अंबेडकर फ्लाईओवर की लागत को लेकर उठे सवाल, आखिर कितने में बना?
भोपाल में डॉ. भीमराव आंबेडकर फ्लाईओवर की लागत को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। तीन अलग-अलग आंकड़े सामने आए हैं, जिनमें 126 करोड़, 140 करोड़ और 154 करोड़ के दावे शामिल हैं।
भोपाल में 2900 मीटर लंबे डॉ. भीमराव अंबेडकर फ्लाईओवर (जीजी फ्लाईओवर) का गुरुवार को लोकार्पण किया गया। यह फ्लाईओवर गणेश मंदिर से गायत्री मंदिर के बीच बनाया गया है। हालांकि, लोकार्पण के बाद फ्लाईओवर की लागत को लेकर विवाद खड़ा हो गया।
गायत्री मंदिर के पास, जहां मुख्यमंत्री ने इसका लोकार्पण किया, दो अलग-अलग बोर्ड लगाए गए। एक बोर्ड पर लागत 126 करोड़ रुपए और दूसरे पर 140 करोड़ रुपए लिखी गई है। वहीं, पीडब्ल्यूडी (PWD) के अधिकारियों के अनुसार, इस फ्लाईओवर की वास्तविक लागत 154 करोड़ रुपए है। जानकारों का कहना है कि यह आंकड़ा जीएसटी और अन्य खर्चों को जोड़कर दिया गया है।
फ्लाईओवर शुरू होने के पहले ही दिन ट्रैफिक दबाव में कमी देखी गई। बता दें कि गणेश मंदिर से डीबी सिटी तक शाम 5:30 से 6:30 बजे के दौरान प्रति घंटे पांच हजार पैसेंजर कार यूनिट (पीसीयू) का ट्रैफिक रहता है। फ्लाईओवर का इस्तेमाल करने पर गायत्री मंदिर से गणेश मंदिर तक की दूरी सामान्य गति से केवल 5 मिनट में पूरी हो गई, जबकि सड़क के रास्ते यही दूरी तय करने में 14 मिनट लगते थे।
हालांकि, कुछ जगहों पर ट्रैफिक सिग्नल पर रुकने का समय बना रहा। जैसे कि:
लोकार्पण पट्टिका से पर्दा हटा, लागत से पर्दा कब हटेगा?
फ्लाईओवर पर बने ब्रेकर्स और सड़क की स्थिति भी चर्चा का विषय बन गई है। वल्लभ भवन चौराहे पर ब्रेकर्स चढ़ाई पर लगाए गए हैं, जिससे हादसों की संभावना बढ़ सकती है। इसके अलावा, फ्लाईओवर की सड़क पर आरकेएमपी स्टेशन के सामने क्रेक्स (Cracks) भी दिखाई दिए। जानकारों का कहना है कि ये क्रेक्स "श्रृंकेज क्रेक" (Shrinkage Cracks) हैं, जो कंक्रीट में हीट ऑफ हाइड्रेशन (Heat of Hydration) के कारण बनते हैं। इससे फ्लाईओवर की संरचनात्मक मजबूती पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
FAQ
जीजी फ्लाईओवर की वास्तविक लागत क्या है?
पीडब्ल्यूडी के अनुसार, फ्लाईओवर की लागत 154 करोड़ रुपए है।
फ्लाईओवर के लोकार्पण के बाद ट्रैफिक में क्या बदलाव हुआ?
फ्लाईओवर के शुरू होने से ट्रैफिक का दबाव कम हुआ और यात्रा का समय 5 मिनट तक घटा।
सड़क पर दिख रहे क्रेक्स का क्या कारण है?
ये "श्रृंकेज क्रेक" हैं, जो कंक्रीट की हाइड्रेशन प्रक्रिया के कारण बनते हैं।
फ्लाईओवर पर ब्रेकर्स को लेकर क्या समस्या है?
वल्लभ भवन चौराहे पर ब्रेकर्स चढ़ाई पर लगाए गए हैं, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ सकती है।
फ्लाईओवर की लंबाई और प्रमुख स्थान कौन से हैं?
यह फ्लाईओवर 2900 मीटर लंबा है और गणेश मंदिर से गायत्री मंदिर के बीच स्थित है।