डेली कॉलेज की दादागिरी... प्रशासन का आदेश लौटाया, कलेक्टर ने सख्ती की तो मैनेजमेंट ने मांगी माफी

इंदौर के डेली कॉलेज प्रबंधन ने जिला प्रशासन के आदेश का उल्लंघन किया। कलेक्टर के आदेश पर संविधान संशोधन पर रोक लगाने का आदेश भेजा गया था। इसे कॉलेज प्रबंधन ने लौटा दिया।

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Rahul Dave
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INDORE. इंदौर के नामी डेली कॉलेज की दादागिरी का मामला सामने आया है। डेली कॉलेज मैनेजमेंट ने जिला प्रशासन का आदेश भी मानने से इनकार कर हद पार कर दी। कलेक्टर शिवम वर्मा के निर्देश पर फर्म एंड सोसायटी विभाग ने संविधान संशोधन पर रोक लगाने का आदेश कॉलेज को भेजा। इसे प्रबंधन ने उसे लौटा दिया। इतना ही नहीं, आदेश लेकर पहुंचे सरकारी स्टाफ को कैंपस में घुसने तक नहीं दिया गया।

जानकारी के अनुसार, मंगलवार सुबह करीब 10 बजे फर्म एंड सोसायटी विभाग का स्टाफ आदेश लेकर डेली कॉलेज पहुंचा। यह वही आदेश था, जिसमें कहा गया था कि 12 नवंबर की बोर्ड बैठक में संविधान संशोधन से जुड़ा कोई प्रस्ताव पारित नहीं होगा। जैसे ही स्टाफ ने यह आदेश डेली कॉलेज के गार्ड को दिखाया तो उसने उन्हें गेट पर ही रोक दिया। जब उन्होंने बताया कि यह आदेश जिला प्रशासन का है तो गार्ड ने प्रबंधन से संपर्क किया। मैनेजमेंट की ओर से साफ कहा गया कि आदेश मत लो। 

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कलेक्टर ने अपनाया कड़ा रुख 

गार्ड के इनकार के बाद स्टाफ ने आदेश वापस ले जाकर पूरा मामला कलेक्टर शिवम वर्मा को बताया। कलेक्टर ने कड़ा रुख अपनाते हुए आदेश को ई-मेल के जरिए मैनेजमेंट को भेजने के निर्देश दिए। कॉलेज प्रबंधन को कार्रवाई की जानकारी मिलने पर उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से माफी मांगी। फिर उन्होंने आदेश को पंजीयन कार्यालय से खुद जाकर प्राप्त करने की बात कही।

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यह है पूरा मामला

डेली कॉलेज बोर्ड के सदस्य धीरज लुल्ला और कुछ अन्य पर आरोप है कि वे संस्थान के संविधान में मनमाने संशोधन की कोशिश कर रहे थे। कहा जा रहा है कि इस बदलाव के जरिए कुछ सदस्य स्थायी रूप से पद पर बने रहने की योजना बना रहे थे। जानकारी के अनुसार, 12 नवंबर को सिर्फ 9 सदस्यों की मौजूदगी में बोर्ड बैठक बुलाकर नियमों के विपरीत संशोधन प्रस्ताव पारित करने की तैयारी थी।

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पैरेंट्स पहुंचे कलेक्टर के पास 

इस पूरे घटनाक्रम से चिंतित अभिभावकों के प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर शिवम वर्मा से मुलाकात कर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की थी। इसके बाद कलेक्टर ने मामले की गंभीरता देखते हुए फर्म एंड सोसायटी विभाग से रिपोर्ट मांगी।

रिपोर्ट में बताया गया कि इससे पहले भी 29 अगस्त 2025 को आदेश जारी किया गया था। इसमें कहा गया था कि बिना वार्षिक आमसभा (AGM) बुलाए किसी भी प्रकार का संविधान संशोधन अनुचित और अमान्य होगा। इसके बावजूद, बोर्ड फिर से वही खेल खेलने की तैयारी में था। 

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कलेक्टर की चेतावनी 

कलेक्टर शिवम वर्मा ने कहा, 12 नवंबर की बैठक में केवल प्रशासनिक और स्कूल के संचालन से जुड़े निर्णय ही लिए जा सकते हैं। शासन से इस विषय पर स्टे आदेश प्रभावी है, इसलिए संविधान संशोधन या व्यापक परिवर्तन से जुड़ा कोई भी प्रस्ताव मान्य नहीं होगा। कलेक्टर के इस कदम के बाद कॉलेज प्रबंधन की सारी चालें धरी रह गईं।

पहले भी हुआ था विवाद 

यह पहला मौका नहीं है जब डेली कॉलेज बोर्ड पर संविधान बदलने की कोशिशों का आरोप लगा है। अभिभावकों का आरोप है कि 1 जुलाई 2025 की बोर्ड बैठक में भी बिना AGM बुलाए संविधान में संशोधन करने की कोशिश की गई थी।

इस पर अभिभावकों ने सब-रजिस्ट्रार कार्यालय, इंदौर में याचिका दायर की थी। बाद में 29 अगस्त को आदेश जारी हुआ कि कॉलेज की वार्षिक आमसभा बुलाकर सभी सदस्यों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। हालांकि कॉलेज प्रबंधन ने इस आदेश को भोपाल में चुनौती दी, जहां 19 सितंबर को अस्थायी स्थगन (स्टे) मिल गया। लेकिन मामला अब भी अंतिम निर्णय की प्रतीक्षा में है।

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