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नंदकिशोर सोलंकी
आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) की टीम ने धार के रिंगनोद गांव में आदिम जाति सेवा सहकारी समिति के प्रबंधक नंदकिशोर सोलंकी के घर पर सोमवार को छापा मारा था। यहां जांच के दौरान 36 लाख रुपए का सोना और 70 हजार रुपए की चांदी मिली है। इसके साथ ही अंग्रेजी शराब की 13 बोतल भी बरामद की गई।
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5 करोड़ की चल-अचल संपत्ति का पता चला
EOW की टीम ने अब तक की जांच में नंदकिशोर सोलंकी की 5 करोड़ की चल-अचल संपत्ति का खुलासा किया है। इसमें तीन प्रॉपर्टी और दूसरे कीमती सामान शामिल हैं। इस मामले में ईओडब्ल्यू एसपी रामेश्वर सिंह यादव ने बताया कि नंदकिशोर सोलंकी की मासिक आय केवल 40 हजार रुपए है, जबकि 28 साल की नौकरी में उनकी वैध आय (legitimate income) 50 लाख रुपए होनी चाहिए थी, लेकिन उनके पास इससे कई गुना ज्यादा संपत्ति है। जिसे लेकर नंदकिशोर सोलंकी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया है।
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रतलाम में बेटे के घर से भी डॉक्यूमेंट्स जब्त
रतलाम में नंदकिशोर सोलंकी के बेटे विकास सोलंकी के ग्लोबस कॉलोनी स्थित घर पर भी छापा मारा गया। यहां से जमीनों के डॉक्यूमेंट्स, बैंक अकाउंट और मकान की रजिस्ट्री जब्त की गई। विकास सोलंकी नगर निगम में अकाउंट ऑफिसर है, उसके खिलाफ लोकायुक्त ने पहले ही मामला दर्ज किया हुआ है। जांच के दौरान नंदकिशोर सोलंकी के घर से अंग्रेजी शराब की 13 बोतलें भी मिलीं। इसके लिए आबकारी विभाग ने अलग से मामला दर्ज किया है।
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आय के स्रोतों की भी हो रही जांच
एसपी यादव के मुताबिक, जांच के दौरान घर के सभी सदस्यों की आय के स्त्रोतों (sources of income) के डाक्यूमेंट्स की जांच की जा रही है। यदि परिवार के किसी सदस्य की संदिग्ध भूमिका सामने आती है, तो उस पर केस दर्ज किया जाएगा। इसके साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि परिवार के सदस्यों की नौकरी से अब तक कितनी आय हुई है और उनकी कुल संपत्ति कितनी है। सभी आंकड़ों का मिलान किया जा रहा है। यह भी देखा जा रहा है कि उन्होंने आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल किया है या नहीं। इस पूरे जांच प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की जा रही है। इस दौरान घर से कुछ नगद भी बरामद हुआ है, लेकिन उसकी जानकारी फिलहाल सार्वजनिक नहीं की गई है।
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बिना एमआईसी को सूचना दिए बेचे थे खाली प्लॉट
7 और 9 मार्च 2024 को रतलाम नगर निगम में पार्षदों ने सिविक सेंटर के खाली प्लॉटों की अवैध बिक्री पर शिकायत की थी। उनका आरोप था कि मेयर इन काउंसिल (एमआईसी) को जानकारी दिए बिनाइन प्लॉटों की रजिस्ट्री कराई गई। 11 जून को लोकायुक्त ने इस मामले में तत्कालीन निगम आयुक्त एपीएस गहरवाल, उपायुक्त विकास सोलंकी, उप पंजीयक रतलाम प्रसन्न गुप्ता के साथ 36 दूसरे आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
लोकायुक्त की कार्रवाई: अधिकारी निलंबित
लोकायुक्त की टीम ने रतलाम आकर मामले से जुड़े सभी डॉक्यूमेंट्स इकट्ठा किए थे। इसके बाद निगम आयुक्त गहरवाल को निलंबित कर दिया गया, जबकि उपायुक्त सोलंकी को भी हटा दिया गया। लोकायुक्त ने माना कि रतलाम नगर निगम के अधिकारियों ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर जमीनों की रजिस्ट्री कराई और शासन को धोखा देकर आर्थिक नुकसान पहुंचाया।
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