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MP Congress in-charge Harish Chaudhary Photograph: (the sootr)
बाड़मेर के कमलेश प्रजापति एनकाउंटर मामले में बड़ी कानूनी कार्रवाई हुई है। इस चर्चित एनकाउंटर मामले में, एसीजेएम ( सीबीआई ) कोर्ट ने 2 आईपीएस अधिकारियों सहित 24 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मर्डर केस दर्ज करने का आदेश दिया है। साथ ही, अदालत ने तत्कालीन राजस्व मंत्री और वर्तमान में बायतू विधायक हरीश चौधरी, उनके भाई मनीष चौधरी, और तत्कालीन आईजी नवज्योति गोगाई की भूमिका की भी जांच करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि हरीश चौधरी वर्तमान में मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रभारी हैं। यह फैसला कोर्ट ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज करते हुए सुनाया है।
कमलेश प्रजापति का एनकाउंटर: जांच और विवाद
22 अप्रैल 2021 को बाड़मेर के सदर थाना क्षेत्र में पुलिस ने कमलेश प्रजापति को पकड़ने के लिए छापेमारी की थी। बाड़मेर एससी-एसटी सेल के तत्कालीन डीएसपी पुष्पेंद्र आढ़ा ने 23 अप्रैल 2021 को सदर थाने में रिपोर्ट दी थी। जिसमें तस्कर कमलेश प्रजापति द्वारा जानलेवा हमला करने के जवाब में पुलिस की जवाबी कार्रवाई में उसके एनकाउंटर की बात कही थी। पुलिस का कहना था कि प्रजापति ने पुलिस पर जानलेवा हमला किया और फिर भागने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया। इस एनकाउंटर का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था। इसके बाद पुलिस ने कमलेश के घर से विभिन्न आपत्तिजनक सामान जब्त किए, जिनमें नकदी, लग्जरी वाहन, हथियार और ड्रग्स शामिल थे।
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जब्त हुई थीं लग्जरी गाड़ियां
कमलेश के एनकाउंटर के बाद पुलिस ने सर्च ऑपरेशन चलाया था। कार्यपालक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में सर्च ऑपरेशन में 59 लाख 69 हजार 50 रुपए नकदी, लग्जरी वाहनों सहित 11 अलग-अलग कंपनी की गाड़ियां, 5 अवैध पिस्टल, 9 मैगजीन, 121 कारतूस, 2 किलो 360 ग्राम अफीम का दूध, 1 किलो 715 ग्राम डोडा-पोस्त, 13 मोबाइल फोन, 4 डोंगल और एक एटीएम पुलिस ने जब्त किए थे। एनकाउंटर के बाद सर्च में तस्कर के घर से अलग-अलग कंपनियों की 11 गाड़ियां बरामद की गई थी।
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क्लोजर रिपोर्ट और जसोदा की याचिका
सीबीआई ने इस मामले की जांच करते हुए 2021 में क्लोजर रिपोर्ट पेश की, जिसमें यह कहा गया कि कमलेश का एनकाउंटर फर्जी नहीं था। हालांकि, मृतक की पत्नी जसोदा ने 28 मार्च 2023 को सीबीआई की रिपोर्ट को चुनौती दी। जसोदा ने अदालत में यह आरोप लगाया कि जांच निष्पक्ष नहीं हुई, और मृतक के घर से सीसीटीवी फुटेज भी डिलीट किए गए।
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अदालत ने क्लोजर रिपोर्ट को खारिज किया
अदालत ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज करते हुए आदेश दिया कि तत्कालीन पाली एसपी कालूराम रावत, बाड़मेर एसपी आनंद शर्मा और 24 पुलिसकर्मियों पर मर्डर केस दर्ज किया जाए। अदालत ने सीबीआई से 2 महीने के भीतर रिपोर्ट पेश करने को कहा है। साथ ही, हरीश चौधरी, उनके भाई मनीष चौधरी और आईजी नवज्योति गोगोई की भूमिका की भी जांच की जाएगी।
विधायक हरीश चौधरी पर उठे सवाल
इस पूरे मामले पर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। मध्यप्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता आशीष उषा अग्रवाल ने ट्वीट कर विधायक हरीश चौधरी और उनके भाई मनीष चौधरी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि जिन लोगों पर हत्या जैसे गंभीर आरोप लग रहे हैं, वे मध्यप्रदेश में न्याय की बात कैसे कर सकते हैं।
“मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रभारी व राजस्थान के बायतू से कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी और उनके भाई पर गंभीर आरोप!“
— Ashish Usha Agarwal आशीष ऊषा अग्रवाल (@Ashish_HG) April 28, 2025
“जो खुद हत्या जैसे गंभीर आरोपों में घिरे हों, वो आज मध्यप्रदेश में न्याय की बात कैसे कर सकते हैं?“
-राजस्थान के बाड़मेर में कमलेश प्रजापति एनकाउंटर मामले में न्यायालय… pic.twitter.com/ap21oQmp8K
क्या बदलेगा प्रदेश कांग्रेस प्रभारी?
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी पर लगे आरोपों का प्रदेश प्रभारी के पद से उनकी हटाने की संभावना पर कम असर पड़ेगा। हालांकि, इन आरोपों का प्रभाव मध्यप्रदेश की राजनीति पर गहरा हो सकता है। बीजेपी इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर तीखा हमला कर सकती है। यदि यह मामला प्रदेश की राजनीति में ज्यादा तूल पकड़ता है, तो कांग्रेस पार्टी को मजबूरन प्रदेश प्रभारी बदलने पर विचार करना पड़ सकता है। हरीश चौधरी पर एक व्यक्ति की हत्या की साजिश का आरोप है, ऐसे में विपक्ष के प्रभारी के तौर पर उनकी भूमिका पर सवाल उठ सकते हैं। इस स्थिति में कांग्रेस को मजबूरी में प्रदेश प्रभारी बदलने का फैसला लेना पड़ सकता है।
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टाइमलाइन: जानें क्या है कमलेश प्रजापति एनकाउंटर मामला...
22 अप्रैल 2021 - एनकाउंटर की घटना
राजस्थान की बाडमेर पुलिस ने कमलेश प्रजापति को पकड़ने के लिए 22 अप्रैल 2021 को बाड़मेर के सदर थाना क्षेत्र में सेंट पॉल स्कूल के पास एक मकान में छापेमारी की। कमलेश ने पुलिस पर हमला किया और एसयूवी से गेट तोड़कर भागने की कोशिश की। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए उसे गोली मार दी, और उसका एनकाउंटर कर दिया। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया।
23 अप्रैल 2021 - पुलिस रिपोर्ट
बाड़मेर एससी-एसटी सेल के तत्कालीन डीएसपी पुष्पेंद्र आढ़ा ने 23 अप्रैल 2021 को सदर थाने में रिपोर्ट दर्ज की। रिपोर्ट में बताया गया कि कमलेश ने पुलिस पर हमला किया, जिसके बाद पुलिस ने उसे एनकाउंटर में मार डाला।
31 मई 2021 - सीबीआई को जांच सौंपना
कमलेश प्रजापति के एनकाउंटर पर स्थानीय विधायक मदन प्रजापत और समाज के लोगों ने प्रदर्शन किया। इसके बाद, तत्कालीन राज्य सरकार ने 31 मई 2021 को इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी।
जुलाई 2021 - एफआईआर दर्ज करना
सीबीआई के तत्कालीन एसपी एमएस खान ने 5 जुलाई 2021 को बाड़मेर के सदर थाने में इस मामले पर एफआईआर दर्ज की। सीबीआई ने जांच शुरू की और मामले की गहराई से जांच की।
2021 के अंत तक - सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट
सीबीआई ने अपनी लंबी जांच के बाद एक नेगेटिव क्लोजर रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में कहा गया कि जांच में मिले सबूतों से यह साबित करना मुश्किल था कि कमलेश का एनकाउंटर फर्जी था। सीबीआई ने मृतक के परिजनों द्वारा लगाए गए फर्जी मुठभेड़ के आरोपों को खारिज कर दिया।
28 मार्च 2023 - जसोदा की याचिका
सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ कमलेश प्रजापति की पत्नी जसोदा ने 28 मार्च 2023 को अदालत में याचिका दायर की। जसोदा ने आरोप लगाया कि मामले में निष्पक्ष जांच नहीं की गई, और मृतक के घर पर लगे सीसीटीवी फुटेज को डिलीट कर दिया गया।
16 अप्रैल 2025 - अदालत का आदेश
अदालत ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज करते हुए 16 अप्रैल 2025 को आदेश दिया कि तत्कालीन पाली एसपी कालूराम रावत, बाड़मेर एसपी आनंद शर्मा सहित 24 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मर्डर केस दर्ज किया जाए। अदालत ने सीबीआई को आदेश दिया कि तत्कालीन राजस्व मंत्री हरीश चौधरी, उनके भाई मनीष चौधरी और तत्कालीन आईजी नवज्योति गोगाई की भूमिका की भी जांच की जाए।
मप्र कांग्रेस प्रभारी | आशीष अग्रवाल | बीजेपी प्रवक्ता