ई-अटेंडेंस से डेटा चोरी का डर, टीचर बोलीं- शासन फोन दे तभी लगाऊंगी हाजिरी, सचिव बोले- HRA लो तो गांव में रहो

मध्यप्रदेश के जबलपुर में शिक्षिका ने ई-अटेंडेंस एप पर निजी मोबाइल से हाजिरी लगाने से इनकार किया। कहा- शासन फोन दे तभी लगाऊंगी हाजिरी। सचिव बोले- एचआरए लो तो गांव में रहो।

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Ravi Awasthi
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Photograph: (The Sootr)

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Bhopal /Jabalpur.

सरकारी स्कूलों में एप से हाजिरी लगाने का शिक्षक तीखा विरोध कर रहे हैं। जबलपुर की एक शिक्षिका ने प्राचार्य से मिले नोटिस के जवाब में लिखा कि अपने निजी फोन से वह ​हाजिरी क्यों लगाएं? स​रकार पहले फोन दे। वहीं, स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. संजय गोयल ने कहा कि यह व्यवस्था बिगाड़ने वाला मामला है। शिक्षकों को 8 सौ रुपए आवास भत्ता (HRA) भी मिलता है, लेकिन कितने​ शिक्षक गांव में रह रहे हैं?


जबलपुर निवासी ज्योति पांडे, शहर से लगे महाराजपुर के शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला में शिक्षिका हैं। ज्योति समेत चार टीचर्स को ई-अटेंडेंस एप  "हमारे शिक्षक" पर उपस्थिति दर्ज नहीं कराने पर शाला प्राचार्य ने हाल ही में नोटिस थमाया था। इस मामले में ज्योति पांडे का जो जवाब आया, वह चौंकाने वाला रहा।

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मोबाइल मेरा, डेटा मेरा, थर्ड पार्टी कौन ?

शिक्षिका पांडे ने अपने जवाब में लिखा- मोबाइल मेरा, डेटा मेरा। इसमें बैंक खातों से लेकर परिवार की तस्वीरें और निजी दस्तावेज हैं। ऐसे में थर्ड पार्टी एप को एक्सेस कैसे दूं?  निजी मोबाइल से एप डाउनलोड कर उपस्थिति दर्ज करने पर डेटा चोरी और साइबर क्राइम का खतरा बना रहेगा। शासन ने ना मोबाइल फोन दिया, ना ही टैबलेट। 

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साइबर सुरक्षा की गारंटी दे सरकार

शिक्षिका पांडे ने अपने जवाब में आगे कहा कि शासन या तो मोबाइल फोन उपलब्ध कराए अन्यथा निजी डेटा और साइबर सुरक्षा का आश्वासन या क्षतिपूर्ति दे। 

उन्होंने आगे लिखा कि उनका निजी मोबाइल फोन हर समय उनके साथ नहीं रहता। कई बार उन्हें अपनी बेटी की पढ़ाई के लिए फोन घर पर छोड़ना पड़ता है। उनके मोबाइल में वही सिम है,जो बैंक खाते और आधार से लिंक है।

टीचर ने यह नोट लिखकर स्कूल प्रिंसिपल को भेजा।

एप एक्सेस देने पर वित्तीय धोखाधड़ी की संभावना बनती है। बताया जाता है कि शिक्षकों से जुड़े आजाद अध्यापक संघ ने शिक्षिका के तर्क का समर्थन भी ​किया है। 

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ई-अटेंडेंस  को हाईकोर्ट में चुनौती, सुनवाई 27 को

सरकारी स्कूलों में एप के जरिए ई-अटेंडेंस लगाने की प्रक्रिया को कुछ शिक्षकों ने हाईकोर्ट में भी चुनौती दी गई है। इसे लेकर दायर याचिका में बिना ट्रेनिंग के नई व्यवस्था लागू करने पर सवाल उठाए गए। जबलपुर के ही सात व अन्य स्थानों के तीन शिक्षकों की ओर से यह याचिका दायर की गई।

सरकार ने कोर्ट को बताया कि 73 फीसदी ई-अटेंडेंस व्यवस्था पर अमल कर रहे हैं। न्यायालय ने ट्रेनिंग प्रोग्राम को लेकर सरकार से जवाब भी तलब किया है। इस मामले में अगली सुनवाई 27 अक्टूबर को होना है।

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आवास भत्ता ले रहे हैं तो गांव में रहें: सचिव

इधर,स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. संजय गोयल ने शिक्षिका के सवाल पर द सूत्र से कहा- शिक्षक को आठ सौ रुपए आवास भत्ता भी मिल रहा है। वे साबित करें कि गांव में रह रहे हैं। शालाओं में टैबलेट भी दिए गए हैं। इससे भी हाजिरी लग सकती है लेकिन कुछ लोग इस व्यवस्था को बिगाड़ना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि व्यवस्था में सुधार समन्वित प्रयासों से ही संभव है। हालांकि सूत्रों का दावा है कि टैबलेट सिर्फ संकुल केंद्रो पर ई-अटेडेंस व्यवस्था की निगरानी के लिए दिए गए हैं।  बहरहाल, शिक्षिका के सवाल और विभागीय सचिव के जवाब ने सरकारी शिक्षकों की हाजिरी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।  

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