/sootr/media/media_files/2025/02/16/J1ILo8Yb4zwPYNqEcaVi.jpg)
मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार के कई चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं। जिनमें सौरभ शर्मा का नाम प्रमुख रूप से उभरकर आया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियों पर शिकंजा कसते हुए, उनके खिलाफ जांच शुरू की है। यह पहली बार है जब ED की जांच में परिवहन मंत्रालय के अधिकारियों के नाम भी सामने आए हैं। Saurabh Sharma और उसकी पूरी परिवार के खिलाफ जांच शुरू करने के बाद, कई कंपनियों और ट्रस्ट का नाम भी उजागर हुआ है।
अधिकारियों के नाम भी सामने आए
परिवहन विभाग की काली कमाई के सूत्रधार Saurabh Sharma पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का शिकंजा कसता जा रहा है। पहली बार ईडी की जांच में परिवहन मंत्रालय के अधिकारियों के नाम भी सामने आए हैं। जांच रिपोर्ट के अनुसार, ईडी ने सौरभ समेत 9 लोगों, 6 कंपनियों और एक ट्रस्ट को आरोपी बनाया है।
Saurabh Sharma और उसके परिवार के खिलाफ कार्रवाई
ED ने सौरभ शर्मा समेत कुल 9 आरोपियों, 6 कंपनियों और एक ट्रस्ट को आरोपी के तौर पर नामित किया है। इन आरोपियों में सौरभ के रिश्तेदार प्रमुख हैं, जिनमें उसकी मां उमा शर्मा, सास रेखा तिवारी, पत्नी दिव्या तिवारी, और अन्य शामिल हैं। हालांकि, चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल को छोड़कर बाकी सभी आरोपी सौरभ के परिवार से संबंधित हैं। ED ने सौरभ और उसके परिवार के 55 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है, जिनके माध्यम से परिवहन विभाग में काली कमाई का खेल चलाया जा रहा था।
ये खबर भी पढ़िए...ED की पूछताछ में सौरभ शर्मा को लेकर शरद-चेतन ने खोले राज
55 बैंक खातों को फ्रीज किया गया
ED ने कुल 55 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है, जिनके जरिए सौरभ शर्मा और उसके परिवार ने काली कमाई को इधर से उधर किया था। इन खातों में किए गए लेन-देन और संपत्ति के बारे में ED ने आरोपियों से 11 मार्च तक जवाब तलब किया है। छापेमारी में जब्त किए गए दस्तावेजों और संपत्तियों के आधार पर ED अब अन्य अधिकारियों से भी पूछताछ करेगी, जिनके साथ सौरभ के संबंध हो सकते हैं।
Saurabh Sharma के खिलाफ गंभीर आरोप
सौरभ पर आरोप है कि उसने परिवहन विभाग के माध्यम से अवैध रूप से बड़ी मात्रा में पैसा कमाया। ED ने जो दस्तावेज जब्त किए हैं, वे यह दर्शाते हैं कि सौरभ और उसके परिवार के सदस्य इस काली कमाई को विभिन्न कंपनियों और ट्रस्टों के माध्यम से छुपाते थे। इसके अलावा, सौरभ के रिश्तेदारों ने भी इस काली कमाई में हिस्सा लिया था। यह मामला मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार के एक बड़े नेटवर्क की ओर इशारा करता है, जिसका पर्दाफाश ED ने किया है।
ED द्वारा छापेमारी और ताजा खुलासे
ED की टीम ने 27, 28 दिसंबर और 8 जनवरी को भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में छापेमारी की, जिसके दौरान सौरभ और उसके परिवार के 6 कंपनियों और एक ट्रस्ट में भारी निवेश के पुख्ता सबूत मिले हैं। इन कंपनियों में कई निर्माण और व्यावसायिक गतिविधियां चल रही थीं। छापेमारी में सौरभ के घर और कार्यालयों से मध्य प्रदेश परिवहन विभाग और मंत्रालय में पदस्थ अधिकारियों के दस्तावेज भी मिले हैं, जिनसे अधिकारियों के साथ उनकी संलिप्तता का संकेत मिलता है।