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जबलपुर। फर्जी एफडीआर सहित अन्य 12 मामलों में लंबे समय से फरार चल रहे अमित खम्परिया की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के बाद अब मध्यप्रदेश चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिविजनल बेंच ने भी इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार से सवालों की झड़ी लगा दी।
अदालत ने कड़े लहजे में कहा कि जब आरोपी 12 से ज्यादा मामलों में फरार है, तब वह कोर्ट में आवेदन दायर करने और हलफनामा दाखिल करने तक कैसे पहुंच रहा है, जबकि पुलिस अब तक उसकी गिरफ्तारी तक नहीं कर सकी।
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खम्परिया ने की HC से राहत की कोशिश
दरअसल हाईकोर्ट की सिंगल बेंच में लंबित मामले के खिलाफ खनन माफिया अमित खम्परिया ने चीफ जस्टिस की बेंच में याचिका दायर की थी। खम्परिया ने सिंगल जज के द्वारा दिए गए आदेश को चुनौती दी थी।
सुनवाई के दौरान डिविजनल बेंच ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता से सबसे पहले यह पूछा कि आपका मुवक्किल कहां है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कानून से भागकर कोई भी व्यक्ति सीधे अदालत का दरवाजा नहीं खटखटा सकता।
इतना ही नहीं, अदालत ने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि जब आरोपी खुलेआम जबलपुर में घूम रहा है और अस्पतालों में इलाज करा रहा है, तो फिर पुलिस आखिर क्यों हाथ पर हाथ धरे बैठी है।
आरोपी की बीमारी का हवाला और पुलिस का बचाव
खम्परिया की ओर से पेश अधिवक्ता ने दलील दी कि उनके मुवक्किल को रीढ़ की हड्डी की गंभीर समस्या है, जिसके चलते वह पैरालिसिस से पीड़ित है और उपचाराधीन है।
वहीं, राज्य सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता ने बताया कि खम्परिया के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया जा चुका है और पुलिस लगातार उसकी तलाश में है। लेकिन अदालत इस सफाई से संतुष्ट नहीं हुई और पुलिस की नाकामी पर गहरी नाराजगी जताई।
सिंगल बेंच और डिविजनल बेंच की सुनवाई एकसाथ
गौरतलब है कि खम्परिया की ओर से सिंगल बेंच में पहले से ही याचिका लंबित थी, जिसमें पुलिस पर मिलीभगत और कार्रवाई में लापरवाही जैसे गंभीर सवाल उठाए गए थे।
अब चीफ जस्टिस की डिविजनल बेंच ने उस मामले को भी अमित खम्परिया की याचिका के साथ जोड़ लिया है। अदालत ने साफ संकेत दिया है कि सिंगल बेंच की पुलिस पर की गई टिप्पणियां वाजिब हैं और अगली सुनवाई में कोई बड़ा आदेश जारी हो सकता है।
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अगली सुनवाई 8 अक्टूबर को
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट डिविजनल बेंच ने राज्य सरकार को स्पष्ट निर्देश दिया है कि अगली सुनवाई, जो कि 8 अक्टूबर को होगी, उसमें जबलपुर पुलिस आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें।
अदालत ने यह भी कहा कि इतने गंभीर मामलों में आरोपी का फरार रहना न्याय व्यवस्था पर गहरे सवाल खड़ा करता है और अब पुलिस को ठोस कार्रवाई दिखानी ही होगी।