ई-पंजीयन से खाद वितरण: 3 जिलों में सफल रही व्यवस्था प्रदेशभर में जल्द लागू होने के आसार

मध्य प्रदेश में खाद वितरण के लिए ऑनलाइन पंजीयन प्रणाली लागू होगी। यह प्रणाली गेहूं खरीदी मॉडल पर आधारित है। जबलपुर और दो अन्य जिलों में इसे लागू किया गया।

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Ravi Awasthi
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BHOPAL. मध्यप्रदेश सरकार गेहूं खरीदी की तर्ज पर खाद वितरण के लिए ऑनलाइन पंजीयन सिस्टम लागू करेगी। जबलपुर समेत तीन जिलों में खाद संकट से निपटने का यह फॉर्मूला सफल रहा है। इसके बाद ही, नई व्यवस्था को लागू करने पर विचार किया जा रहा है। 

मप्र में चले खाद संकट के बाद अब कृषि विभाग ने इससे निपटने का फॉर्मूला तय किया है। अब किसानों को अपनी आईडी की मदद से e registration करना होगा। आईडी में दर्ज जमीन के रकबे और फसल के आधार पर किसानों को दी जाने वाली खाद की मात्रा तय होगी।

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मिलेगा क्यूआर कोड, 3 दिन रहेगा प्रभावी

किसान की बोई गई या बोई जाने वाली फसल के आधार पर जरूरी खाद के लिए एक क्यू आर कोड जेनरेट होगा। सूत्रों के मुताबिक, यह तीन दिन तक प्रभावी रहेगा। क्यू आर कोड की मदद से वितरण केंद्र पर किसानों को जरुरत के मुताबिक खाद मिल जाएगी। इसका उपयोग नहीं होने पर खाद का संबंधित कोटा दूसरे किसान को आवंटित हो जाएगा।

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इन जिलों में सफल रही नई व्यवस्था

ई-टोकन के जरिए खाद वितरण का यह फॉर्मूला पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर बीते माह प्रदेश के तीन जिलों में लागू किया गया। ये हैं जबलपुर, विदिशा और शाजापुर। तीन जिलों में सभी सहकारी समितियों पर यह व्यवस्था लागू है। डबल लॉक केंद्र, मार्केटिंग फेडरेशन, एमपी एग्रो केंद्र पर भी यह लागू है। निजी केंद्रों पर भी यही व्यवस्था लागू है।

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अब प्रदेशभर में लागू करने की तैयारी

बताया जाता है कि तीनों जिलों में नई व्यवस्था से खाद पाना किसानों के लिए ज्यादा आसान हुआ। इसकी सफलता को देखते हुए कृषि विभाग इसे प्रदेशभर में लागू करने की तैयारी में है। हालांकि, इस बारे में अंतिम निर्णय शासन स्तर से लिया जाना है। इस बारे में विभागीय संचालक अजय गुप्ता ने बताया कि वह हाल ही में बिहार चुनाव ड्यूटी से लौटें हैं। विभागीय सचिव भी दो दिन बाहर हैं। उनकी वापसी पर इस संबंध में निर्णय के बाद प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जाएगा।

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कुछ इस तरह होगा पंजीयन

ऑनलाइन पोर्टल: etoken.mpkrishi.org: किसान अपनी किसान आईडी और आधार नंबर से लॉग इन कर सकेंगे। 
कॉल सेंटर: 07492-181 पर कॉल करके भी यह पंजीयन कराया जा सकेगा। ऑपरेटर को अपनी जमीन का खसरा नंबर, रकबा, ग्राम और तहसील बतानी होगी। साथ ही, बोई जाने वाली फसल और इसका रकबा भी बताना होगा।

ई-टोकन जनरेशन: पंजीकरण के बाद, किसान को ई-टोकन मिलेगा। यह टोकन उनकी भूमि और फसल के आधार पर होगा। क्यूआर आधारित ई-टोकन SMS के माध्यम से भेजा जाएगा।

कहां मिलेगा खाद: ई-टोकन के साथ किसान अपने निकटतम विक्रय केंद्र पर जाकर खाद ले सकेंगे। पंजीयन के लिए किसान की आईडी जरूरी है। यह आधार से भी लिंक हो। यह सब कुछ वैसा ही होगा जैसे गेहूं विक्रय के लिए पंजीयन पर होता है।

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