ED कोर्ट ने खारिज की सौरभ शर्मा की जमानत याचिका, जेल में रखी जा रही कड़ी निगरानी

ईडी कोर्ट ने आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा की जमानत याचिका खारिज कर दी है। वकील ने दावा किया कि उनकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है और जांच में सहयोग करेंगे, लेकिन सरकारी वकील के विरोध के बाद कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया।

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Manish Kumar
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ed court sourabh sharma
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BHOPAL. ईडी कोर्ट ने आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा, शरद जायसवाल और चेतन सिंह गौड़ की जमानत याचिका खारिज कर दी है। सरकारी वकील ने जमानत का कड़ा विरोध किया, जिसके बाद कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए तीनों को जेल भेजने का आदेश दिया। जेल में तीनों को आम कैदियों से अलग विशेष बैरक में रखा गया है, जहां उनकी हर गतिविधि पर पैनी नजर रखी जा रही है।

जमानत याचिका पर कोर्ट में दिए गए यह तर्क

ईडी कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान सौरभ शर्मा के वकील ने तर्क दिया कि उनके मुवक्किल की कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है और न ही उनके पास से कोई जब्ती हुई है। उन्होंने कहा कि सोने और कैश से भरी कार से उनका कोई संबंध नहीं है और वे जांच में पूरा सहयोग करेंगे। हालांकि, सरकारी वकील ने इन तर्कों का पुरजोर विरोध किया। कोर्ट ने फैसला रिजर्व रखा और अगले दिन सुनवाई के बाद सौरभ शर्मा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।

ईडी की कस्टडी से जेल तक का सफर  

सोमवार को ईडी ने सौरभ शर्मा, शरद जायसवाल और चेतन सिंह गौड़ को कोर्ट में पेश किया था। दोपहर 1:22 बजे उन्हें कोर्ट लाया गया और 1:57 बजे जेल के लिए रवाना कर दिया गया। जेल पहुंचने के बाद तीनों को विशेष सुरक्षा के तहत अलग बैरकों में रखा गया।  

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कड़ी निगरानी में रखे गए हैं तीनों आरोपी  

तीनों आरोपियों को आम कैदियों से अलग रखते हुए विशेष निगरानी बैरक में रखा गया है। यहां उन्हीं कैदियों को रखा गया है जो जेल प्रशासन के लिए खुफिया सूचना देने का काम करते हैं। इसके अलावा, तीनों की हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए विशेष प्रहरी और जेल के विश्वसनीय कैदियों को तैनात किया गया है।

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जेल में 45 मिनट तक ही मिलती है बाहर आने की अनुमति

सुरक्षा को देखते हुए तीनों को आपस में बातचीत करने से रोका गया है। जेल में सिर्फ 45 मिनट के लिए दोपहर के समय बैरक से बाहर निकलने की अनुमति दी जाती है। इस दौरान भी उनकी निगरानी के लिए विशेष प्रहरी मौजूद रहते हैं। जेल प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि तीनों को किसी आक्रामक या कुख्यात अपराधी के साथ नहीं रखा गया है और उनकी सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।  

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जेल में मिली नई पहचान, सुरक्षा को देखते हुए उठाए गए कदम  

जेल प्रशासन ने तीनों आरोपियों को अलग-अलग पहचान नंबर दिए हैं:  

सौरभ शर्मा – विचाराधीन बंदी नंबर 5882  
शरद जायसवाल – विचाराधीन बंदी नंबर 5881  
चेतन सिंह गौड़ – विचाराधीन बंदी नंबर 5880  

सूत्रों के अनुसार, इनकी सुरक्षा को देखते हुए जेल प्रशासन ने बैरकों में पहले से मौजूद कुख्यात अपराधियों को शिफ्ट कर दिया है।

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