ग्वालियर के तत्कालीन तहसीलदार शत्रुघ्न सिंह के कारनामों की खुल रही परत दर परत, जाते-जाते 40 करोड़ की भूमि निजी कर गए शत्रुघ्न

एक महिला से यौन उत्पीड़न की शिकायत पर नपने से पहले वे नौगांव क्षेत्र की लगभग चालीस करोड़ रुपए की शासकीय भूमि को निजी कर गए। यह भूमि शिवपुरी लिंक रोड पर टोयटा शोरूम के पास है ।

Advertisment
author-image
Sandeep Kumar
New Update
PIC
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

BHOPAL. ग्वालियर में विवादों से घिरे सिटी सेंटर क्षेत्र के तत्कालीन तहसीलदार शत्रुघ्न सिंह ( Shatrughan Singh ) के कारनामे एक के बाद एक सामने आ रहे हैं। एक महिला से यौन उत्पीड़न की शिकायत पर नपने से पहले वे नौगांव क्षेत्र की लगभग चालीस करोड़ रुपए की शासकीय भूमि को निजी कर गए। यह भूमि शिवपुरी लिंक रोड पर टोयटा शोरूम के पास है । जहां एक बीघा जमीन की कीमत दो से तीन करोड़ रुपए से कम नहीं है, लेकिन इसके ठीक दो दिन पहले उन्होंने पुराने खसरे में कांटछाट कर अलग स्याही से एक ऐसी जमीन को निजी घोषित कर दिया जिसे लेकर पहले ही कई वाले खारिज किए जा चुके थे।

ये खबर भी पढ़िए...बिल घोटाले में निगम की जांच पूरी, 188 फाइल की लिस्टिंग, जांच 20 तक ही सीमित रही, बड़ा अधिकारी जिम्मेदार नहीं

फर्जी नाम से जारी हुए थे आदेश

शत्रुघ्न सिंह ने ग्राम नौ गांव तहसील सिटी सेंटर में सर्वे क्रमांक 110/2 रकबा 1.630, सर्वे 111/2 रकबा 2.508 कुल किता दो रकवा 4.138 हेक्टेयर यानी कि चालीस करोड़ रुपए कीमत की 18 बीघा जमीन को स्व शंकर सिंह गुर्जर के पुत्रों और अन्य वारिसों के नाम करने के आदेश जारी किए हैं। जबकि साल 2009-10 के खसरे में शंकर सिंह का नाम था ही नहीं उसकी मृत्यु 2 मार्च 2009 में होने के बाद वारिसों द्वारा चढ़ाए गए नाम। 

ये खबर भी पढ़िए...UPSC में चयन कराने के नाम पर B.TECH की छात्रा से ज्यादती, जेवरात भी हड़पे

ऐसे चढ़ाए गए नाम

पुराने खसरे में अलग स्याही से कांटछांट कर नाम चढ़ाए जाना दिखाई दे रहा है इसीलिए जिलाधीश मामले की। फाइल मगाएगी तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। उक्त भूमि अपने नाम किए जाने के आवेदन को तत्कालीन तहसीलदार 7 मई 2018 को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि भूस्वामी का नाम कंप्यूटर अभिलेख में दर्ज नहीं है। इसके बाद अपील की गई साथ ही विवादों से रहा है नाता, इनाम भी हुआ घोषित वर्ष 1988 में पटवारी बनने के बाद से ही विवादों में रहे शत्रुघ्न सिंह चौहान न सिर्फ कई बार निलंबित हुए बल्कि एक दर्जन अपराध भी उनके खिलाफ दर्ज रहे जिनमें हत्या, हत्या का प्रयास, खनन, लूट जैसे मामले शामिल हैं। उनके खिलाफ चंबल संभाग के तत्कालीन आईजी एसडब्ल्यू नकवी ने 15 हजार रुपए का ईनाम घोषित किया था। रायसेन में रिश्वत लेने के मामले में वीडियो वायरल होने पर निलंबित हुए। जीडीए में छुट्टी वाले दिन फाइले पास की। फिर यहां से भी हटाए गए। 

ये खबर भी पढ़िए...बिल घोटाले में निगम की जांच पूरी, 188 फाइल की लिस्टिंग, जांच 20 तक ही सीमित रही, बड़ा अधिकारी जिम्मेदार नहीं

मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन

मामला उच्च न्यायालय भी पहुंचा। याचिका क्रमांक 2040/2020 में न्यायालय ने 7 फरवरी 2020 को अपने आदेश में पट्टे की वैद्यता की जांच के लिए कहा। जिसके खिलाफ रिट अपील 392/2020 प्रस्तुत की गई। इस आदेश के पालन में तहसीलदार न्यायालय ने 4 जनवरी 2023 जांच उपरांत आवेदन निरस्त कर दिया। इसके बाद एसडीएम झांसी रोड के माध्यम से जिलाधीश न्यायालय तक मामला पहुंचने पर उन्होंने भी 22 अगस्त 2023 आवेदन निरस्त कर दिया। इसमें अपील करने की स्वतंत्रता दी गई जिस पर एसडीएम के यहां की जिसका निराकरण 21 दिसंबर 2023 को झांसी रोड एसडीएम ने करते हुए 4 मई के आदेश को निरस्त कर दिया। साथ ही याचिका क्रमांक 392/2020 में दिए आदेश के क्रम में आदेश पारित किया। इसमें कहा गया था कि अभिलेख का सूक्ष्मता से परीक्षण कर निराकरण करें। बस इसी बात का लाभ उठाकर तहसीलदार ने सारी जमीन निजी घोषित कर दी। साथ ही यह लेख किया कि शासकीय भूमि को निजी भूमि के रूप में परिवर्तित करने का अधिकार जिलाधीश को है। इनका कहना है इस मामले की पूरी जानकारी संबंधित से ली जाएगी। अगर गड़बड़ी पाई जाती है तो कार्रवाई की जाएगी।

ये खबर भी पढ़िए...शिवराज के साथ एक दिन - ऐसा क्यों लग रहा है कि ये मामा का पहला चुनाव है!

ग्वालियर Shatrughan Singh तत्कालीन तहसीलदार शत्रुघ्न सिंह