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INDORE. ईओडब्ल्यू इंदौर ने एक बार फिर एक्शन दिखाते हुए दो फर्म संचालकों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की है। इन दोनों मामलों में संचालकों के जरिए बैंकों के साथ करोड़ों की धोखाधड़ी की गई है।
एक फर्म ने 6.87 करोड़ का, तो दूसरी फर्म ने 22.88 करोड़ का धोखा दिया है। इस प्रकार कुल 29.75 करोड़ की धोखाधड़ी में दो बड़ी कार्रवाई आर्थिक अन्वेषण शाखा (EOW) ने की है।
6.87 करोड़ की धोखाधड़ी में केशव प्रोटीन्स फंसी
पहली एफआईआर के तहत मामला 6.87 करोड़ की धोखाधड़ी का है। इसमे मेसर्स केशव प्रोटीन्स एंड ऑर्गेनिक एल.एल.पी. और उनके पार्टनर नवनीत गर्ग एवं प्रवीण दादू शामिल है।
फर्म के जरिए वर्ष 2021 में एचडीएफसी बैंक स्नेह नगर से 7.41 करोड़ रुपए का ऋण लिया गया था। इसे बाद में बढ़ाकर 8.72 करोड़ रुपए किया गया था। लोन के लिए फर्म के जरिए स्टॉक का वैल्यूएशन बढ़ा-चढ़ाकर किया गया था। बाद में राशि का डायवर्सन अन्य जगह कर दिया गया था।
इन्हें बनाया है आरोप
इस केस में ईओडब्ल्यू ने इन्हें आरोपी बनाया है-
मेसर्स केशव प्रोटीन्स एंड ऑर्गेनिक, पार्टनर नवनीत गर्ग पिता विनोद गर्ग, पता- 401, पुखराज कार्परेट, नवलखा मेन रोड, इंदौर
मेसर्स केशव प्रोटीन्स एंड ऑर्गेनिक, पार्टनर प्रवीण दादू पिता रमेशचन्द निवासी- 422, पारसी मोहल्ला, महू जिला इंदौर एवं अन्य।
उपरोक्त आरोपियों के खिलाफ अपराध धारा 409, 420 एवं 120-बी के तहत केस पंजीबद्ध हुआ है।
इस तरह राशि गबन कर ली
इनके खिलाफ जांच सत्यापन में पाया गया कि आरोपियों द्वारा बिना वास्तविक सामग्री क्रय किए स्टॉक को बढ़ा-चढ़ाकर दर्शाया गया और बैंक खातों से डायवर्सन ऑफ फंड्स किया गया।
आरोपियों के जरिए उक्त ऋण खाता लगभग दो वर्षों तक संचालित किया गया था। इसके बाद शेष राशि 6.87 करोड़ रुपए जमा नहीं की गई थी। इससे बैंक के जरिए खाता एन.पी.ए. घोषित किया गया था। इस प्रकार बैंक को 6.87 करोड़ रुपए की आर्थिक क्षति होना प्रथम दृष्टया पाया गया है।
लाभांशी ट्रेडर्स के डायरेक्टर्स का 22.88 करोड़ का फ्राड
एक अन्य मामले में ईओडब्ल्यू ने 22.88 करोड़ के बैंक लोन फ्राड में केस दर्ज किया है। यह केस मेसर्स लाभांशी ट्रेडर्स के डायरेक्टर्स के खिलाफ दर्ज की गई है।
घटना के मुताबिक, डायरेक्टर्स और गारंटरर्स ने 2019 में 2.50 करोड़ रुपए का लोन लिया था। साथ ही 2.50 करोड़ रुपए की कैश क्रेडिट लिमिट प्राप्त किया गया था। यह लोन मशीनरी खरीदने के लिए दि कॉसमोस को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड से लिया गया था।
इसके बाद, लोन की लिमिट बढ़ाकर 21.50 करोड़ रुपए कर दी गई थी। आज की स्थिति में बैंक की बकाया राशि 22 करोड़ 88 लाख 37 हजार 875 रुपए है।
ईओडब्ल्यू ने इन्हें बनाया आरोपी
मेसर्स लाभांशी मल्टीट्रेड प्रा.लि.
आयुष अग्रवाल पिता राजेन्द्र कुमार सिंघल, उम्र- 32 वर्ष, निवासी- 03 प्रकाश नगर, थाना नौगांव, जिला धार (डायरेक्टर एवं गारंटर मेसर्स लाभांशी मल्टीट्रेड प्रा.लि.)
अनूप सिंघल पिता राजेन्द्र कुमार सिंघल, उम्र- 36 वर्ष, निवासी- 03 प्रकाश नगर, थाना नौगांव, जिला धार (डायरेक्टर एवं गारंटर मेसर्स लाभांशी मल्टीट्रेड प्रा.लि.)
अंकुश सिंघल पिता राजेन्द्र कुमार सिंघल, उम्र- 42 वर्ष, निवासी- 03 प्रकाश नगर, थाना नौगांव, जिला धार (गारंटर)।
राजेन्द्र कुमार सिंघल पिता बाबूलालजी सिंघल (अग्रवाल), उम्र- 62 साल, निवासी- 03 प्रकाश नगर, थाना नौगांव, जिला धार (गारंटर) एवं अन्य।
इस तरह किया घोटाला
जांच में आया कि मेसर्स लाभांशी मल्टीट्रेड प्रा.लि. के उपरोक्त डायरेक्टर्स एवं गारंटरर्स ने बैंक की बिना अनुमति एवं बिना सूचना के स्टॉक में उपलब्ध अनाज चना, सोयाबीन आदि को खुर्द-बुर्द कर दिया। उक्त स्टॉक बैंक में बंधक था। यह बिना बैंक की अनुमति के नहीं बेचा जा सकता था।
इस प्रकार आरोपीगण के जरिए बैंक से प्राप्त ऋण राशि का धोखाधड़ी पूर्वक गबन किया जाना प्रथम दृष्टया पाया गया है। इस आधार पर उपरोक्त आरोपियों के खिलाफ धारा 409, 420 एवं 120-बी भारतीय दंड संहिता के तहत केस पंजीबद्ध किया गया है।
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