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INDORE. बंधक प्लाट बेचने के मामले में EOW ने DHL इन्फ्राबुल इंटरनेशनल प्रालि के संचालकों के खिलाफ केस दर्ज किया था। शिकायत क्रमांक 266/2025 की जांच के बाद यह केस दर्ज किया गया था। लेकिन अब इस मामले में एजेंसी को झटका लगा है। हाईकोर्ट ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
हाईकोर्ट ने यह दिया आदेश
इस मामले में तीन आरोपी डायरेक्टर संतोष सिंह, संजीव जायसवाल और अनिरूद्ध देव है। हाईकोर्ट में देव की ओर से अधिवक्ता विभोर खंडेलवाल और जयेश गुरनानी ने पैरवी की गई। हाईकोर्ट ने आदेश में कहा कि कंपनी के डायरेक्टर में एक अधिवक्ता है जो प्रोफेशनल डायरेक्टर थे। कंपनी में लॉ के अनुसार प्रोफेशनल डायरेक्टर दैनिक प्रबंधन में शामिल नहीं होंगे। न ही इसके लिए जिम्मेदर होंगे। ऐसे में अगली सुनवाई तक दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाई जाती है।
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ईओडब्लू की एफआईआर में यह था
आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ मुख्यालय भोपाल में पंजीबद्ध शिकायत क्रमांक 266/2025 के सत्यापन पर यह कार्रवाई हुई । DHL इन्फ्राबुल्स इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के संचालकों संतोष कुमार सिंह, संजीव और अनिरुद्ध के खिलाफ बंधक संपत्ति को गलत तरीके से विक्रय करने का मामला पाया गया। इस पर EOW मुख्यालय भोपाल द्वारा अपराध धारा 420, 467, 468, 471, 120-बी में अपराध पंजीबद्ध किया गया। ईओडब्ल्यू एसपी रामेशवर यादव द्वारा मामले की गहन जांच कराई जा रही है।
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इन तीनों को बनाया था आरोपी
डी.एच.एल. इन्फ्राबुल्स इंटरनेश्नल प्रा०लि० के संचालकगण
(1) संतोष कुमार सिंह पिता शिवप्रसाद सिंह, डायरेक्टर, डी.एच.एल. इन्फ्राबुल्स इंटरनेशनल प्रा० लि0, 301, मेगापेलिस टॉवर, 579, एम.जी. रोड, इंदौर
(2) संजीव पिता अशोक जायसवाल, डायरेक्टर, डी.एच.एल. इन्फ्राबुल्स इंटरनेशनल प्रा०लि0, 301, मेगापेलिस टॉवर, 579, एम.जी. रोड, इंदौर
(3) अनिरुद्ध पिता मधुकर देव, डायरेक्टर, डीएचएल इन्फ्राबुल इंटरनेशनल प्रा०लि०, 301, मेगापेलिस टॉवर, 579, एम.जी. रोड, इंदौर एवं अन्य
EOW ने बंधक प्लॉट बेचने पर DHL इन्फ्राबुल्स संचालकों पर दर्ज की FIR
इतने प्लाट बेचे गए
ईओडब्ल्यू केस में यह था कि आरोपी कंपनी DHL इन्फ्राबुल्स इंटरनेशनल प्रा०लि० के संचालक मंडल ने आईकॉनस लैण्डमार्क-01 और आईकॉनस लैण्डमार्क-02 के 249 भूखण्ड बंधक रखे थे। ये भूखण्ड कॉलोनी सेल इंदौर में विकास के बदले रखे गए थे। शासन में बंधक रखे गए भूखंडों का स्वामित्व कॉलोनी सेल / शासन का है।
कंपनी द्वारा बंधक भूखंड को मुक्त नहीं किया गया था। आरोपीगणों ने शासन के स्वामित्व के 15 बंधक भूखंड बेचे। ये भूखंड बिना अपर कलेक्टर, कॉलोनी सेल से प्रमाण पत्र प्राप्त किए बेचे गए। विक्रय अन्य पक्षकारों को रजिस्टर्ड किया गया।
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