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Photograph: (THESOOTR)
MORENA. उत्तर प्रदेश में शुरू हुए "आई लव मोहम्मद" ( i love mohammed ) विवाद का असर अब कई राज्यों में देखने को मिल रहा है। हाल ही में मुरैना जिले के जौरा में बागेश्वर धाम के महंत पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इस विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कुछ लोग "आई लव मोहम्मद" का नारा लगा रहे हैं, हमें इससे कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन अगर कोई "आई लव शिव" बोलता है, तो उन्हें छेड़ा गया तो हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।
धीरेंद्र शास्त्री ने मंच से हिंदू समाज को एकजुट होने का आह्वान करते हुए कहा कि छत्रपति शिवाजी के हिंदवी स्वराज के सपने को पूरा करने के लिए हिंदुओं को पूरी ताकत से काम करना होगा। उन्होंने जातिवाद, क्षेत्रवाद, और भाषावाद के खिलाफ एकजुट होने की बात की और कहा कि जब तक हिंदू समाज एकजुट नहीं होगा, तब तक समाज की प्रगति संभव नहीं है।
हिंदू एकजुटता की अपील
धीरेंद्र शास्त्री ने अपने बयान में हिंदू एकजुटता का जोर दिया। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज को अपने बच्चों के लिए सिर्फ संपत्ति और कार नहीं छोड़नी चाहिए, बल्कि संस्कार और संस्कृति देना चाहिए, ताकि वे जीवन जीने की कला सीख सकें। इसके अलावा, उन्होंने सात नवंबर से दिल्ली से वृंदावन तक सनातन हिंदू एकता पदयात्रा करने की घोषणा की, जिसका उद्देश्य हिंदू समाज को जागरूक करना और एकजुट करना है।
धीरेंद्र शास्त्री का मानना है कि यदि हिंदू एकजुट नहीं हुए, तो उनका भी वही हाल होगा, जैसा बांग्लादेश, म्यांमार और पश्चिम बंगाल में हो रहा है। उन्होंने हिंदू समाज से जातिवाद, क्षेत्रवाद और भाषावाद की राजनीति को छोड़कर एकजुट होने का आह्वान किया।
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अधर्म के खिलाफ आवाज उठाना भी धर्म
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि पूजा-पाठ ही धर्म नहीं है, बल्कि अधर्म के खिलाफ आवाज उठाना भी धर्म है। उन्होंने जौरा में उपस्थित श्रद्धालुओं से कहा कि जो लोग केवल पूजा-पाठ में खोए रहते हैं, वे वास्तविक धर्म को नहीं समझते। उन्होंने कहा कि "साधारण लोग" जो धर्म को केवल पूजा-पाठ समझते हैं, वे धर्मकांड से बाहर नहीं निकल पाते हैं। वास्तव में, धर्म का सबसे बड़ा रूप है अधर्म के खिलाफ आवाज उठाना।
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जीवन में सुख और संतुलन
धीरेंद्र शास्त्री ने जीवन की राह में सुखी रहने का मंत्र दिया। उन्होंने कहा कि माफ करना और माफी मांगना जीवन के सबसे बड़े मंत्र हैं। उनके अनुसार, झुकने वाले ही सच्चे होते हैं, क्योंकि अकड़ और अहम एक मुर्दे की पहचान होती है। अगर आप जीवन की कठिनाइयों से बचना चाहते हैं, तो हनुमान जी की छत्र-छाया में रहना चाहिए।
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पाप की कमाई कभी फलती नहीं
पं. धीरेंद्र शास्त्री ने पाप की कमाई के बारे में भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि पाप की कमाई कभी फलती नहीं है, और जो लोग अधर्म का रास्ता अपनाते हैं, उनका भविष्य कभी उज्जवल नहीं हो सकता। साथ ही, उन्होंने लोगों को जीवन में चिंतन करने की सलाह दी, और कहा कि चिंतन में रहने से ही भगवान को प्राप्त किया जा सकता है।
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कटीवरी हनुमान मंदिर का दर्शन
धीरेंद्र शास्त्री ने अपनी यात्रा के दौरान कटीवरी हनुमान मंदिर का भी दर्शन किया और वहां मौजूद श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया। इसके बाद वह जौरा स्थित मनकामेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने पूजा अर्चना की और श्रद्धालुओं को संबोधित किया।