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INDORE.मध्यप्रदेश बिजली कंपनी में 545 सहायक ग्रेड समेत कुल 700 पदों की जॉइनिंग अटकी हुई थी। अब आखिरकार जबलपुर हाईकोर्ट का आदेश जारी हो गया है। यह जॉइनिंग हाईकोर्ट के आदेश के इंतजार में ही बिजली कंपनी ने रोक रखी थी।
क्या है मामला
बिजली कंपनी के जरिए ढाई हजार से ज्यादा पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया की गई थी। फिर अंतिम रिजल्ट जारी कर इन 700 पदों को छोड़कर बाकी करीब 1200 पदों के लिए जॉइनिंग दे दी गई थी। जॉइनिंग के लिए चयनित उम्मीदवारों ने बिजली कंपनी इंदौर के दफ्तर पर प्रदर्शन भी किया था।
इसमें बताया गया कि हाईकोर्ट में इस परीक्षा के कुछ प्रश्नों के जवाब यानी आंसर की को लेकर आपत्ति लगी है। साथ ही, इसके आदेश के इंतजार में रुकी हुई है। यदि आंसर की में सुधार या ऐसे कोई आदेश हुए तो मेरिट सूची में बदलाव हो जाएगा। इसके चलते जॉइनिंग रोकी हुई है।
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हाईकोर्ट ने यह दिए आदेश
इस मामले में मध्यप्रदेश शासन, मध्यप्रदेश पश्चिमी क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी और एमपी ऑनलाइन (परीक्षा एजेंसी) को पक्षकार बनाया गया था। हाईकोर्ट के जस्टिस दीपक खोत ने सुनवाई के बाद आदेश दिए हैं कि-
- याचिकाकर्ताओं ने एमपी ऑनलाइन के जरिए आपत्ती पेश की थी। इसपर विचार किया जाए।
यदि आपत्तियां सही पाई जाती हैं तो मॉडल आंसर की में बदलाव किया जाए।
मॉडल आंसर की में बदलाव के बाद उसी के अनुसार नए सिरे से अंक दिए जाएं।
नए अंक के आधार पर संशोधित मेरिट सूची (अंतिम चयन सूची) जारी की जाए। इसके लिए एमपी ऑनलाइन के जरिए विद्युत वितरण कंपनी को सूचित किया जाए।
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मध्य प्रदेश बिजली कंपनी में जॉइनिंग की खबर
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इसके पहले सार्वजनिक सूचना जारी हो
हाईकोर्ट ने यह भी आदेश दिए कि यह आदेश चयनित उम्मीदवारों की गैरहाजिरी में किया जा रहा है। ऐसे में एमपी ऑनलाइन को निर्देश दिया जाता है कि वह आंसर की में संशोधन के पहले अपनी आपत्तियां प्रस्तुत करने के लिए नोटिस जारी करे। इसके बाद, संशोधित मेरिट सूची जारी करे। यह सूची मध्यप्रदेश शासन और बिजली कंपनी को भेजी जाए।
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15 दिन में यह होगी प्रक्रिया
हाईकोर्ट ने आदेश में साफ लिखा है कि यह प्रक्रिया आदेश जारी होने से 15 दिन के भीतर पूरी कर ली जाए। तब तक मध्यप्रदेश शासन, विद्युत वितरण कंपनी के जरिए नियुक्ति प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया जाए।
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