रीवा में खाद के लिए किसानों पर लाठीचार्ज, दो दिन से लगे थे कतार में, पुलिस ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा

रीवा जिले में खाद की कमी को लेकर किसानों का गुस्सा फूटा। करहिया मंडी में किसानों ने खाद की मांग को लेकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया।

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Sanjay Dhiman
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Photograph: (the sootr)

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मध्यप्रदेश के रीवा जिले में खाद की भारी किल्लत को लेकर किसानों का गुस्सा मंगलवार रात में फूट पड़ा। किसान खाद की आपूर्ति को लेकर प्रशासन से नाराज थे। जब करहिया मंडी में किसान खाद की मांग को लेकर अड़े रहे और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की, तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। आरोप है कि पुलिस ने किसानों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इस घटना में कई किसान घायल हो गए।

काउंटर बंद करने पर भड़के किसान 

किसानों का कहना है कि वे पिछले 24 से 48 घंटे तक खाद के लिए लाइन में खड़े रहे। करहिया मंडी में सैकड़ों किसान रातभर लाइन में खड़े रहे, लेकिन मंगलवार शाम को खाद काउंटर बंद कर दिया गया। इससे नाराज किसानों ने विरोध जताया और स्थिति बिगड़ गई।

किसानों के अनुसार, खाद का वितरण सही तरीके से नहीं हो रहा था और कई स्थानों पर कालाबाजारी हो रही थी, जिससे सामान्य किसानों को खाद नहीं मिल पा रही थी। 

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किसानों ने लगाया कालाबाजारी का आरोप

किसान हरीश प्रजापति ने आरोप लगाया कि खाद की कालाबाजारी हो रही है, जहां खाद को अधिक दामों पर बेचा जा रहा है या कुछ विशेष और रसूखदार किसानों को ही दिया जा रहा है। इस प्रकार की कालाबाजारी से आम किसान परेशान हैं और खाद की अनुपलब्धता के कारण उनकी फसलें सूखने लगी हैं। 

किसानों ने बयान की अपनी पीड़ा

किसान प्रदीप मिश्रा ने कहा, "यह विडम्बना है कि किसान अपनी फसल की देखभाल के बजाय, खाद के लिए लाइन में खड़े हैं। सरकार को चाहिए कि खाद समय पर उपलब्ध कराए, न कि लाठीचार्ज किया जाए।"

विनीत शुक्ला, जो कई घंटों से लाइन में थे, ने बताया, हम सुबह से शाम तक इंतजार कर रहे हैं, लेकिन कोई गारंटी नहीं कि हमें खाद मिलेगी या नहीं। ऐसे में पुलिस का लाठीचार्ज ठीक नही है।

खाद के लिए किसानों पर लाठीचार्ज की घटना को ऐसे समझें 

खाद की किल्लत: रीवा जिले में किसानों को खाद की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है, जिसके कारण वे 24 से 48 घंटे तक लाइन में खड़े रहे।

लाठीचार्ज: खाद की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, जिससे कई किसान घायल हो गए।

कालाबाजारी का आरोप: किसानों का कहना है कि कई जगह खाद की कालाबाजारी हो रही है, जहां खाद को अधिक दामों पर बेचा जा रहा है और सामान्य किसानों को खाद नहीं मिल रही।

प्रशासन की प्रतिक्रिया: कलेक्टर ने कहा कि खाद का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है और वितरण पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है, लेकिन स्थिति में सुधार की आवश्यकता है।

कांग्रेस और वकीलों की आलोचना: कांग्रेस और वकील इस घटना की आलोचना करते हुए कहते हैं कि किसानों के अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है और उन्हें बिना कारण लाठीचार्ज किया जा रहा है।

कलेक्टर ने कहा खाद का पर्याप्त स्टाॅक

रीवा खाद संकट पर रीवा के कलेक्टर, प्रतिभा पाल, का कहना है कि क्षेत्र में पर्याप्त खाद का स्टॉक उपलब्ध है और खाद के वितरण पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। इसके अलावा, सहकारी समितियों और निजी विक्रेताओं के जरिए खाद वितरण की प्रक्रिया को व्यवस्थित किया गया है। प्रशासन का यह भी कहना है कि किसानों को छांव, पानी, और ओआरएस (ORS) पैकेट भी मुहैया कराए जा रहे हैं, ताकि वे गर्मी में परेशान न हों।

कांग्रेस बोली, किसानों पर लाठी चार्ज गलत 

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता विनोद शर्मा और वकील बीके माला ने इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरते हुए कहा कि किसानों पर लाठीचार्ज किया जा रहा है, जबकि वे केवल अपनी बुनियादी जरूरतें पूरी करने के लिए खाद मांग रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि अगर खाद की आपूर्ति संभव नहीं है तो किसानों को पहले से सूचित किया जाना चाहिए।

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कलेक्टर ने दिया आश्वासन, जल्द मिलेगा खाद

हालांकि कलेक्टर का कहना है कि स्थिति को जल्द ही नियंत्रित कर लिया जाएगा और खाद की आपूर्ति जल्द ही पूरी हो जाएगी, लेकिन किसानों की समस्याओं का समाधान तुरंत होने की आवश्यकता है। खाद की किल्लत को लेकर प्रदेश सरकार और प्रशासन को एक सुसंगत और प्रभावी योजना बनानी चाहिए ताकि किसानों को समय पर खाद उपलब्ध हो सके और उनके संघर्ष को समाप्त किया जा सके।

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