मध्य प्रदेश के भोपाल में अब तक की पहली FIR भीख मांगने और देने को लेकर दर्ज की गई है। MP नगर थाने में यह मामला एक NGO से जुड़े व्यक्ति की शिकायत पर दर्ज हुआ। जिला कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने शहर में भीख मांगने पर रोक लगा दी है, और इसके बाद यह कार्रवाई की गई। इस मामले में पुलिस दोनों, भीख मांगने वाले और भीख देने वाले ट्रक ड्राइवर की पहचान करने की कोशिश कर रही है, जिनकी अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।
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वीडियो के आधार पर हो रही कार्रवाई
पुलिस ने इस वीडियो के आधार पर अज्ञात भिखारी और भीख देने वाले व्यक्ति के खिलाफ FIR दर्ज की है। पुलिस अब वीडियो की मदद से इन दोनों की तलाश कर रही है। यह पहला मामला है, जब भीख देने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। जिला कलेक्टर के आदेश के बाद, पहले कभी भीख देने के खिलाफ FIR दर्ज नहीं हुई थी। इस नए आदेश में भीख मांगने और देने दोनों पर रोक लगाई गई है। अगर कोई भीख मांगता या देता हुआ पाया जाएगा, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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भीख मांगने और देने पर रोक
इस नए आदेश से शहर में भीख मांगने और भीख देने की समस्या को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है। इससे पहले, केवल भीख मांगने पर ही रोक थी, लेकिन अब भीख देने पर भी पाबंदी लगाई गई है। इस नए आदेश के बाद, प्रशासन का उद्देश्य शहर को "बेगर फ्री" बनाना है, जिससे शहर की छवि में सुधार होगा और इसके साथ ही भीख मांगने वालों के लिए पुनर्वास का रास्ता भी खुलेगा।
लोगों ने किया फैसले का स्वागत
इस कदम का कई लोगों ने स्वागत किया है, और उनका मानना है कि इससे शहर की छवि सुधरेगी। इसके अलावा, यह कदम भीख मांगने वालों को मदद और पुनर्वास की दिशा में प्रोत्साहित करेगा। लेकिन कुछ लोग इस आदेश की आलोचना भी कर रहे हैं, उनका कहना है कि इससे गरीब और जरूरतमंद लोगों की समस्याएं और बढ़ सकती हैं।
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