिया गया है ताकि वे हिंदुत्व की बात करें, भाजपा का प्रचार करें और सनातन धर्म की बात करें। उन्होंने यह भी कहा कि यह सब कुछ एक तरह से "वाट्सएप यूनिवर्सिटी" द्वारा प्रचारित किया गया है, जिसने लोगों के दिमाग में यह सब भर दिया है। इस तरह के बयान ने न केवल राजनीतिक, बल्कि धार्मिक मुद्दों पर भी बहस छेड़ दी है।
क्या बोले विधायक
अपने बयान में, विधायक डॉ. राजेंद्र कुमार सिंह ने यह भी कहा कि भारत की पहचान धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद से जुड़ी है, जो अब संकट में है। उन्होंने यह संकेत दिया कि संवैधानिक संस्थाओं की मजबूती भी खतरे में है और देश में बड़ी चुनौती उत्पन्न हो रही है। उनका यह कहना था कि जो लोग इसे जीतने की मंजिल समझ रहे हैं, वह दरअसल "बसेरा" है और अभी देश में अंधेरा छाया हुआ है। विधायक ने कार्यकर्ताओं से यह अपील की कि वे मशाल जलाएं और इस अंधेरे से बाहर निकलने का प्रयास करें।