द सूत्र की खबरों का असर...डेली कॉलेज की मनमानी पर कलेक्टर ने लगाया ब्रेक, समय पर होंगे चुनाव

इंदौर के डेली कॉलेज प्रबंधन की मनमानी पर जिला प्रशासन ने कड़ा कदम उठाया है। कलेक्टर शिवम वर्मा ने कॉलेज के संविधान में मनचाहा बदलाव करने की कोशिशों पर रोक लगा दी है।

author-image
Rahul Dave
New Update
Indore Collector Takes Action Against Daly College Mismanagement
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

देश के सबसे प्रतिष्ठित स्कूलों में शुमार इंदौर के डेली कॉलेज प्रबंधन की मनमानी पर जिला प्रशासन ने लगाम कस दी है। इंदौर कलेक्टर शिवम वर्मा ने संस्थान के संविधान में मनचाहा बदलाव करने की कोशिशों पर ब्रेक लगा दिया है।

यह कदम उन पैरेंट्स की शिकायत के बाद उठाया गया है, जिन्होंने आरोप लगाया था कि कॉलेज बोर्ड के कुछ सदस्य नियमों को ताक पर रखकर अपने पदों को स्थाई करने की योजना बना रहे हैं।

द सूत्र ने डेली कॉलेज (Daly College Indore) प्रबंधन की मनमानी को लेकर लगातार खबरें प्रकाशित की थीं। इसके बाद प्रबंधन पहले ही कटघरे में था।

अब कलेक्टर शिवम वर्मा ने फर्म एंड सोसायटी से कहा है कि 12 नवंबर 2025 को होने वाली डेली कॉलेज की बोर्ड बैठक में संविधान संशोधन से जुड़ा कोई भी प्रस्ताव मंजूर नहीं किया जाएगा।

इस आदेश के बाद सहायक पंजीयक बीडी कुबेर ने औपचारिक आदेश जारी कर दिए हैं। कलेक्टर ने संकेत दिए हैं कि डेली कॉलेज बोर्ड के चुनाव समय पर कराए जाएंगे। इस प्रक्रिया में कोई देरी नहीं होगी।

कलेक्टर के पास पहुंचे थे पैरेंट्स

पैरेंट्स के एक प्रतिनिधिमंडल ने सीधे कलेक्टर शिवम वर्मा से मुलाकात कर उन्हें पूरी स्थिति बताई थी। उन्होंने कहा था कि बोर्ड (इंदौर का डेली कॉलेज बोर्ड) के सदस्य धीरज लुल्ला और कुछ अन्य संविधान में ऐसा संशोधन करना चाहते थे, जिससे कुछ सदस्य हमेशा के लिए बोर्ड में बने रहें।

पैरेंट्स ने कहा, 12 नवंबर को महज 9 सदस्यों की मौजूदगी में बिना एजीएम (वार्षिक आमसभा) बुलाए बैठक रखी गई है, जिसमें संविधान बदलने की योजना है। उन्होंने इसे संस्थान और पारदर्शी व्यवस्था के खिलाफ बताया और कलेक्टर से तत्काल हस्तक्षेप कर रोक लगाने की मांग की।

डेली कॉलेज से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें...

डेढ़ सौ साल पुराने डेली कॉलेज बोर्ड को लेकर 12 तारीख की सुनवाई पर टिकी निगाहें

इंदौर के डेली कॉलेज का बोर्ड बेलगाम, लोकतंत्र को ठेंगा बताकर कार्यकाल चार महीने और बढ़ाया

पहले भी की थी मनमानी की कोशिश

रजिस्ट्रार, फर्म्स और सोसायटीज इंदौर की रिपोर्ट में सामने आया कि यह पहला मौका नहीं है, जब बोर्ड ने संविधान बदलने की कोशिश की है।

पहले भी 29 अगस्त 2025 को विभाग ने आदेश जारी किया था। इसमें कहा गया था कि बिना वार्षिक आमसभा के किसी भी संशोधन को गैरकानूनी और अनुचित माना जाएगा। इसके बावजूद बोर्ड ने दोबारा वही कोशिश शुरू कर दी थी।

शासन का स्टे लागू

शिकायतों की जांच के बाद कलेक्टर वर्मा ने कहा कि 12 नवंबर की बैठक में सिर्फ प्रशासनिक और शैक्षणिक फैसले ही लिए जा सकते हैं।

शासन से इस मामले में स्टे आदेश पहले से प्रभावी है, इसलिए किसी भी तरह के संविधान संशोधन या बड़े बदलाव का प्रस्ताव अमान्य माना जाएगा। कलेक्टर के इस रुख ने स्पष्ट कर दिया है कि अब डेली कॉलेज में बोर्ड की मनमानी (डेली कॉलेज प्रबंधन विवाद) नहीं चलेगी।

डेली कॉलेज से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें...

शाही पार्टियां देकर चुनाव कराने से बच रहा इंदौर का डेली कॉलेज, AGM बुलाने से भी परहेज

विवादों के साए में डेली कॉलेज, चुनाव नहीं कराना चाहते बोर्ड मेंबर्स, स्टे लाने की तैयारी

पहले भी दायर की जा चुकी है याचिका

पैरेंट्स ने बताया कि इससे पहले 1 जुलाई 2025 की बोर्ड बैठक में भी बिना एजीएम बुलाए संविधान बदलने की कोशिश की गई थी। इसके खिलाफ उन्होंने सब रजिस्ट्रार, इंदौर में याचिका दायर की थी।

उसके बाद 29 अगस्त को आदेश जारी हुआ कि डेली कॉलेज की वार्षिक आमसभा बुलाकर सभी सदस्यों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। हालांकि, कॉलेज प्रबंधन ने इस आदेश के खिलाफ भोपाल में अपील दायर की और 19 सितंबर को अस्थायी स्टे हासिल कर लिया। अभी अंतिम निर्णय लंबित है।

अब नहीं टलेगा चुनाव, तय समय पर होगी प्रक्रिया

कलेक्टर ने संकेत दिए हैं कि अब डेली कॉलेज बोर्ड (डेली कॉलेज इंदौर) के चुनाव समय पर कराए जाएंगे। उन्होंने यह भी साफ किया कि किसी भी बहाने से चुनाव टाले नहीं जाएंगे।

इससे संस्थान में पारदर्शिता, जवाबदेही और सुशासन बना रहेगा। कलेक्टर के आदेश के बाद पैरेंट्स में खुशी है। उनका कहना है कि यह फैसला संस्थान में जवाबदेही बहाल करने की दिशा में बड़ा कदम है।

बाकी स्कूलों में पारदर्शिता, यहां मनमानी

देश के प्रतिष्ठित दून स्कूल, मेयो कॉलेज और राजकुमार कॉलेज जैसे देश के बड़े स्कूलों में जनरल काउंसिल जैसी लोकतांत्रिक व्यवस्था है।

वहां बोर्ड अकेले तानाशाही नहीं कर सकता, लेकिन डेली कॉलेज (daly college news) में बोर्ड अपनी मर्जी का संविधान थोपे बैठा है।

नतीजा साफ है कि डेली कॉलेज की साख अब दांव पर है। सवाल यह है कि 4 हजार से ज्यादा सदस्यों की आवाज सुनी जाएगी या 9 लोगों की मनमानी ही हावी रहेगी?

डेली कॉलेज इंदौर इंदौर का डेली कॉलेज बोर्ड Daly college डेली कॉलेज कलेक्टर शिवम वर्मा इंदौर के डेली कॉलेज Daly College Indore daly college news डेली कॉलेज प्रबंधन विवाद
Advertisment