मंत्री विजय शाह पर FIR करो, बदजुबानी पर हाईकोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान, हो सकता है इस्तीफा

मंत्री विजय शाह के कर्नल सोफिया कुरैशी के बारे में विवादित बयान पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। कोर्ट ने एमपी सरकार को चार घंटे में एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया।

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Neel Tiwari
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VIJAY SHAH FIR HIGH COURT

Photograph: (the sootr)

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कर्नल सोफिया कुरैशी पर की गई अमर्यादित टिप्पणी के बाद अब आदिम जाति कल्याण मंत्री विजय शाह के ऊपर एफआईआर दर्ज होना तय हो गया है। जबलपुर हाईकोर्ट ने मध्यप्रदेश के डायरेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस को FIR दर्ज करने के लिए शाम 6:00 तक का समय दिया है।

इसके साथ ही सूत्र के पास ऐसी खबर भी है कि एफआईआर दर्ज होते ही शाह का मंत्री पद से इस्तीफा हो सकता है। बता दें कि कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर आपत्तिजनक बयान देने का मामला सबसे पहले द सूत्र ने ही चलाई थी। इसके बाद भाजपा आलाकमान ने भी मामले में संज्ञान लिया और ऐसे बयान पर गहरी नाराजगी जताई और माफी मांगने के लिए कहा।

बता दें कि पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना के द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देश के सामने कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने रखी थी। लेकिन मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकवादियों की बहन बताते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस मामले में हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए सरकार के मंत्री की कड़ी आलोचना की और DGP को आदेश दिया है की मंत्री विजय शाह के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाए। 

मंत्री विजय शाह के खिलाफ FIR दर्ज

पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा है कि मंत्री विजय शाह के खिलाफ भोपाल के श्यामला हिल्स पुलिस थाना में FIR दर्ज कर ली गई है। उन्होंने कहा है कि कर्नल सोफिया कुरैशी का अपमान करने वाले मंत्री विजय शाह को जब तक बर्खास्त नहीं किया जाता है तब कांग्रेस चैन से नहीं बैठेगी। विजय को एक मिनट भी पद पर रहने का अधिकार नहीं है। भारतीय जनता पार्टी गुमराह करने की कोशिश कर रही है डाट डपटकर करके। इसे देश का नागरिक सहन नहीं करेगा।

शाम तक नहीं हुआ प्रकरण दर्ज तो DGP झेलेंगे कोर्ट की अवमानना

जबलपुर हाईकोर्ट में जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की डिविजनल बेंच ने स्वतः संज्ञान लेते हुए इस मामले मेंआदेश जारी करते हुए मंत्री विजय शाह के द्वारा दिए गए बयान की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की बाजी लगाने वाली जांबाज कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकवादियों की बहन बताना ना केवल भारत की अखंडता को तोड़ने के जैसा है बल्कि इस तरह के बयान सेना के मनोबल को भी कमजोर कर सकते हैं।

कोर्ट ने यह साफ कर दिया है की मंत्री के द्वारा दिया गया बयान एक आपराधिक कार्य है, जिस पर पुलिस को मामला दर्ज करना ही होगा, कोर्ट के आदेश के बाद यदि बुधवार की शाम 6:00 तक मंत्री विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई तो इस मामले की कल होने वाली सुनवाई में डीजीपी के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मामला शुरू कर दिया जाएगा। हाईकोर्ट ने एजी ऑफिस को यह आदेशित किया है कि हाईकोर्ट के द्वारा जारी किया गया आदेश तत्काल डीजीपी को प्रेषित किया जाए।

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सेना के सम्मान से खिलवाड़ नहीं होगा बर्दाश्त

जबलपुर हाईकोर्ट में जस्टिस श्रीधरन ने अपने आदेश में कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया। उन्होंने करनाल सोफिया कुरैशी को भारतीय सेवा के साहस का प्रतीक बताते हुए यह कहा कि मंत्री के द्वारा की गई टिप्पणी सिर्फ कर्नल कुरैशी के खिलाफ नहीं है। बल्कि यह टिप्पणी देश में अलगाववाद पैदा करने जैसी है।

कोर्ट ने यह भी कहा कि इस तरह सेवा का अपमान करने वाले लोगों को तो उम्र कैद होनी चाहिए, लेकिन कानून के अनुसार इन पर कार्यवाही की जाना जरूरी है। इसके बाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में लिखा की मंत्री विजय शाह के खिलाफ देश की अखंडता को तोड़ने की कोशिश के लिए धारा 152, धर्म जाति रंग एवं समुदाय के आधार पर लोगों को बांटने की कोशिश पर धारा 196 (1) सहित इस शर्मनाक टिप्पणी के लिए धारा 197 BNS के तहत भी कार्यवाही की जानी चाहिए।

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मंत्री की ओर से मांगा गया तीन दिनों का समय कोर्ट ने कहा दे रहे हैं कुछ घंटे 

इस मामले में मंत्री विजय शाह की ओर से अधिवक्ता ने कोर्ट से यह निवेदन किया कि हाईकोर्ट का यह आदेश मीडिया में छपी खबरों के ऊपर आधारित है और मंत्री विजय शाह को तीन दिनों का समय दिया जाना चाहिए और इस मामले में कार्यवाही जांच एजेंसियों पर छोड़ देनी चाहिए। हाईकोर्ट ने इस पर फटकार लगाते हुए कहा कि इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया सहित हर डोमेन में उपलब्ध है।

इस शर्मनाक बयान के बाद उन्हें हाई कोर्ट से कुछ घंटे का समय दिया जा रहा है यह ही बहुत है और फिर होने के बाद ही इस मामले की जांच हो सकेगी। हाई कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि देश की अखंडता के खिलाफ यदि इस तरह के बयान दिए जाते हैं तो वह व्यक्ति किसी भी पद पर आसीन है कानून उसे बक्शेगा नहीं। 

इन धाराओं पर होगी मंत्री विजय शाह पर एफआईआर दर्ज 

BNS की धारा 152

धारा 152 बीएनएस के तहत सजा आजीवन कारावास या 7 साल तक का कारावास, और जुर्माना हो सकता है. यह सजा उन व्यक्तियों को दी जाती है जो भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कार्य करते हैं, या अलगाव या अलगाववादी आंदोलन को भड़काने का प्रयास करते हैं।

धारा 196,1(B)

धारा 196, 1 b BNS के तहत सजा 3 साल तक का कारावास, जुर्माना या दोनों हो सकती है। अगर अपराध किसी पूजा स्थल में या धार्मिक अनुष्ठान के दौरान किया जाता है तो सजा 5 साल तक का कारावास और जुर्माना हो सकता है। यह धारा धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने और सद्भाव को बाधित करने वाले कार्यों के लिए दंड निर्धारित करती है।

धारा 197 BNS 

यदि कोई व्यक्ति धर्म, जाति, भाषा या समुदाय के आधार पर राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचाने वाले बयान देता है या कार्रवाई करता है, तो उसे तीन साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है। यदि यह अपराध धार्मिक स्थल पर होता है तो सजा पांच साल तक बढ़ सकती है।

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गुरुवार को दोबारा होगी मामले की सुनवाई 

इस मामले की सुनवाई गुरुवार 15 मई को दोबारा तय की गई है। गुरुवार को होने वाली सुनवाई में डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस मध्य प्रदेश कोर्ट को यह बताएंगे कि उन्होंने कोर्ट के आदेश का पालन किया है या नहीं और यदि किसी कारण से मंत्री विजय शाह के ऊपर अपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं किया जाता तो डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस के खिलाफ अवमानना का मामला शुरू कर दिया जाएगा।

मंत्री विजय शाह ने की थी विवादित टिप्पणी

मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी के बारे में एक आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवादियों को सिखाने के लिए "आतंकियों की बहन" भेजी है। यह बयान न केवल कर्नल कुरैशी के खिलाफ था, बल्कि इससे पूरे महिला अधिकारी वर्ग की गरिमा को ठेस पहुंची। शाह के इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में तूफान खड़ा कर दिया।

कांग्रेस ने की निंदा

कांग्रेस ने मंत्री शाह के बयान की कड़ी निंदा की और उनके इस्तीफे की मांग की। पार्टी ने इसे महिला अधिकारियों के खिलाफ अपमानजनक और अस्वीकार्य करार दिया। कांग्रेस नेताओं ने इसे भाजपा की महिला विरोधी मानसिकता का उदाहरण बताया और शाह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

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मंत्री शाह के खिलाफ थाने पहुंची कांग्रेस

कांग्रेस नेता जीतू पटवारी अपने समर्थकों के साथ भोपाल के श्यामला हिल्स थाने पहुंचे। मंत्री विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की। हालांकि, एडिशनल डीसीपी शालिनी दीक्षित ने उन्हें समझाने का प्रयास किया।  जिसे आधिकारिक शिकायत माना गया है। यह कदम कांग्रेस द्वारा बढ़ते दबाव का संकेत है।

महिला कांग्रेस और सेवादल की सक्रियता

इंदौर में महिला कांग्रेस ने मंत्री शाह का पुतला फूंका, जो उनके बयान को लेकर जनता में गुस्से का प्रतीक बना। दूसरी ओर, सेवादल के कार्यकर्ताओं ने कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह के पोस्टर का दूध से अभिषेक कर यह जताया कि वे इन महिलाओं को देश की गौरवशाली बेटियां मानते हैं। यह सांकेतिक अभिव्यक्ति महिला सम्मान को केंद्र में लाने का प्रयास थी।

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