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भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) में अब क्रायोस्टेट मशीन उपलब्ध है। यह मशीन कैंसर सर्जरी में तत्काल निर्णय लेने में मदद करती है। बीएमएचआरसी की प्रभारी निदेशक डॉ. मनीषा श्रीवास्तव ने इसका लोकार्पण किया। यह मशीन सर्जन को ऑपरेशन के दौरान बेहतर निर्णय लेने में मदद करेगी।
क्या है क्रायोस्टेट मशीन?
BMHRC की पैथोलाजी विभाग की प्रमुख डॉ. हनी गुलवानी ने बताया कि यह मशीन सर्जरी के दौरान निकाले गए टिश्यू को तुरंत ठंडा करती है। इसके बाद सूक्ष्म स्लाइड तैयार होती है, जिसे पैथोलाजिस्ट माइक्रोस्कोप से जांच सकते हैं। इस प्रक्रिया को फ्रोजन सेक्शन कहा जाता है। इसकी खासियत है कि रिपोर्ट कुछ मिनटों में तैयार हो जाती है। पारंपरिक बायोप्सी में रिपोर्ट आने में कई घंटे या दिन लगते हैं।
3 पॉइंट्स में समझें कैसे काम करती है क्रायोस्टेट मशीन👉 यह मशीन ऑपरेशन के दौरान निकाले गए टिश्यू को तुरंत ठंडा करती है। इससे सूक्ष्म स्लाइड तैयार होती है। पैथोलाजिस्ट माइक्रोस्कोप से स्लाइड की जांच करते हैं और रिपोर्ट कुछ मिनटों में तैयार हो जाती है। पारंपरिक बायोप्सी में रिपोर्ट आने में कई घंटे या दिन लगते हैं। 👉 क्रायोस्टेट मशीन का उपयोग कैंसर सर्जरी में होता है। यह सर्जन को तुरंत बताता है कि निकाला गया ट्यूमर कैंसरयुक्त है या नहीं। यदि कैंसर की पुष्टि होती है, तो सर्जन ऑपरेशन के दौरान ही आगे की प्रक्रिया करते हैं। इससे मरीज को दूसरी सर्जरी से बचाया जा सकता है। 👉 क्रायोस्टेट मशीन की शुरुआत मरीजों को अधिक सटीक और समयबद्ध इलाज देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सर्जनों और पैथोलाजिस्ट के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करेगी, जिससे मरीजों को उच्च गुणवत्ता का इलाज मिलेगा। |
कैंसर सर्जरी में ऐसे मिलती है मदद
बीएमएचआरसी के कैंसर रोग विभाग के सहायक प्रोफेसर सोनवीर गौतम ने बताया कि क्रायोस्टेट मशीन का उपयोग कैंसर सर्जरी में होता है। यदि सर्जरी के दौरान यह जानना जरूरी हो कि निकाला गया ट्यूमर कैंसरयुक्त है या नहीं, तो उसी समय टिश्यू का परीक्षण कर रिपोर्ट मिल जाती है।
यदि कैंसर की पुष्टि होती है, तो सर्जन ऑपरेशन के दौरान ही आगे की प्रक्रिया करते हैं। इससे मरीज को दोबारा सर्जरी से बचाया जा सकता है। यह इलाज की गुणवत्ता में सुधार करता है और मरीज को अनावश्यक दर्द, खर्च और लंबी प्रक्रिया से बचाता है। यह तकनीक यह भी बताती है कि ट्यूमर की कोशिकाएं पूरी तरह हट गई हैं या नहीं।
चुनिंदा संस्थानों में शामिल हुआ BMHRC
क्रायोस्टेट मशीन की स्थापना से बीएमएचआरसी उन संस्थानों में शामिल हो गया है। ऑपरेशन के दौरान ही कैंसर की पुष्टि और इलाज के निर्णय लिए जा सकते हैं। यह सुविधा विशेष रूप से कैंसर, न्यूरो (मस्तिष्क), स्तन, हेड-नेक और स्त्री रोग सर्जरी में उपयोगी होगी।
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मरीजों को मिलेगा बेहतर इलाज
BMHRC की प्रभारी निदेशक मनीषा ने बताया कि क्रायोस्टेट मशीन की शुरुआत मरीज-केंद्रित स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह मशीन सर्जनों और पैथोलाजिस्ट के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करने में सहायक होगी। इससे मरीजों को अधिक सटीक और समयबद्ध इलाज मिलेगा।
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