इंदौर के राजबाड़ा में सीएम मोहन यादव की राजसी कैबिनेट मीटिंग हुई। उसमें सीएम ने पूरी कैबिनेट के साथ मालवी भोजन भी किया। इसको लेकर कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सवाल खड़े किए कि आयोजन में मंत्रियों को खुश करने के लिए चांदी की प्लेट में खाना खिलाया गया। इसका फैक्ट चेक करने के लिए जब द सूत्र ने पड़ताल की तो पता चला कि सिंघार जिसे चांदी की प्लेट समझ रहे हैं वह असल में लकड़ी की प्लेट है। असल में उसकी फिनिशिंग इतनी अच्छी थी कि वह दूर से चांदी जैसी दिख रही थी। वहीं, प्लेट को जिस स्टूल पर रखा गया था वह जरूर चांदी के जैसा दिखाई दे रहा था।
चीड़ की लकड़ी से बनी है प्लेट, कटोरी
सीएम कैबिनेट के भोजन का जिम्मा जिला प्रशासन की तरफ से खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के पास था। इसके लिए शहर के आयोजन कैटरिंग सर्विस को ठेका दिया गया। सूत्रों के मुताबिक पहले पूरे कैबिनेट को भोजन करवाने के लिए तीन विकल्प तैयार किए गए थे। जिसमें चांदी की प्लेट, मिट्टी की प्लेट और लकड़ी की प्लेट का प्लान था, लेकिन पूर्व में चूंकि चांदी की प्लेट कोलेकर विवाद हो चुका था तो अफसरों ने प्लान बदल दिया। इसके बाद चीड़ के पेड़ की लकड़ी से बनी प्लेट, कटोरी, चम्मच और गिलास का उपयोग भोजन के लिए करना तय हुआ।
यह है वह लकड़ी की प्लेट, जिसे चांदी जैसे दिखने वाले स्टूल पर रखा गया था।
उत्तराखंड में बनी है प्लेट, 200 रुपए किराए में मंगवाई
जिन लकड़ी की प्लेटों में सीएम संग पूरी कैबिनेट ने भोजन किया वह असल में उत्तराखंड में तैयार की गई हैं। इस आयोजन के लिए कुल 150 प्लेट और उतनी ही चम्मच और गिलास व तकरीबन 750 कटोरियां बुलवाई गई थीं। सूत्रों के मुताबिक इन प्लेटों को दिल्ली की एक एजेंसी के द्वारा 200 रुपए प्रति सेट के हिसाब से किराए पर बुलवाया गया था। इसमें से लगभग 50 प्लेट में कैबिनेट के मंत्रियों और बाकी की प्लेट में आईएएस, आईपीएस, पुलिस और मीडिया ने भी भोजन किया था। हालांकि इसमें परोसे गए खाने का ठेका किस रेट में दिया गया। इसका खुलासा बिल लगने के बाद हो पाएगा।
सिंहासन जैसी दिखने वाली कुर्सियां भी लकड़ी व गत्ते की
कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष सिंघार ने यह भी आरोप लगाया कि इन्वेस्टर समिट के जैसे ही इसमें भी खूब खर्च किया गया। सूत्रों के मुताबिक, असल बात तो यह है कि सिंहासन की तरह दिखने वाली कुर्सियां भी लकड़ी और गत्ते की थीं। वे सुंदर दिखें इसके लिए उन पर चांदी जैसी दिखने वाली फॉइल और पेपर चढ़ाया गया था। इसमें भी ज्यादा खर्च नहीं आया है।
यह था भोजन का मेन्यू
सीएम कैबिनेट के लिए मालवी भोजन तैयार किया गया था। इसमें टिक्कड़, मूंग दाल, राम भाजी, भिंडी की सब्जी, शाही पनीर, ज्वार की रोटी, मिस्सी पूड़ी, लड्डू, दही बड़ा, छांछ, झोलिया आदि शामिल थे। असल में पहले दाल–बाफले का मेन्यू तैयार किया गया था, जिसे अफसरों ने मौसम को देखते हुए हटवा दिया था। इतने पकवान थे कि एक प्लेट में 5 कटोरियां रखनी पड़ी थीं। वहीं, सुबह ब्रेक फास्ट के अलावा लंच और हाई टी का इंतजाम भी किया गया था।
इंदौर में राजवाड़ा में मंगलवार को हुई ऐतिहासिक कैबिनेट मीटिंग पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सवाल खड़े किए थे। उन्होंने मंगलवार रात को इंदौर में मीडिया से चर्चा में कहा कि मंत्रियों को आनंद दिलाने के लिए यह बैठक की गई। इसमें चांदी की थालियों में कई तरह के व्यंजन परोसे गए। इसमें कई तरह के बिल बनेंगे, खूब खर्चा हुआ जैसे कि समिट में होते हैं और कितनी की भोजन की थाली के बिल होते हैं। बैठक में सौगात जैसा कुछ नहीं हुआ।
सीएम डॉ. माेहन यादव की कैबिनेट मीटिंग राजबाड़ा में किए जाने की सूचना आने के बाद से ही मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने प्रशासनिक व पुलिस अफसरों के साथ दौरा करना शुरू कर दिया था। पिछले 10 दिन में संभागायुक्त दीपक सिंह, कलेक्टर आशीष सिंह, निगमायुक्त शिवम वर्मा ने लगातार आधा दर्जन से ज्यादा बैठकें कीं और आयोजन स्थल पर सारी व्यवस्थाएं कराने के लिए देर रात तक लगे रहे। वहीं, पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह और एडीशनल कमिश्नर लॉ एंड ऑर्डर अमित सिंह ने भी कैबिनेट मीटिंग की सुरक्षा को लेकर अफसरों के साथ लगातार बैठकें की। उन्होंने आयोजन स्थल के ट्रैफिक प्लान को भी बखूबी तैयार किया। सूत्रों के मुताबिक इस पूरे आयोजन के सफल होने को लेकर ऐसा बताया जा रहा है कि पूरी कैबिनेट काफी खुश है।