विजय श्रीवास्तव@Damoh
MP NEWS: मध्य प्रदेश के दमोह के टौरी गांव में स्थित शिक्षा विभाग के बालिका छात्रावास में बाल संरक्षण आयोग की टीम ने निरीक्षण किया। इस दौरान छात्रावास में गंभीर अनियमितताएं और संवेदनशील मुद्दे सामने आए। निरीक्षण के दौरान आयोग की टीम को राष्ट्रीय ध्वज डस्टबिन में पड़ा मिला और भारत माता की तस्वीर उल्टी अवस्था में रखी हुई थी, जो राष्ट्र और सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति अत्यंत अपमानजनक है। छात्राओं ने आरोप लगाए कि वार्डन पूजा करने से रोकती हैं और छात्रावास में किराना दुकान चलाकर उनसे सामान खरीदने का दबाव बनाती हैं।
निरीक्षण में मुस्लिम, ईसाई और बौद्ध धर्म से जुड़ी आपत्तिजनक किताबें भी मिलीं, जिससे धार्मिक प्रभाव और संभावित मानसिक शोषण की आशंका बढ़ी है। वार्डन की अनुपस्थिति और अव्यवस्थित छात्रावास व्यवस्था ने मामले को और भी गंभीर बना दिया है। बाल संरक्षण आयोग ने इस पर सख्त आपत्ति जताते हुए अधिकारियों से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। यह मामला बालिकाओं की सुरक्षा, धार्मिक स्वतंत्रता और शिक्षा के अधिकार से सीधे जुड़ा है।
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छात्राओं को पूजा से रोका जा रहा
छात्रावास की छात्राओं ने आयोग को बताया कि वार्डन यशवंती महोबे उन्हें पूजा-पाठ करने से रोकती हैं। यह आरोप धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन की तरफ इशारा करता है। यह स्थिति एक शिक्षण संस्थान में छात्राओं की धार्मिक आस्था और मानसिक शांति को प्रभावित कर सकती है।
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छात्रावास में किराना दुकान
टीम ने पाया कि छात्रावास परिसर में ही एक किराने की दुकान संचालित हो रही है, जिसे वार्डन की अनुमति और भागीदारी से चलाया जा रहा है। यह दुकान छात्रावास की प्यून द्वारा चलाई जा रही थी और छात्राओं को यहीं से सामान खरीदने के लिए विवश किया जा रहा था।
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छात्रावास बंद, वार्डन फरार
निरीक्षण के समय वार्डन छात्रावास से गायब थीं, और उनके अवकाश की कोई पूर्व सूचना या आवेदन भी नहीं मिला। पूरा छात्रावास एक कम पढ़े-लिखे प्यून के भरोसे चल रहा था। टीम को एक कमरे की चाबी तो मिली लेकिन दूसरी चाबी नहीं मिलने से पूरी जांच नहीं हो पाई। आयोग ने कहा है कि वे इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर उच्च अधिकारियों को भेजेंगे।
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