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मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में स्थित पीएमश्री जेएच कॉलेज में गांव की बेटी योजना के तहत 1.44 करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा सामने आया है। यह योजना ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाओं को 12वीं में अच्छे अंक प्राप्त करने पर छात्रवृत्ति प्रदान करती है। लेकिन कॉलेज प्रशासन और कर्मचारियों की मिलीभगत से इस राशि को पात्र छात्राओं को देने के बजाय 98 फर्जी बैंक खातों में स्थानांतरित किया गया। यह फर्जीवाड़ा जुलाई 2019 से सितंबर 2024 के बीच हुआ।
क्या है गांव की बेटी योजना?
गांव की बेटी योजना मध्य प्रदेश सरकार की एक पहल है, जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों की छात्राओं को 12वीं कक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने पर ₹500 प्रति माह छात्रवृत्ति दी जाती है। यह राशि 10 महीने तक प्रदान की जाती है, जिससे एक छात्रा को सालाना ₹5,000 मिलते हैं। योजना का उद्देश्य ग्रामीण बालिकाओं को शिक्षा के लिए प्रेरित करना है।
फर्जीवाड़े का खुलासा कैसे हुआ?
इस योजना के तहत हुए घोटाले का खुलासा तब हुआ, जब उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेज का ऑडिट कराया। ऑडिट में पाया गया कि योजना की राशि पात्र छात्राओं को न देकर फर्जी बैंक खातों में स्थानांतरित की गई।
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ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा
- 98 फर्जी खातों में योजना की राशि डाली गई।
- कई खातों में बार-बार पैसे जमा किए गए।
- 5 साल की अवधि में यह फर्जीवाड़ा किया गया।
ऑडिट टीम का पत्र
ऑडिट टीम ने इस गड़बड़ी की जानकारी उच्च शिक्षा विभाग के कमिश्नर और महालेखाकार को दी। इसके बाद महालेखाकार ने कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी को जांच के निर्देश दिए।
प्रशासन की कार्रवाई
घोटाले का पता चलने के बाद प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। कलेक्टर ने 5 सदस्यीय जांच टीम बनाई है। इस टीम में ट्रेजरी अधिकारी अरुण वर्मा को शामिल किया गया है। टीम बैंक खातों और योजना के रिकॉर्ड की गहन जांच कर रही है। योजना से संबंधित दस्तावेज और फॉर्म रखने वाले चार कमरों को सील कर दिया गया है। इन कमरों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई है, ताकि जांच प्रक्रिया प्रभावित न हो।
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घोटाले में शामिल लोग
ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, यह घोटाला कॉलेज के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से किया गया। हालांकि, अब तक दोषियों की पहचान और उनके खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है। कॉलेज प्राचार्य मीनाक्षी चौबे ने बताया कि घोटाले में शामिल कर्मचारी कॉलेज से जुड़े हुए हैं। मामले की जांच के बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
गांव की बेटी योजना में गड़बड़ी के प्रमुख बिंदु
राशि का दुरुपयोग: छात्रवृत्ति की राशि पात्र छात्राओं के बजाय फर्जी खातों में स्थानांतरित की गई।
फर्जी खाते
- कुल 98 बैंक खाते फर्जी पाए गए।
- एक ही खाते में बार-बार पैसा डाला गया।
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जांच और सीलिंग
- योजना से संबंधित फॉर्म वाले चार कमरों को सील किया गया।
- बैंक खातों की गहन जांच की जा रही है।
क्या कह रहे हैं अधिकारी?
कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी ने कहा कि जांच टीम गठित कर दी गई है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
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