बिना वर्क ऑर्डर शुरू कर दिया इंदौर BRTS तोड़ने का काम, सच्चाई सामने आते ही रुकवाई कार्रवाई

इंदौर में बीआरटीएस तोड़ने का काम बिना वर्क ऑर्डर के शुरू हो गया था। नगर निगम ने जब यह बात पता की, तो कार्रवाई रोक दी। ठेकेदार ने 7 लाख की सिक्योरिटी राशि जमा की और फिर वर्क ऑर्डर जारी किया गया। अब काम जल्द ही औपचारिक रूप से फिर से शुरू होगा।

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Rahul Dave
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Photograph: (THESOOTR)

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INDORE. इंदौर बीआरटीएस (बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) कॉरिडोर को तोड़ने का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। महापौर द्वारा 1 नवंबर को जेसीबी पूजन के साथ जो काम शुरू कराया गया था, वह दरअसल बिना वर्क ऑर्डर के ही शुरू हो गया था। जब यह बात सामने आई, तो नगर निगम ने तत्काल कार्रवाई रोक दी।

अब ठेकेदार द्वारा 7 लाख रुपए की सिक्योरिटी राशि जमा कराने के बाद वर्क ऑर्डर जारी कर दिया गया है। निगम अपर आयुक्त अभय राजनगावकर के अनुसार अब बीआरटीएस हटाने का कार्य औपचारिक रूप से और तेजी से शुरू किया जाएगा।

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1 नवंबर को इंदौर नगर निगम महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने जीपीओ चौराहे से शिवाजी प्रतिमा तक बीआरटीएस की रैलिंग हटाने की शुरुआत की थी। पूरे कार्यक्रम की तस्वीरें मीडिया की सुर्खियों में रहीं। वहीं, दावा किया गया कि जल्द सड़क को नया रूप दिया जाएगा, लेकिन कुछ ही घंटों बाद ठेकेदार ने काम रोक दिया। बाद में पता चला कि वर्क ऑर्डर अभी जारी ही नहीं हुआ था इसलिए आगे की कार्रवाई अवैध मानी गई और तुरंत रोक दी गई।

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पांचवीं बार निकला टेंडर, तब तय हुआ ठेकेदार...

बीआरटीएस हटाने के लिए नगर निगम ने पिछले कुछ महीनों में पांच बार टेंडर जारी किए- 

  • तीन बार किसी ठेकेदार ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। 
  • चौथी बार केवल पूर्णिमा इंटरप्राइजेस ने 1.61 करोड़ रुपए की बोली लगाई, पर इसे “सिंगल टेंडर” बताते हुए रद्द कर दिया गया।
  • पांचवीं बार दो ठेकेदार मैदान में आए-
  • राजगढ़ के दिनेश यादव ने 2.52 करोड़ रुपए की बोली लगाई। पूर्णिमा इंटरप्राइजेस ने 1.78 करोड़ 50 हजार रुपए की बोली लगाई।

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दिनेश यादव को मिला तोड़ने का ठेका

बीआरटीएस तोड़ने का काम दिनेश यादव को दिया गया, लेकिन घाटा महसूस होने पर उन्होंने काम शुरू नहीं किया। यहां तक कि अधिकारियों के कॉल भी नहीं उठाए। बाद में पेटी कॉन्ट्रेक्ट पर यह कार्य किसी और को दिया। जिसने यह कॉन्ट्रेक्ट लिया उसने निगम के बिना वर्क ऑर्डर के 1 नवंबर को BRTS तोड़ने की करवाई शुरू कर दी। 

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बिना वर्क ऑर्डर काम कर दिया शुरू 

जैसे ही यह बात बाहर आई कि बिना वर्क ऑर्डर के कॉन्ट्रेक्टर ने तोड़फोड़ शुरू कर दी है तो काम रुकवा दिया गया। इसके बाद ठेकेदार को 7 दिनों में सिक्योरिटी राशि जमा करने के निर्देश दिए गए। ठेकेदार ने अब 7 लाख रुपए जमा कर दिए हैं, इसके बाद नगर निगम ने आधिकारिक वर्क ऑर्डर जारी कर दिया है।

नगर निगम अधिकारियों के अनुसार, अपर आयुक्त अभय गावकर  ने बताया है कि जल्द ही फिर बीआरटीएस टूटने का काम शुरू होगा। वर्क ऑडर जारी कर दिया है। अब कार्य पूरी प्रक्रिया और सुरक्षा मानकों के साथ दोबारा शुरू किया जाएगा। जीपीओ से शिवाजी प्रतिमा तक पहले चरण में काम होगा।

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12 साल पुराना प्रोजेक्ट बन गया बोझ

2013 में 300 करोड़ की लागत से बना बीआरटीएस कॉरिडोर कभी शहर की आधुनिक पहचान माना जाता था। अब वही कॉरिडोर इंदौर की ट्रैफिक व्यवस्था में बाधा के रूप में देखा जा रहा है। हाईकोर्ट के आदेश और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की घोषणा के बाद इसे हटाने की प्रक्रिया शुरू हुई है।

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