ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में CII के नाम पर बिना टेंडर और ऑडिट के करोड़ों के खर्चे

'द सूत्र' को खर्चे के जो दस्तावेज मिले हैं, उसके अनुसार सीआईआई को रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव व पुरानी तीन समिट के दौरान करोड़ों में राशि दी गई है, जिसका कोई हिसाब नहीं है। 

author-image
Sanjay Gupta
New Update
Global Investors 2025
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

Indore. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) की उलटी गिनती हो रही है और 24 व 25 फरवरी को भोपाल में अभी तक की सबसे बड़ी समिट हो रही है। इस समिट पर कितना खर्च हो रहा है, इसका खुलासा अभी नहीं हुआ है। लेकिन जो भी खर्च होगा उसकी कोई जांच नहीं होगी, जैसे पहले नहीं हुई। कारण साफ है कि यह समिट और रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव व अन्य सभी आयोजन मप्र सरकार सीआईआई (CII कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री) के जरिए कराता है।

ये खबर भी पढ़िए...ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) से अभी तक क्या मिला, निवेश और रोजगार दावों का क्या हुआ?

समिट, रीजनल कॉन्क्लेव, आटो शो में यह खर्च

'द सूत्र' को खर्चे के जो दस्तावेज मिले हैं। उसके अनुसार सीआईआई को रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव व पुरानी तीन समिट के दौरान करोड़ों में राशि दी गई है, जिसका कोई हिसाब नहीं है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2012 में सीआईआई को आयोजन के लिए पहले 7.30 करोड़ और फिर 13.35 करोड़ रुपए दिए गए। इस तरह कुल 20.65 करोड़ रुपए दिए गए।

गये खबर भी पढ़िए...लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले आज हो सकते हैं कई बड़े फैसले, मिलेगा निवेश को बढ़ावा

रीजनल कॉन्क्लेव उज्जैन पर खर्च

  • ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2014 के लिए सीआईआई को 16.91 करोड़ रुपए दिए गए।
  • इंदौर में अप्रैल 2022 में हुए ऑटो शो के लिए सीआईआई को 8.69 करोड़ रुपए दिए गए।
  • दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के लिए जनवरी 2022 में सीआईआई को 5.11 करोड़ रुपए दिए गए।
  • उज्जैन में हुई रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव 2025 के लिए सीआईआई को करीब 10 करोड़ रुपए दिए गए।

(यह केवल एक रीजनल कॉन्क्लेव का खर्चा है। यह कॉन्क्लेव जबलपुर, ग्वालियर, सागर, शहडोल, रीवा, नर्मदापुरम में भी हुई है)

इंदौर में ऑटो शो पर खर्च

सीआईआई और सरकार इसलिए नहीं देती हिसाब

दरअसल सरकार इस मामले में कोई भी हिसाब देने से यह मना कर देती है कि यह आयोजन सीआईआई के जरिए किया गया। इसलिए इसमें टेंडर व अन्य प्रक्रिया की जरूरत नहीं होती है। सरकार सीआईआई को सीधे तौर पर इवेंट के लिए जिम्मा दे सकती है। वहीं सीआईआई को लेकर सरकार और खुद संस्था यह बताती है कि वह पब्लिक अथॉरिटी नहीं है, इसलिए वह इस खर्चे का हिसाब सूचना के अधिकार में भी देने के लिए बाध्य नहीं है। पीथमपुर औद्योगिक संगठन के प्रमुख गौतम कोठारी ने लगातार सरकार, सीआईआई को चिट्ठी लिखी लेकिन जानकारी नहीं दी गई। अब वह इसमें उच्च स्तर पर गए हैं और अब सीआईआई को पब्लिक अथॉरिटी घोषित करने की मांग की गई है।

ये खबर भी पढ़िए...ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियां तेज, 2 लाख पौधे, 5 हजार पेंटिंग्स से हो रही सजावट

दावोस में इवेंट पर हुआ खर्च

'द सूत्र' ने भी लगाई आरटीआई तो यह मिला जवाब

इस मामले में 'द सूत्र' के संवाददाता नील तिवारी ने जबलपुर कॉन्क्लेव को लेकर जानकारी मांगी और एमपीआईडीसी में एक आरटीआई भी लगाई थी, तो जवाब दिया गया कि सीआईआई और पर्यटन विभाग ने मिलकर यह किया है और इसमें टेंडर की जरूरत नहीं होती है।

ये खबर भी पढ़िए...ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट : एंट्री से पहले चेक होंगे पास, पहली बार होगी सेक्टर वाइस समिट

ग्लोबल समिट 2014 में खर्चा

सीआईआई इन कामों करता है खर्च

सीआईआई ने जो हिसाब मप्र शासन को बताए हैं कि वह यह राशि कहां खर्च करेगा इसमें इवेंट आयोजन के साथ ही कार रेंट पर लेना, एयर टिकट कटाना, वेन्यू पर मीटिंग अरेंज कराना, कम्युनिकेशनआदि का खर्च बताया है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि सीआईआई यह राशि क्या ट्रांसपेरेंसी से खर्च करती है। बिल्कुल नहीं, यह सीआईआई के हाथ में है कि वह इन कामों को किसके जरिए कराए। यानी सरकार ने सीआईआई को राशि देकर पल्ला झाड़ा और सीआईआई इसे अपने हिसाब से बिना टेंडर प्रक्रिया, ऑडिट झेले खर्च करती है।

ग्लोबल समिट 2012 में

सीआईआई 10 फीसदी यह भी लेती है

इन कामों के साथ ही यहीं खत्म नहीं हुआ। सीआईआई कुल खर्च पर 10 फीसदी और चार्ज करती है। यह प्रशासनिक खर्चे के नाम पर लिया जाता है, यानी जो उसने व्यवस्थाएं की है उसके बदले में यह राशि चार्ज की जाती है। जैसे दावोस में हुए वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में 4.65 करोड़ खर्च बताया और इस पर 10 फीसदी 46 लाख रुपए प्रशासनिक चार्ज लिया। इस तरह कुल 5.11 करोड़ की राशि मप्र सरकार से ली गई।

मध्य प्रदेश रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव द सूत्र ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव जीआईएस इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव इंदौर न्यूज Global Investors Summit एमपी हिंदी न्यूज