ग्वालियर हाईकोर्ट में अंबेडकर की प्रतिमा लगाने को लेकर वकील करेंगे आंदोलन

ग्वालियर हाईकोर्ट में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करने की मांग को लेकर वकील आंदोलन करेंगे। समाजिक संगठनों का समर्थन, और सरकार से जल्द मूर्ति स्थापित करने की अपील की गई है।

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Sandeep Kumar
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ओमपाल कौरव @ ग्वालियर.

GWALIOR.मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के ग्वालियर शाखा में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा की स्थापना का मुद्दा फिर से गरमाने लगा है। ग्वालियर के वकील और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने इस मुद्दे को लेकर एकजुट होकर आंदोलन की चेतावनी दी है। इन अधिवक्ताओं ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को ज्ञापन सौंपा और मांग की है कि जल्द से जल्द ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में बाबा साहब की मूर्ति स्थापित की जाए।

क्यों हो रहा है आंदोलन?

ग्वालियर हाईकोर्ट में डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति की स्थापना के लिए पहले फरवरी 2025 में ज्ञापन दिया गया था। इसे रिकॉर्ड पर लिया गया और मार्च 2025 में हाईकोर्ट द्वारा एक प्रशासनिक आदेश जारी किया गया था, जिसमें मूर्ति स्थापना की अनुमति दी गई थी। हालांकि, कुछ वकीलों ने इस मूर्ति स्थापना का विरोध किया, जिसके कारण यह मामला सड़कों तक पहुंच गया।

आंदोलनकारियों का कहना है कि डॉ. अंबेडकर केवल एक जाति, समुदाय या धर्म के नहीं थे, बल्कि वे पूरे देश के राष्ट्रीय धरोहर थे। उनका कहना है कि बाबा साहब का अपमान करने वाले लोग देशद्रोही की श्रेणी में आते हैं। इसलिए डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति स्थापित करना अब केवल वकीलों का नहीं, बल्कि एक बड़े सामाजिक और राष्ट्रीय मुद्दे का रूप ले चुका है।

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ग्वालियर की सड़कों पर आंदोलन

ग्वालियर हाईकोर्ट में इस आंदोलन को लेकर अब एक बड़ा प्रदर्शन होने वाला है। इस आंदोलन में संविधान में विश्वास रखने वाले वकील, सामाजिक संगठन और विभिन्न समर्थक एकजुट होंगे। इस दौरान आंदोलन ग्वालियर की सड़कों पर भी नजर आएगा, जिससे इस मुद्दे की गंभीरता और व्यापकता को दर्शाया जाएगा।

5 पॉइंट्स में समझें ग्वालियर अंबेडकर प्रतिमा की पूरी स्टोरी

ग्वालियर हाईकोर्ट में बाबा साहेब की प्रतिमा लगाने के विरोध में बार एसोसिएशन

👉मध्य प्रदेश हाईकोर्ट, ग्वालियर शाखा में बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगाने का मुद्दा फिर से उभरा है। वकील और सामाजिक संगठन इस मुद्दे को लेकर आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं।

👉 फरवरी 2025 में मूर्ति स्थापना के लिए ज्ञापन दिया गया था और मार्च 2025 में हाईकोर्ट ने प्रशासनिक आदेश के जरिए अनुमति दी थी। हालांकि, कुछ वकीलों ने इसका विरोध किया, जिससे मामला विवादित हो गया।

👉 आंदोलनकारियों का कहना है कि डॉ. अंबेडकर सिर्फ किसी जाति या समुदाय के नहीं बल्कि पूरे देश की राष्ट्रीय धरोहर हैं। उनके सम्मान का मुद्दा अब केवल वकीलों का नहीं, बल्कि सामाजिक और राष्ट्रीय महत्व का हो गया है।

👉 ग्वालियर की सड़कों पर वकील, सामाजिक संगठन और समर्थक बड़ी संख्या में प्रदर्शन करेंगे। यह प्रदर्शन मूर्ति स्थापना के समर्थन और आंदोलन की गंभीरता को दर्शाएगा।

👉 आंदोलनकारियों ने मध्य प्रदेश सरकार और सुप्रीम कोर्ट से शीघ्र मूर्ति स्थापना की अपील की है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्दी कार्रवाई नहीं हुई तो विरोध और बड़े पैमाने पर होगा। 

मुख्यमंत्री और सुप्रीम कोर्ट से अपील

ग्वालियर हाईकोर्ट में मूर्ति स्थापना की मांग को लेकर आंदोलनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट और मध्य प्रदेश सरकार से जल्द कार्रवाई की अपील की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर शीघ्र मूर्ति स्थापित नहीं की जाती, तो वे और भी बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

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सामाजिक संगठनों का समर्थन

इस मुद्दे को लेकर विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भी अपना समर्थन दिया है। रक्षक मोर्चा, भीम आर्मी और कई अन्य संगठन इस आंदोलन में शामिल हो गए हैं। इन संगठनों का कहना है कि यह सिर्फ मूर्ति स्थापना का सवाल नहीं है, बल्कि यह बाबा साहब के योगदान और उनके विचारों का सम्मान करने का मामला है।

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