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BHOPAL. भोपाल गैस त्रासदी मामले से जुड़े केस में सोमवार को जिला न्यायालय में सीबीआई की ओर से तर्क पेश किए गए। ट्रायल कोर्ट द्वारा गैस त्रासदी के लिए जिम्मेदार ठहराए गए तीन अधिकारियों की अपील पर सुनवाई जारी है। ट्रायल कोर्ट में सीबीआई के वकील ने औद्योगिक दुर्घटना के जिम्मेदारों की याचिका को सुनवाई के लिए अनुचित होने का भी दावा किया है।
सीबीआई ने भोपाल ट्रायल कोर्ट में सुनवाई और फैसले के दौरान अभियुक्त पक्ष द्वारा आपत्ति दर्ज न कराने का उल्लेख करते हुए सुप्रीम कोर्ट के कई निर्णयों का भी हवाला दिया। जिला कोर्ट ने सीबीआई की सुनवाई के बाद अभियुक्त पक्ष को अंतिम अवसर देते हुए 6 अक्टूबर की तारीख तय की है।
दोषी ठहराए गए 3 लोगों ने की थी अपील
यूनियन कार्बाइड में गैस रिसाव से हुई भीषण त्रासदी से संबंधित एक प्रकरण में ट्रायल कोर्ट ने जून 2010 को अभियुक्तों को जिम्मेदार ठहराया था। केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 178 गवाहों को सुनने और साक्ष्यों के आधार पर भारतवर्षीय अधिकारी और युका के कर्मचारियों को दोषी माना था।
इनमें से तीन अधिकारी जे.मुकुंद, एसपी चौधरी और किशोर कामदार ने ट्रायल कोर्ट के फैसले के विरुद्ध अपील की थी। साल 2011 में अभियुक्तों की ओर से पेश की गई याचिका पर सुनवाई चल रही है।
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CBI ने सुनवाई से अयोग्य बताई याचिका
जिला न्यायालय में सीबीआई के वकील ने तर्क पेश किए। ट्रायल कोर्ट के निर्णय के विरोध में याचिकाकर्ता कई बार दलीलें पेश कर चुके हैं। सीबीआई के वकील ने अदालत में मौखिक जिरह के साथ ही लिखित में भी अपने तर्क प्रस्तुत किए। सीबीआई ने अभियुक्त पक्ष की याचिका को सुनवाई योग्य नहीं बताकर उसे निरस्त करने की अपील की।
जांच एजेंसी के वकील ने कोर्ट को बताया कि जिन धाराओं का विरोध करते हुए ट्रायल कोर्ट के निर्णय को याचिकाकर्ता गलत बता रहे हैं उन्हें 13 दिसम्बर 1996 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दर्ज किया गया था। जिसके बाद ट्रायल कोर्ट ने 1997 में सुनवाई शुरू की थी। यह मामला तब से अब तक कोर्ट में विचाराधीन है।
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याचिकाकर्ताओं को तर्क रखने का मौका
गैस त्रासदी से जुड़े इस केस में अब तक दोनों पक्षों के 178 गवाहों को सुनने और साक्ष्यों के आधार पर ट्रायल कोर्ट ने अधिकारी- कर्मचारियों को दोषी ठहराया था। सुनवाई के दौरान अभियुक्तों ने अपने ऊपर लगाए गए आरोप और धाराओं का विरोध नहीं किया था।
सीबीआई के वकील ने जिला न्यायालय में याचिका को सुनवाई के अयोग्य बताने के लिए सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसलों का भी उल्लेख किया। सुनवाई के दौरान भोपाल गैस त्रासदी पीड़ित संगठन बीजीआईए की ओर से भी याचिका को निरस्त करने की अपील करते हुए लिखित तर्क पेश किए गए। सुनवाई पूरी कर कोर्ट ने अभियुक्त पक्ष को अंतिम तर्क रखने 6 अक्टूबर की तारीख तय की है।