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Photograph: (thesootr)
JABALPUR.मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में सार्थक ऐप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज कराने की व्यवस्था को लेकर नाराजगी बढ़ गई है। जबलपुर संभाग के न्यू बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने इस व्यवस्था को अव्यवहारिक बताते हुए इसे तत्काल बंद करने की मांग की है। संघ के पदाधिकारियों सहित बड़ी संख्या में ANM भी प्रदर्शन करने पहुंचे थे।
जिला चिकित्सा अधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए उन्होंने कहा कि ऐप से हाजिरी दर्ज करना असुविधाजनक है। यह फील्ड कर्मचारियों के कामकाज की वास्तविक परिस्थितियों से मेल नहीं खाता।
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ऐप में सिर्फ 5 बजे तक दर्ज होती है हाजिरी
संघ की जिला अध्यक्ष मीनू लुईस और संभागीय अध्यक्ष वीरेन्द्र शर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी किसी तय समय के बंधन में नहीं बंधे हैं। कई बार नसबंदी शिविरों या महिला रोगियों के उपचार में रात के 10-11 बजे तक ड्यूटी करनी पड़ती है। वहीं, कई ग्रामीण इलाकों में उल्टी-दस्त, हाई रिस्क प्रेगनेंसी या अन्य आपात स्थितियों में कर्मचारियों को तुरंत बुलाया जाता है।
ऐसे में शाम 5 बजे के बाद सार्थक ऐप से लॉग आउट हो जाने के बाद भी कर्मचारी ड्यूटी निभाते हैं, जिससे उनकी वास्तविक सेवा का रिकॉर्ड दर्ज नहीं हो पाता।
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अभियानों में अवकाश के दिन भी ड्यूटी
संघ ने बताया कि स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान (दो से 10 अक्टूबर 2025) के दौरान नवरात्रि और दशहरा जैसे सरकारी अवकाशों में भी कर्मचारियों को लगातार ड्यूटी पर लगाया गया। लेकिन किसी को अतिरिक्त वेतन या अवकाश नहीं दिया गया।
इसी प्रकार पल्स पोलियो अभियान भी रविवार के दिन आयोजित किया गया। इसमें सेवा देने के बावजूद कोई अतिरिक्त भुगतान नहीं हुआ। संघ का कहना है कि स्वास्थ्य कर्मचारी लगातार अपने अवकाश के दिन भी जनता की सेवा करते हैं, लेकिन उनके साथ समान न्याय नहीं होता।
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जिला पंचायत ने दी है राहत
संघ ने ज्ञापन में जिला पंचायत जबलपुर के आदेश का हवाला दिया। आदेश पत्र क्र. 2351/पंचायत प्रकोष्ठ/2025 दिनांक 27 अक्टूबर 2025 को जारी किया गया था। जिला पंचायत ने सार्थक मोबाइल एप्लिकेशन के उपयोग को वैकल्पिक (optional) बताया है। अधिकारी और कर्मचारी पारंपरिक उपस्थिति पंजी या ऐप से हाजिरी दर्ज कर सकते हैं।
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जारी करें रोका गया वेतन: संघ
स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने स्पष्ट मांग रखी है कि जबलपुर संभाग के सभी जिलों में सार्थक ऐप से हाजिरी लेने की प्रक्रिया बंद की जाए। जिन कर्मचारियों का वेतन इस आधार पर रोका गया है, उसे तत्काल जारी किया जाए। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर जल्द फैसला नहीं लिया गया। वे आगामी दिनों में व्यापक आंदोलन का रास्ता अपनाने को बाध्य होंगे।
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