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मध्य प्रदेश शासन ने 6 जून 2025 को एक आदेश जारी किया था। इस आदेश के अनुसार जबलपुर के जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) घनश्याम दास सोनी का तबादला भोपाल किया गया था। यहां उन्हे मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड के सचिव पद दिया गया है। हालांकि, आदेश के 17 दिन बाद भी घनश्याम सोनी ने न तो अपना पद छोड़ा है और न ही नए पद पर कार्यभार ग्रहण किया है।
इस स्थिति को लेकर अब जबलपुर में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस ने इसे सत्ता के संरक्षण में पल रही प्रशासनिक मनमानी का मामला बताते हुए मोर्चा खोल दिया है।
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अगर सोनी नहीं हटे तो हम हटाएंगे - कांग्रेस
जबलपुर शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सौरभ नाटी शर्मा ने सार्वजनिक रूप से एक एलान किया है। सौरभ नाटी ने कहा कि 23 जून 2025 को शाम 5 बजे कांग्रेसजन एकजुट होकर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुँचेंगे। साथ ही घनश्याम सोनी को पदमुक्त करेंगे। शर्मा ने जारी बयान में कहा है कि भ्रष्ट और सत्ता का गुलाम यह अधिकारी तबादला आदेश की अवहेलना कर रहा है। साथ ही, शिक्षा विभाग को भी अपनी भ्रष्ट गतिविधियों से कलंकित कर चुका है। अब कांग्रेस उसे कुर्सी से खुद उतारेगी।
शहर कांग्रेस की इस आक्रामक घोषणा के बाद प्रशासन में खलबली मच गई है। यह साफ संकेत है कि मामला अब केवल एक स्थानांतरण का नहीं, बल्कि प्रशासनिक गरिमा बनाम राजनीतिक दबाव की लड़ाई बन चुका है।
CM हेल्पलाइन में हो चुकी है शिकायत
सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत पटेल ने इससे पहले CM हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि घनश्याम सोनी ने शासन के आदेश को न मानते हुए DEO जबलपुर में पद पर जमे हुए हैं। हालांकि, अब तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। अब कांग्रेस ने इस मामले को अपने हाथ में ले लिया है। पार्टी का कहना है कि शासन के आदेश को ताक पर रखकर एक अधिकारी अपनी मर्जी से कुर्सी पर बैठा है। ऐसे में इससे पूरी सरकारी व्यवस्था की साख खतरे में पड़ती है।
‘DEO साहब’ की सेटिंग पर चर्चाएं
शिक्षा विभाग की अंदरूनी चर्चाओं की मानें तो घनश्याम सोनी की विभाग और राजनीति के ऊपरी गलियारों तक गहरी पकड़ है। यही वजह है कि 2019 में पन्ना स्थानांतरित होने के बावजूद वे कुछ ही समय में जबलपुर लौट आए थे। तब से लगातार एक ही जिले में पदस्थ हैं। अब एक बार फिर यह संदेह जताया जा रहा है कि शायद वे अपने पुराने सेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल कर भोपाल नहीं जाना चाहते हैं। इस बार कांग्रेस के खुले विरोध ने उनकी राह मुश्किल कर दी है।
अधिकारी की हठ के आगे प्रशासन नतमस्तक
घनश्याम सोनी के कुर्सी न छोड़ने का सीधा असर विभागीय कार्यो पर पड़ा है। जबलपुर जिले में DEO का पद खाली दिख रहा है क्योंकि नई नियुक्ति अब तक नहीं की गई है। ऐसे में समर कैंप्स, शिक्षकों की नियुक्तियाँ, अनुदान, छात्रवृत्तियों और अन्य योजनाओं में रुकावटें आ रही हैं। स्कूल प्राचार्य और शिक्षक भी असमंजस की स्थिति में हैं क्योंकि विभागीय नेतृत्व भी आज की स्थिति में स्पष्ट नहीं है।
कुर्सी छोड़ो वरना जनता नहीं छोड़ेगी
कांग्रेस ने अब इस पूरे मामले को जनता के मुद्दे के रूप में पेश करना शुरू कर दिया है। शहर कांग्रेस अध्यक्ष का कहना है कि यह केवल एक अधिकारी की मनमानी नहीं है, बल्कि पूरे शिक्षा तंत्र को अपमानित करने की साजिश है। कांग्रेसजन 23 जून को शाम 5 बजे DEO कार्यालय पहुंचकर लोकतांत्रिक तरीके से विरोध दर्ज कराएंगे। साथ ही मांग करेंगे कि सोनी को तुरंत पदमुक्त किया जाए।
प्रशासन के लिए बढ़ी चुनौती
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन खुद कोई कदम उठाता है या फिर कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन इस अधिकारी को कुर्सी से हटवाने का कारण बनता है। यह मामला सिर्फ एक ट्रांसफर ऑर्डर का नहीं रहा, बल्कि शासन के आदेश बनाम व्यक्तिगत प्रभाव और राजनीतिक दबाव की परख का बन गया है।
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