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Photograph: (THESOOTR)
BHOPAL. ग्वालियर की सिटी सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (CSP) हिना खान ने तनावपूर्ण स्थिति को शांति से संभाला। अंबेडकर प्रतिमा विवाद के कारण ग्वालियर में तनाव बढ़ा था। हिना खान ने "जय श्रीराम" का नारा लगाकर स्थिति को शांत किया। उन्होंने अपनी ड्यूटी और समझदारी से जातीय तनाव को कम किया। इस कदम से उन्होंने पुलिसिंग की नई छवि पेश की। उनका यह प्रयास शांति बनाए रखने में मददगार साबित हुआ। उनके इस काम को खूब सराहना भी मिली।
5 प्वाइंट में समझें क्या है पूरा मामला...👉 सीएसपी हिना खान ने लगाए जय श्री राम के नारे। 👉 ग्वालियर CSP हिना खान ‘जय श्रीराम’ विवाद के कारण चर्चा में आईं। 👉 हाईकोर्ट परिसर में अंबेडकर प्रतिमा विवाद के बाद शहर में तनाव फैला। 👉 हिना खान ने ड्यूटी पर रहते हुए कानून-व्यवस्था बनाए रखी। 👉 उन्होंने मीडिया को बताया कि उनका मकसद सिर्फ शांति बनाए रखना था। 👉 निजी जीवन में वे लता मंगेशकर के गीतों और किताबों से सुकून पाती हैं। ग्वालियर में सिटी सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (CSP) हिना खान आज News of the Day हैं। सुबह जय श्रीराम का नारा लगाकर उन्होंने जिस तरह ग्वालियर में तनाव को संभाला, उसकी देशभर में तारीफ हो रही है। दोपहर बाद उन्होंने बताया कि जय श्रीराम का नारा लगाने के पीछे क्या सोच थी? आइए जानते हैं… |
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क्या है मामला…
- ग्वालियर में यह विवाद तब शुरू हुआ जब एडवोकेट अनिल मिश्रा ने बाबा साहेब आंबेडकर पर विवादित टिप्पणी की। इसके बाद दलित संगठनों ने 15 अक्टूबर को बड़ा आंदोलन करने की धमकी थी।
- इस तनावपूर्ण माहौल में अनिल मिश्रा ने रामायण पाठ करवाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने इसे रोक दिया। मिश्रा ने हिना खान पर सनातन विरोधी होने का आरोप लगाया।
- सीएसपी हिना खान ने इसे शांत करने के लिए "जय श्री राम" के नारे लगाए, जो एक समझदारी भरा कदम था। इससे जातीय तनाव कम हुआ और उनकी सूझबूझ की सराहना भी की गई।
- हिना खान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और उन्हें बहुत तारीफ मिली। शहर में शांति बनाए रखने के लिए प्रशासन ने 4000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया और 15 अक्टूबर को होने वाले आंदोलन को रोका।
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मैं सिर्फ अपना फर्ज निभा रही थी: हिना
मैं सीनियर वकील के घर के बाहर ड्यूटी पर थी। वहां सुंदरकांड का कार्यक्रम होना था। मैंने लोगों को नियम समझाए, अनुमति के बाद ही कुछ संभव था,” हिना ने बताया। उनकी प्राथमिकता रही कि हर पहलू कानून के दायरे में रहे और किसी को नुकसान न पहुंचे।
कौन हैं ग्वालियर की CSP हिना खान?
हिना खान गुना जिले के साधारण परिवार से आती हैं। पिता शिक्षक और मां गृहिणी हैं। उन्होंने फिजियोथैरेपी में स्नातक किया। GST विभाग में नौकरी की, लेकिन जनता की सेवा का जज्बा उन्हें पुलिस सेवा में ले आया। 2016 में MPPSC पास किया और 2018 में पुलिस जॉइन की।
ड्यूटी के साथ संगीत और साहित्य का साथ
हिना खान का सख़्त ड्यूटी भाव उन्हें लोकप्रिय बनाता है। लेकिन, वे अपनी संवेदनाओं को संगीत और पढ़ने के शौक से जिंदा रखती हैं। “मुझे पुराना संगीत पसंद है, खासतौर पर लता मंगेशकर और कव्वाली के गीत सुकून देते हैं,” वे बताती हैं। वेब सीरीज़ देखना और किताबें पढ़ना भी उनकी दिनचर्या का हिस्सा है।
सोशल मीडिया पर भी सक्रियता
ग्वालियर पुलिस फेक और भड़काऊ पोस्ट करने वालों पर सख्त कार्रवाई करती है। 55 यूज़र्स को नोटिस दिए गए। हिना खान की सख्ती के साथ संवेदनशील सोच पुलिसिंग में नई छवि जोड़ती है।
परिवार, सीख और आगे की योजनाएं
“मेरे परिवार में माता-पिता, भाई-बहन और भतीजी हैं। ड्यूटी के बाद परिवार के साथ बिताया वक्त बहुत मायने रखता है। मैं आगे पढ़ाई करना चाहती हूं, लिखना और नई डिग्रियां लेना चाहती हूं,” हिना कहती हैं।
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क्या है ग्वालियर का अंबेडकर मूर्ति विवाद
मध्यप्रदेश में ग्वालियर हाईकोर्ट बेंच परिसर में डॉ. भीमराव आंबेडकर की मूर्ति (ग्वालियर अंबेडकर प्रतिमा) स्थापित करने को लेकर एक बड़ा विवाद उभरा है। वकीलों के एक गुट ने इस मूर्ति की स्थापना का विरोध किया, जबकि दूसरे गुट ने इसे समर्थन दिया।
इस मुद्दे पर दोनों पक्षों के बीच सोशल मीडिया और सड़कों पर काफी तनाव देखने को मिला। इस विवाद ने राजनीतिक और सामाजिक भेदभाव को और बढ़ा दिया है। प्रशासन को इसे काबू में करने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ी है।