अमेरिका में रहने वाले व्यक्ति की जमीन पर एमपी में की गई फर्जी रजिस्ट्री

मध्य प्रदेश में डिजिटल संपदा 2.0 पोर्टल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। अमेरिका में रहने वाले शख्स की 41 बीघा जमीन की फर्जी रजिस्ट्री कर दी गई।

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Sandeep Kumar
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MP NEWS: मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले के पिपरई तहसील में संपदा-2.0 पोर्टल के जरिए एक गंभीर फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। दरअसल, पोर्टल का मकसद भूमि रजिस्ट्री में होने वाली धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े को रोकना था, लेकिन इस पोर्टल में सुराख पाया गया है। बताया जा रहा है कि एक व्यक्ति की भूमि की फर्जी तरीके से रजिस्ट्री हो गई। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि तकनीकी उपायों के बावजूद कुछ लोग सिस्टम की खामियों का फायदा उठाकर धोखाधड़ी कर सकते हैं।

क्या है पूरा मामला 

यह मामला सागरअथाई गांव का है, जहां एक व्यक्ति ने करीब 41 बीघा भूमि की रजिस्ट्री फर्जी तरीके से की। मूलजीभाई गुजराती, जो अमेरिका में रहते हैं और वर्षों से देश में नहीं आए। उनकी जमीन को किसी व्यक्ति ने फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कराकर 28 लाख 6 हजार 998 रुपए में बेच दिया। इस प्रक्रिया में विक्रेता की उम्र, फोटो, और पता भी अलग था, जो जांच का विषय बन गया है।

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रजिस्ट्री में विक्रेता का पहचान प्रमाण

शिकायतकर्ता ने रजिस्ट्री के साथ मूलजीभाई गुजराती द्वारा जारी पावर ऑफ अटॉर्नी की प्रति भी प्रस्तुत की, जिसमें उनकी उम्र उस समय 56 वर्ष थी। फर्जी रजिस्ट्री में विक्रेता की उम्र 50 वर्ष बताई गई और फोटो भी अलग था। इसके अलावा, विक्रेता का पता भी अशोकनगर में दर्ज किया गया, जबकि वास्तविक विक्रेता अमेरिका में रहता है। यह घटना पोर्टल पर आधारित आधार और यूआइडी की साइट से थंब प्रूफिंग की प्रक्रिया में खामी को उजागर करती है।

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क्या बोले जिला रजिस्ट्रार

जिला रजिस्ट्रार शैलेंद्र सिंह चौहान ने मामले की गंभीरता से लेते हुए कहा कि यह मामला निश्चित रूप से जांच का विषय है। उन्होंने बताया कि संपदा 2.0 पोर्टल के जरिए रजिस्ट्री में फर्जीवाड़े को रोकने की उम्मीद थी। इस घटना से यह साबित हो रहा है कि सिस्टम में सुराख हो सकते हैं। उन्होंने आशंका जताई कि विक्रेता ने पहले से फर्जी आधार कार्ड तैयार किया हो और यूआइडी में खुद को रजिस्टर्ड कराया हो, जिससे यह रजिस्ट्री की जा सकी।

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क्या है संपदा 2.0 पोर्टल?

संपदा 2.0 पोर्टल को 1 अप्रैल से लागू किया गया था, जिसका मुख्य उद्देश्य भूमि रजिस्ट्री की प्रक्रिया को पारदर्शी और सुरक्षित बनाना था। इस पोर्टल पर रजिस्ट्री के लिए विक्रेता का आधार नंबर लिया जाता है और उसकी पहचान को यूआइडी की साइट से वेरीफाई किया जाता है। हालांकि, इस मामले में थंब वेरीफिकेशन से जुड़ी एक बड़ी चूक सामने आई है, जिससे विभाग में हड़कम मच गया है।

 

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