संजय गुप्ता, INDORE. साल 1905 से सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) घराने की पहचान रहे ग्वालियर मेले को अब सीएम डॉ. मोहन यादव (CM Dr. Mohan Yadav) के विक्रमोत्सव से चुनौती मिलने जा रही है। विक्रमोत्सव में वह सभी कार्यक्रम शामिल है जो ग्वालियर मेले में होते हैं, खासकर ऑटो सेक्टर को मिलने वाली छूट जो ग्वालियर मेले की सबसे बड़ी पहचान है। विक्रमोत्सव में यह छूट तो मिलेगी ही, साथ ही इसके साथ ही एक व दो मार्च को पहली रीजनल इंडस्ट्रियल कान्क्वेल भी हो रही है जो उज्जैन को निवेश और रोजगार का गढ़ बनाने के लिए अहम पहल है।
क्यों मिलेगी सिंधिया की पहचान को चुनौती
ग्वालियर मेला 25 दिसंबर से 25 फरवरी तक होता है और इसके एक सप्ताह से भी कम समय में अब विक्रमोत्सव होगा, इस बार यह एक मार्च से शुरू हो रहा है। ऐसे में जो मालवा-निमाड़ रीजन के व्यक्ति छूट के लिए वाहन खरीदी के लिए ग्वालियर जाते हैं वह वहां जाने की जगह इंदौर के पास उज्जैन की ओर रूख करेंगे। क्योंकि छूट तो वही मिल रही है। मोहन सरकार का इरादा हर गुड़ी पड़वा के समय इसका उज्जैन में आयोजन करने से है। इस बार ग्वालियर मेले में 900 करोड़ से ज्यादा के वाहन बिके, यह कारोबार आने वाले समय में निश्चित तौर पर अब उज्जैन की ओर शिफ्ट होगा। वहीं सीएम का गृह जिला होने से कारोबारी और डीलर्स भी इस ओर जाना अधिक पसंद करेंगे।
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परिवहन पंजीयन शुल्क में यहां भी 50 फीसदी की छूट
- उज्जैन व्यापार मेले जो विक्रमोत्सव का ही हिस्सा है, इसमें वाहन खरीदी पर रोड टैक्स में 50 फीसदी की छूट मिलेगी जो ग्वालियर मेले में भी मिलती है। मेला एक मार्च से नौ अप्रैल तक चलेगा।
- उज्जैन के बाहर के आने वाले ऑटोमोबाइल व्यवसाई यहां के रीजनल परिवहन कार्यालय से व्यवसाय सर्टिफिकेट ले सकेंगे।
- यह वाहन उज्जैन आरटीओ में ही पंजीकृत होना जरूरी होगा
इलेक्ट्रानिक्स गुड्स पर भी विशेष छूट देंगे
केवल यह छूट का ऑफर ऑटो सेक्टर पर नहीं है बल्कि इलेक्ट्रानिक्स गुड्स पर भी आकर्षक छूट देने की बात कही जा रही है। इसके लिए थोक डीलर्स से बात हो रही है कि वह विशेष ऑफर देकर सीधे माल बेचें, जिससे लोगों को डिस्काउंट मिल सके। यानि रिटेल में बिकने वाले माल की तुलना में ग्राहकों को यहां पर छूट अधिक मिलेगी।
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रीजनल कान्क्लेव एक बड़ा कदम
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की जगह सीएम डॉ. मोहन यादव ने रीजनल स्तर पर समिट करने का फैसला लिया है और इसकी शुरूआत मालवा-निमाड़ रीजन में उज्जैन में रीजनल इंडस्ट्रियल कान्क्लेव से हो रही है, जो एक व दो मार्च को उज्जैन में होगी। उल्लेखनीय है कि मप्र में कुल निवेश का 80 फीसदी हिस्सा इसी रीजन में आता है। इसमे वन टू वन मीटिंग, प्रमुख सेक्टर जिसमें धार्मिक पयर्टन, मेडिकल डिवाइस, एग्रो, डेयरी, फूड प्रोसेसिंग, फार्मा भी शामिल है, उस पर निवेश पर जोर होगा, इस रीजन के सभी प्रमुख खूबियों की जानकारी दी जाएगी। कान्क्वेल के लिए 22 फरवरी तक रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं।
इसमें करार नहीं होंगे, नंबर गेम पर भरोसा नहीं
इसमें मोहन सरकार का पूरा ध्यान वास्तविक निवेश पर है और किसी तरह के एमओयू नहीं होंगे। जो निवेश करना चाहता है वह यहां की खूबियां, मौजूदा 5000 हेक्टेयर लैंड बैंक को देखे और निवेश करें। एमपीआईडीसी के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर राजेश राठौड़ ने कहा कि एक हजार से अधिक प्रतिनिधि इसमें शामिल हो रहे हैं, हम इस रीजन की सभी खूबियां और अन्य जानकारी उपलब्ध कराएंगे, ताकि निवेशक इन्हें देखकर सीधे निवेश करने पर विचार करे और धरातल पर प्रोजेक्ट लेकर आए।
इंडस्ट्रियल कान्क्लेव का इस तरह होगा आयोजन
एक मार्च को मुख्यमंत्री की मौजूदगी में इस कॉन्क्लेव का शुभारंभ होगा। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद रहेंगे। मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा के स्वागत भाषण के पश्चात प्रमुख सचिव राघवेंद्र सिंह प्रदेश में निवेश की संभावनाएं , पॉलिसी और अवसर को लेकर प्रेजेंटेशन देंगे तो एमएसएमई और स्टार्टअप पर पी नरहरि जानकारी रखेंगे। वही एमपीआईडीसी एमडी चंद्रमौली शुक्ला भी निवेश के अवसर और उनके विभाग द्वारा तैयार किए लैंड बैंक सहित पॉलिसी पर बात करेंगे।
विदेशों से भी आ रहे प्रतिनिधि
एक हजार से अधिक प्रतिनिधिय. के साथ ही यूएसए, मंगोलिया और फिजी का सरकारी प्रतिनिधिमंडल भी शिरकत करेगा तो साउथ कोरिया , जर्मनी और जापान के व्यापारिक प्रतिनिधि मंडल भी आ रहे हैं।