मध्य प्रदेश की जनता को अप्रैल से बिजली के बढ़े हुए दामों का सामना करना पड़ सकता है। बिजली कंपनियों ने दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है, जबकि सरकार बिजली सब्सिडी को कम करने में सफल नहीं हो पाई है। हर साल बढ़ती सब्सिडी सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है। 12 मार्च को पेश होने वाले बजट में इस पर क्या निर्णय होंगे, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं।
सब्सिडी नहीं हुई कम
मध्य प्रदेश में बिजली कंपनियों ने दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है, जिससे अप्रैल 2025 से नई दरें लागू हो सकती हैं। इस साल भी बिजली सब्सिडी में करीब 4000 करोड़ रुपए की वृद्धि होने की संभावना है। सरकार पिछले पांच वर्षों से सब्सिडी कम करने का प्रयास कर रही है, लेकिन अब तक इसमें सफलता नहीं मिली है।
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सब्सिडी खत्म न कर पाने की वजह
बिजली सब्सिडी को हमेशा से चुनावी एजेंडे के रूप में देखा गया है। लगभग 80 लाख उपभोक्ताओं को इसका लाभ मिलता है, जिससे सरकार सीधा बिजली की कीमतें बढ़ाने से बचती रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि बिजली की ऊंची कीमतें घाटे को दिखाकर तय की जाती हैं, जबकि असल में यह आंकड़ों का खेल है। अगर बिजली चोरी पर सख्ती से नियंत्रण किया जाए, तो सब्सिडी को चरणबद्ध तरीके से कम किया जा सकता है।
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अब तक किसने क्या प्रयास किए...
- 2019 में कमलनाथ सरकार ने मंत्रियों की कमेटी बनाई, लेकिन कोई हल नहीं निकला।
- 2021 में शिवराज सरकार ने कैबिनेट में सब्सिडी कम करने पर चर्चा की, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठा।
- 2022 में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर की अध्यक्षता में हाईपावर कमेटी बनी, लेकिन तीन बैठकों के बाद भी समाधान नहीं निकला।
- 2023 में मोहन सरकार ने सितंबर 2024 तक सब्सिडी घटाने का प्रयास किया, लेकिन अभियान ठप पड़ गया।
बिजली सब्सिडी का गणित
मध्य प्रदेश सरकार हर साल लगभग 26,500 करोड़ रुपए की बिजली सब्सिडी देती है। इस राशि में सौ यूनिट बिजली सौ रुपए में देने जैसी योजनाएं शामिल हैं। बिजली की औसत कीमत 6 रुपए प्रति यूनिट है, जबकि अन्य चार्ज जोड़कर यह और बढ़ जाती है। इस अंतर को सरकार सब्सिडी के रूप में भरती है।
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क्या कोई ठोस कदम उठाएगी सरकार?
बिजली सब्सिडी का मुद्दा सरकार के लिए आर्थिक और राजनीतिक दोनों ही स्तरों पर चुनौती बना हुआ है। चुनावी साल न होने के बावजूद सरकार सीधे जनता पर बोझ डालने से बचना चाहती है। अब देखना होगा कि बजट 2025 में बिजली दरों पर कोई बड़ा फैसला लिया जाता है या नहीं।
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