मध्य प्रदेश को मिला माइनिंग जैकपॉट, पनिहार की पहाड़ियों में लोहा ही लोहा

ग्वालियर के पनिहार की पहाड़ियों में 45 से 65 प्रतिशत तक लौह अयस्क पाया गया है। इसकी खनन प्रक्रिया के लिए वन विभाग से एनओसी बातचीत चल रही है। इस खनन से ग्वालियर में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।

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Sandeep Kumar
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MP News: मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के पनिहार क्षेत्र की पहाड़ियों में लौह अयस्क के महत्वपूर्ण भंडार मिला है। इसकी खोज ने क्षेत्रीय विकास की दिशा में एक नई उम्मीद जगाई है। पनिहार की पहाड़ियों में लौह अयस्क की 45 से 65 प्रतिशत तक उपस्थिति की जानकारी प्राप्त हुई है। 

रोजगार के नए अवसर

लौह अयस्क के खनन से ग्वालियर में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे। दूसरे राज्यों की इस्पात फैक्ट्रियों को कच्चे माल की सप्लाई की जाएगी, जिससे ग्वालियर में इस्पात उद्योग की स्थापना के भी आसार बन सकते हैं। पनिहार क्षेत्र की पहाड़ियों में लौह अयस्क के भंडार के चलते इस क्षेत्र में औद्योगिक विकास की संभावना बढ़ रही है।

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इन इलाकों में फैले हैं लौह अयस्क के भंडार

ग्वालियर जिले के पनिहार क्षेत्र में लोहा के भंडार का क्षेत्रफल काफी बड़ा है। वर्तमान में महेश्वरा गांव के पास मऊझ के जंगल में एक लौह अयस्क खदान पहले से चल रही है। अब इसके पास एक और बड़ी खदान मिली है, जिससे लौह अयस्क की उपलब्धता और भी बढ़ गई है। हालांकि, लौह अयस्क एक स्थान पर नहीं, बल्कि विभिन्न हिस्सों में फैला हुआ है।

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फिलहाल नहीं है खनन की अनुमति

शीतला माता मंदिर क्षेत्र में भी लौह अयस्क के भंडार मौजूद हैं। हालांकि, यह क्षेत्र वन विभाग के अंतर्गत आता है, इसलिए यहां पर लौह अयस्क खनन की अनुमति नहीं है। फिर भी, सर्वेक्षण में यह पता चला कि इस पहाड़ी क्षेत्र में भी आयरन मौजूद है।

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एनओसी के बाद शुरू होगी खनन प्रक्रिया

ग्वालियर के खनिज अधिकारी प्रदीप भूरिया के अनुसार, पनिहार की पहाड़ियों में पर्याप्त लौह अयस्क मौजूद है। वर्तमान में, वन विभाग से एनओसी की प्रक्रिया चल रही है, और जैसे ही यह पूरी होती है, खनन कार्य शुरू हो जाएगा। यहां तक कि इस क्षेत्र में 65 फीसदी तक कच्चा माल मौजूद है, जो उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

 

एमपी हिंदी न्यूज 

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