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Photograph: (thesootr)
मध्यप्रदेश सरकार ने 70,000 से अधिक अतिथि शिक्षकों ( guest teacher ) को राहत देने का बड़ा निर्णय लिया है। यह निर्णय अतिथि शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा, क्योंकि सरकार ने जुलाई और अगस्त का वेतन बिना ई-अटेंडेंस (e-attendance) के देने का आदेश जारी किया है। इस कदम को उठाने का उद्देश्य कुछ शिक्षकों को ई-अटेंडेंस प्रक्रिया की सही जानकारी न होना है। ऐसे में राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है।
आदेश का उद्देश्य
लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि यह निर्णय प्रशासनिक आधार पर लिया गया है। इसका उद्देश्य अतिथि शिक्षकों को दिवाली से पहले उनका वेतन ( Salary ) समय पर प्रदान करना था, ताकि वे त्योहारी सीजन में राहत महसूस कर सकें।
हालांकि, यह निर्णय एक विशेष परिस्थिति में लिया गया है, लेकिन इसे भविष्य में एक उदाहरण नहीं माना जाएगा। सरकार ने स्पष्ट किया कि इस शिथिलता को सिर्फ जुलाई और अगस्त के लिए लागू किया जाएगा।
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ई-अटेंडेंस का महत्व
ई-अटेंडेंस अब शिक्षकों के लिए अनिवार्य है, और भविष्य में इस प्रक्रिया को पूरी तरह से लागू किया जाएगा। सरकारी आदेश के मुताबिक, अक्टूबर माह का वेतन ई-अटेंडेंस (e-attendance) के आधार पर ही दिया जाएगा। अतिथि शिक्षकों के लिए यह एक चेतावनी है कि वे अब ई-अटेंडेंस को सही तरीके से दर्ज करें।
अधिकारियों की जिम्मेदारी
आदेश में यह भी कहा गया है कि जिला शिक्षा अधिकारी और विकासखंड शिक्षा अधिकारी को ई-अटेंडेंस की प्रतिदिन की रिपोर्ट पर निगरानी रखनी होगी। यदि कोई शिक्षक ई-अटेंडेंस (e-attendance) नहीं दर्ज करता है, तो उसे वेतन नहीं मिलेगा।
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शिक्षक की उपस्थिति पंजी
उपस्थिति पंजी के आधार पर शिक्षक की उपस्थिति सत्यापित की जाएगी, और फिर ई-अटेंडेंस (e-attendance) पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। इस प्रक्रिया से वेतन का जनरेशन सुनिश्चित किया जाएगा।