मध्य प्रदेश में DSP रैंक वाले पुलिस अधिकारियों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव की तैयारी है। राज्य सरकार के तहत प्रस्तावित नए नियम के मुताबिक, अब DSP अधिकारियों की पोस्टिंग राज्य स्तरीय नहीं, बल्कि जिला स्तर पर होगी। यह बदलाव अधिकारियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है।
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नए नियम से अधिकारियों की परेशानी
इस नए नियम के लागू होने से मध्य प्रदेश के राज्य पुलिस सेवा (State Police Service) के एसडीओपी (SDOP - Sub-Divisional Police Officer) अब भोपाल से पोस्ट नहीं किए जाएंगे। इसके बजाय, जिले के एसपी (SP - Superintendent of Police) को यह अधिकार मिलेगा कि वे एसडीओपी को जिले के किसी भी सब डिवीजन में पोस्ट कर सकें। इसके परिणामस्वरूप, अधिकारियों को अपनी कार्य स्वतंत्रता को लेकर डर सता रहा है, क्योंकि उनका कार्यक्षेत्र और पोस्टिंग अब राजनीतिक प्रभाव के अधीन हो सकते हैं।
क्या है इसका असर
यह परिवर्तन DSP स्तर के अधिकारियों के काम में हस्तक्षेप कर सकता है। अब तक, वे अपनी पोस्टिंग के मामले में राज्य सरकार के आदेशों पर निर्भर होते थे, लेकिन अब जिला स्तर पर पोस्टिंग होने से उनकी कार्यशैली में राजनीतिक दबाव बढ़ सकता है।
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महिला अधिकारियों की चिंताएं
महिला DSP और एसडीओपी (SDOP - Women Officers) के लिए यह नया नियम और भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। बार-बार सब डिवीजन का बदलाव उनके लिए दीर्घकालिक योजनाओं को लागू करने में कठिनाई पैदा कर सकता है। इसके अलावा, महिला अधिकारियों को राजनीतिक असहजता का सामना करना पड़ सकता है, जिससे उनके कामकाजी वातावरण में और अधिक चुनौतियां उत्पन्न हो सकती हैं।
डीजीपी का पायलट प्रोजेक्ट
मध्य प्रदेश के डीजीपी का यह निर्णय एक पायलट प्रोजेक्ट (Pilot Project) के रूप में देखा जा रहा है। कुछ DSP अधिकारियों की कथित अनुशासनहीनता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक (SP) और अन्य बड़े अधिकारियों का नियंत्रण मजबूत करने की कोशिश की जा रही है। यह निर्णय अधिकारियों को अधिक जवाबदेह बनाने और अनुशासन को बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है।
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रिटायर्ड अधिकारियों की राय
रिटायर्ड DSP राकेश मोहन और रविंद्र तिवारी ने इस निर्णय के खिलाफ अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं। उनका मानना है कि अगर पुलिस अधीक्षक को DSP के कार्यक्षेत्र में परिवर्तन का अधिकार दिया जाता है, तो इससे DSP की गरिमा पर असर पड़ेगा और उनकी कार्य क्षमता प्रभावित होगी। इसके अलावा, उनका कहना है कि पुलिस और राजस्व विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारियां और कार्य क्षेत्र अलग-अलग हैं, इसलिए इनका तुलनात्मक मूल्यांकन अनुचित है।
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