इंदौर के एमवाय में चूहों के कुतरने से दो नवजातों की मौत पर हाईकोर्ट ने पूछा FIR क्यों नहीं हुई, डीन ने दूसरों पर जिम्मेदारी ढोली

एमवायएच अस्पताल में चूहों के कुतरने से दो नवजातों की मौत के मामले में मप्र हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी की है। इधर, जयस का आंदोलन जारी है। मामले पर चर्चा भी जोरों पर है।

author-image
Sanjay Gupta
New Update
high court order indore rat hospital my
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

मध्यप्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमवायएच के एनआईसीयू में 31 अगस्त और 1 सितंबर को चूहों के कुतरने से हुई दो नवजातों की मौत के मामले में हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश दिए हैं। साथ ही सख्त लहजे में पूछा गया है कि आखिर इस मामले में एफआईआर क्यों नहीं हुई है, इसका जवाब दिया जाए।

जस्टिस विवेक रूसिया, जस्टिस बिनोद कुमार द्विवेदी की खंडपीठ इसमें अगली सुनवाई 6 अक्टूबर को करेगी। केस में अब पीडब्ल्यूडी और पेस्ट कंट्रोल का ठेका लेने वाली कंपनी को भी पक्षकार बनाते हुए नोटिस जारी किए गए हैं और विस्तृत जवाब मांगा गया है। द सूत्र भी लगातार यही मुद्दा उठा रहा है कि यह पूरा केस जिम्मेदारों पर गैर इरादतन हत्या का है, जिसमें छोटों को सस्पेंड जैसी कार्रवाई कर इतिश्री कर ली गई है।

ये भी पढ़िए... इंदौर के MY में चूहा कांड पर बवाल: डीन, सुपरिटेंडेंट को हटाने की मांग पर जयस का रातभर धरना

हाईकोर्ट ने यह पूछे सवाल

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में अस्पताल प्रबंधन की ओर से जवाब दिया गया कि स्टाफ की कमी है और बिल्डिंग की हालत भी दयनीय है। पीडब्ल्यूडी इस हालत के लिए जिम्मेदार है। यह भी बताया कि इस मामले में नर्सिंग स्टाफ को सस्पेंड किया गया है। साथ ही, पेस्ट कंट्रोल करने वाली कंपनी एचएलएल इन्फ्रा टेक सर्विसेस को टर्मिनेट करने की बात कही। इस पर हाईकोर्ट ने पीडब्ल्यूडी और कंपनी को भी पक्षकार बनाने के आदेश दिए और साथ ही बिल्डिंग के रखरखाव सहित अन्य बिंदुओं पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

ये भी पढ़िए... इंदौर एमवायएच में चूहा कांड से दो नवजातों की मौत पर जयस का आंदोलन, डीन-अधीक्षक पर गैर इरादतन हत्या केस की मांग

नवजातों की मौत को नेचुरल बताया

साथ ही इसमें अस्पताल प्रबंधन ने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि नवजातों की मौत नेचुरल है और चूहों के काटने (Rat Bite) से उनकी मौत नहीं हुई है। अस्पताल के जवाब का अध्ययन करने के लिए न्यायमित्र पियूष माथुर और सहायक कीर्ति पटवर्धन ने जवाब मांगा।

ये भी पढ़िए... इंदौर एमवाय अस्पताल में चूहों के कुतरने से नवजातों की मौत पर अब हाईकोर्ट ने खुद लिया संज्ञान, सरकार ने डीन, अधीक्षक को बचाया

उधर जयस का लगातार धरना जारी

उधर एमवाय हॉस्पिटल में हुए चूहा कांड को लेकर जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) का संघर्ष लगातार जारी है। दो दिन और रात से जयस कार्यकर्ता गेट पर डटे हुए हैं और हर जिले के कार्यकर्ता धरना देकर न्याय की मांग कर रहे हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट लोकेश मुजाल्दा से कलेक्टर शिवम वर्मा की फोन पर बातचीत बेनतीजा रही।

ये भी पढ़िए...  MP News: इंदौर में नवजात को कुतरा नहीं, पूरी 4 उंगलियां खा गए चूहे,  डीन, अधीक्षक, विभागाध्यक्ष बोल रहे झूठ पर झूठ

प्रशासन द्वारा जिम्मेदारों को बचाने की कोशिशों को लेकर जयस कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश है। मुजाल्दा ने कहा कि मासूम बच्चियों की उंगलियाँ चूहों ने कुतर डालीं, और उनकी दर्दनाक मौत हो गई। यह कोई दुर्घटना नहीं बल्कि प्रशासनिक हत्या है। इसके लिए डीन और अधीक्षक प्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार हैं। जब तक दोनों को निलंबित कर गैर इरादतन हत्या का प्रकरण दर्ज नहीं किया जाता, जयस का आंदोलन थमने वाला नहीं है। सरकार का मौन और अधिकारियों की लापरवाही पूरे समाज का अपमान है। जयस हर हाल में जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई करवा कर ही आंदोलन समाप्त करेगा।

इंदौर एमवाय अस्पताल गैर इरादतन हत्या jayas Rat Bite हाईकोर्ट पीडब्ल्यूडी जस्टिस विवेक रूसिया मध्य प्रदेश हाईकोर्ट मध्यप्रदेश MP News
Advertisment