एमपी में निगम के ठेकेदारों ने कर्मचारियों के हक पर डाला डाका, भुगतान लिया करोड़ों में, डकार गए पीएफ

ग्वालियर नगर निगम में कुछ ठेकेदार अपने कर्मचारियों का प्रोविडेंट फंड (पीएफ) नहीं जमा कर रहे हैं। इन ठेकेदारों ने निगम से करोड़ों रुपए का भुगतान लिया है।

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Dablu Kumar
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मध्यप्रदेश के ग्वालियर नगर निगम में कुछ ठेकेदार अपने कर्मचारियों के प्रोविडेंट फंड (पीएफ) का पैसा नहीं जमा कर रहे हैं। इन ठेकेदारों ने निगम से करोड़ों रुपए का भुगतान लिया है, लेकिन एक भी रुपया पीएफ में नहीं डाला। बता दें कि, इनमें फर्म भी शामिल है। यह स्थिति चौंकाने वाली है, क्योंकि नगर निगम भी इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है।

185 करोड़ रुपए भुगतान, PF राशि जमा नहीं

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन कार्यालय ग्वालियर से प्राप्त सूचना के अनुसार, 2021 से लेकर 2024 तक टॉप टेन ठेकेदारों को 185 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया गया। इसके बावजूद इन ठेकेदारों ने कोई भी पीएफ राशि जमा नहीं की है।

नगर निगम की अपर आयुक्त (वित्त) रजनी शुक्ला का कहना है कि ठेकेदारों द्वारा पीएफ राशि जमा न करने की जानकारी उन्हें गुरुवार को पत्र के माध्यम से मिली है। उन्होंने बताया कि पिछले एक साल से पीएफ राशि जमा करवाई जा रही है और जो पूर्व में गड़बड़ियां हुई हैं, उनकी जांच करवाई जाएगी।

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क्या कहता है नियम

यदि किसी संस्थान में 20 या उससे अधिक कर्मचारी (दैनिक वेतनभोगी सहित) कार्यरत हैं, तो कर्मचारी भविष्य निधि एवं प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम-1952 लागू होगा। ऐसे में संस्थान (नियोक्ता) को कर्मचारी के वेतन का 12% खुद जमा करना होता है और उतना ही योगदान कर्मचारी की ओर से होता है। इस राशि पर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा लगभग 8% वार्षिक ब्याज प्रदान किया जाता है। इसके अलावा, यदि कर्मचारी ने 10 वर्षों तक सेवा की है, तो उसे पेंशन भी मिलती है।

10 फर्म-ठेकेदार ने लिया करोड़ों का भुगतान 

ठेकेदार/फर्म का नामभुगतान (करोड़ में)
दीपक शर्मा (गायत्री विहार)46.29
एचएनएस कॉन्ट्रैक्टर्स डे.प्रा.लि.29.52
सेंगर सिक्योरिटी एंड लेबर सर्विस27.84
साईं कृपा कंस्ट्रक्शन कंपनी16.44
विकास भारद्वाज (हेलीपैड कॉलोनी)13.38
संजय कुमार गुप्ता (गोल पहाड़िया)12.84
नरेंद्र सिंह चौहान (12 बीघा)12.34
भवानी प्रसाद शर्मा (माधवगंज)10.53
अजय सिंह राठौर (सेवा नगर)10.24
प्रेस्टीजियस स्कोर प्रा. लि.9.65

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पीएफ कमिश्नर सत्यवर्धन गौतम का बयान

ग्वालियर नगर निगम द्वारा पीएफ राशि जमा कराने में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ शीघ्र कार्रवाई की जाएगी। पीएफ कमिश्नर सत्यवर्धन गौतम ने बताया कि नगर निगम के अधिकारियों को नोटिस देकर जवाब मांगा गया है। इसके साथ ही, स्कूलों, कॉलेजों और अस्पतालों आदि के रिकॉर्ड भी खंगाले जा रहे हैं ताकि कर्मचारियों को इसका लाभ मिल सके।

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ठेकेदार ने PF राशि जमा नहीं की तो क्या होगा?

किसी भी प्रिंसिपल इम्प्लॉयर जैसे नगर निगम, पीडब्ल्यूडी या ठेकेदार को भुगतान करने से पहले यह सुनिश्चित करना जरूरी होता है कि उसका कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) और कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) में पंजीयन है या नहीं।

पंजीयन होने पर ठेकेदार को एक कोड मिलता है, जिसे वह अपने बिल के साथ प्रस्तुत करता है और साथ में चालान भी देता है। इस चालान में कर्मचारियों के खाते में जमा की गई पीएफ राशि की जानकारी दी जाती है।

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इन दस्तावेजों के आधार पर ही भुगतान किया जाता है। यदि ठेकेदार ने पीएफ राशि जमा नहीं की, तो ईपीएफओ कार्रवाई करेगा। उदाहरण के तौर पर, यदि निगम ने ठेकेदार को 1 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। लेकिन ठेकेदार ने पीएफ राशि जमा नहीं की है, तो नियमों के अनुसार कुल राशि का 25% यानी 25 लाख रुपए वेतन माना जाएगा। इस पर 6.25 लाख रुपए का पीएफ बनता है, जिसे जमा न करने पर ब्याज और जुर्माना लगाया जाएगा। कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम की धारा 14 के तहत अधिकतम 2 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।

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