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Photograph: (the sootr)
BHOPAL.मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सत्ता संभालते ही साफ किया था कि उनकी सरकार सुशासन, मर्यादा और जनहित को सर्वोपरि रखेगी। मंत्री, विधायक और अफसर-सभी को संयमित भाषा और जिम्मेदार आचरण की नसीहत दी गई थी, लेकिन कुछ ही महीनों में सरकार के ही मंत्री और अफसर विवादों की वजह बनते नजर आ रहे हैं। बयानबाजी, जातीय टिप्पणियां और पारिवारिक मामलों ने सरकार की छवि को कठघरे में ला खड़ा किया है।
बयानों से भड़का प्रदेश, विपक्ष को मिला मुद्दा
प्रदेश में दो मंत्रियों और दो आईएएस अधिकारियों के विवादित बयानों ने माहौल गर्मा दिया है। किसी बयान से महिलाओं का अपमान हुआ, तो किसी ने अन्नदाता किसानों की पीड़ा पर सवाल खड़े कर दिए। इसी बीच एक राज्यमंत्री के परिवार से जुड़े आपराधिक मामले ने सरकार की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। साफ है कि सरकार की परेशानी विपक्ष नहीं, बल्कि उसके अपने लोग बढ़ा रहे हैं।
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लाड़ली बहना योजना पर बयान, महिला सम्मान पर सवाल
जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह के लाड़ली बहना योजना को लेकर दिए गए बयान ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया। कांग्रेस ने इसे महिलाओं के सम्मान से जोड़ते हुए सरकार पर सीधा हमला बोला है। राजधानी भोपाल में महिला कांग्रेस सड़कों पर उतरी और मंत्री के बंगले के घेराव की कोशिश की। पुलिस से झड़प, बैरिकेडिंग और नारेबाजी ने माहौल और तनावपूर्ण बना दिया।
महिला कांग्रेस का आरोप: कार्रवाई न होने से बढ़ रहा हौसला
महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष रीना बौरासी ने आरोप लगाया कि मंत्री विजय शाह लगातार महिलाओं को लेकर आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार की चुप्पी से यह संदेश जा रहा है कि ऐसे बयानों पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं होगी, जिससे नेताओं का हौसला बढ़ रहा है।
खाद संकट पर किसानों का दर्द, मंत्री का बयान विवादों में
प्रदेश में खाद की किल्लत से किसान पहले ही परेशान हैं। वितरण केंद्रों पर लंबी कतारें और जगह-जगह प्रदर्शन इसकी गवाही दे रहे हैं। ऐसे समय में कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना का बयान आग में घी डालने जैसा साबित हुआ। उन्होंने खाद को लेकर हो रहे प्रदर्शनों को ‘प्री-प्लान’ और ‘फर्जी’ बता दिया।
वीडियो वायरल, विपक्ष का तीखा हमला
कृषि मंत्री का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। उन्होंने कहा कि किसानों की लाइन और हंगामे जानबूझकर कराए जाते हैं और प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं है। कांग्रेस ने इसे किसानों के अपमान से जोड़ते हुए सरकार पर जमीनी हकीकत से मुंह मोड़ने का आरोप लगाया है।
IAS संतोष वर्मा का नया बयान, फिर बढ़ा बवाल
पहले से विवादों में घिरे आईएएस संतोष वर्मा एक बार फिर अपने बयान के कारण सुर्खियों में हैं। उन्होंने समाज के लोगों से ‘माई का लाल’ बनने का आह्वान किया है। जानकारों के मुताबिक यह बयान एक सामाजिक संगठन के सम्मेलन का है, जिसमें ताकत दिखाने की बात कही गई।
सरकार कर चुकी है प्रशासनिक कार्रवाई
इससे पहले ब्राह्मण समाज और न्यायपालिका को लेकर दिए गए बयानों पर सरकार संतोष वर्मा से विभागीय जिम्मेदारी छीन चुकी है। फिलहाल वे मंत्रालय में बिना विभाग के पदस्थ हैं, लेकिन नए बयान से सरकार की मुश्किलें कम होने के बजाय और बढ़ती दिख रही हैं।
IAS मीनाक्षी सिंह का वीडियो, जातिवाद पर बहस
2013 बैच की आईएएस अधिकारी मीनाक्षी सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में वे जातिगत पहचान और जाति आधारित सहयोग को समय की जरूरत बता रही हैं। उनका कहना है कि आज के दौर में अपनी जाति को पहचानना और अपने समाज के लोगों की मदद करना जरूरी हो गया है।
सरनेम से पहचान और पक्षपात की बात
वीडियो में मीनाक्षी सिंह यह भी कहती दिख रही हैं कि सवर्ण समाज उपनाम देखकर पक्षपात करता है। ऐसे में उनके अनुसार, यही सोच अन्य समाजों को भी अपनानी होगी। इस बयान ने प्रशासनिक सेवा में बैठे अफसरों की निष्पक्षता को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पति दामोदर यादव भी विवादों में चर्चित
मीनाक्षी सिंह के पति दामोदर यादव भी अपने बयानों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने हाल ही में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री की यात्रा रोकने की बात कही थी। वे खुद को अंबेडकरवादी बताते हैं और भीम आर्मी से जुड़े एक प्रमुख चेहरे के रूप में पहचाने जाते हैं।
राजनीतिक सफर और पहचान की कोशिश
दामोदर यादव पहले कांग्रेस में थे, फिर आजाद समाज पार्टी में शामिल हुए। 2023 में उन्होंने विधानसभा चुनाव भी लड़ा, लेकिन सफलता नहीं मिली। वे क्षेत्र में खुद को एक बहुजन नेता के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं।
गांजा तस्करी मामला: मंत्री प्रतिमा बागरी की सफाई
नगरीय प्रशासन राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने गांजा तस्करी में गिरफ्तार अनिल को अपना भाई स्वीकार किया है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि पिछले पांच वर्षों से उनका अपने भाई और बहनोई से कोई पारिवारिक संबंध नहीं है।
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‘कानून अपना काम करेगा’
मंत्री प्रतिमा बागरी ने कहा कि पुलिस पूरी स्वतंत्रता से कार्रवाई कर रही है और सरकार की ओर से किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं है। उनका कहना है कि यदि कोई रिश्तेदार भी कानून तोड़ता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
विपक्ष नहीं, अपनों से घिरी सरकार
मध्य प्रदेश की राजनीति में इस समय सबसे बड़ा सवाल यही है कि सुशासन का दावा करने वाली सरकार अपने ही मंत्रियों और अफसरों की बयानबाजी पर कैसे लगाम लगाएगी। अगर समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो सरकार की छवि को सबसे बड़ा नुकसान उसके अपने ही लोग पहुंचाते रहेंगे।
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