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Photograph: (The Sootr)
BHOPAL. स्कूल शिक्षा विभाग की ई-अटेंडेंस व्यवस्था की तकनीकी खामियां अब अतिथि शिक्षकों की मुश्किल बन गई हैं। प्रदेश में स्कूल शिक्षा और जनजातीय कार्य विभाग के 97 हजार शिक्षकों का दो माह का वेतन ऑनलाइन अटेंडेंस एप्लीकेशन ने अटका दिया है।
मोबाइल एप्लीकेशन की इन्हीं तकनीकी खामियों को लेकर शिक्षक इस व्यवस्था का विरोध करते आ रहे हैं। बार-बार आश्वस्त करने के बाद भी लोक शिक्षण संचालनालय ने मोबाइल एप्लीकेशन को दुरुस्त नहीं कराया और इसका खामियाजा अब अतिथि शिक्षकों को उठाना पड़ रहा है। वहीं एप्लीकेशन के विरोध के बाद नियमित शिक्षकों को इसकी अनिवार्यता से बाहर करने के दोहरे रवैए से भी अतिथि शिक्षक नाराज हैं।
इसलिए अटक गया दो माह का वेतन
अतिथि शिक्षकों को डीपीआई की मोबाइल एप्लीकेशन ``हमारे शिक्षक`` पर स्कूल पहुंचकर उपस्थिति दर्ज करानी होती है। मोबाइल एप रजिस्टर्ड अतिथियों का चेहरा और आंखों की रेटिना स्कैन करता है। एप्लीकेशन पर स्कूल की जीपीएस लोकेशन भी दर्ज होती है। यानी शिक्षक स्कूल से दूर रहकर उपस्थिति दर्ज नहीं कर सकते। इस मोबाइल एप्लीकेशन पर उपस्थिति अनिवार्य किए जाने के बाद से ही तकनीकी खामियां सामने आने लगी थी।
एप्लीकेशन पर कभी चेहरा तो कभी रेटिना स्कैनिंग की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाती वहीं अकसर स्कूल परिसर में खड़े रहने के बावजूद उनकी लोकेशन 100 से लेकर 1000 मीटर दूरी की दर्ज हो जाती है। ऐसी ही तमाम दिक्कतों के कारण आए दिन अतिथि शिक्षकों की उपस्थिति गड़बड़ा रही है। इसी वजह से प्रदेश के हजारों अतिथियों को मिलने वाला मासिक वेतन नहीं बन रहा है।
एप्लीकेशन के एरर ने बढ़ाई उलझन
अतिथि शिक्षक समन्वय समिति के अध्यक्ष सुनील सिंह परिहार भी लंबे समय से ई-अटेंडेंस के विरोध की अगुवाई कर रहे हैं। उनका कहना है शिक्षक नियमित स्कूल जा रहे हैं फिर भी डीपीआई उन्हें लापरवाह मानता है। उनकी उपस्थिति पर नजर रखने के लिए ही मोबाइल एप्लीकेशन शुरू किया गया है। अतिथियों को इस व्यवस्था से कोई परहेज नहीं है लेकिन जो व्यवहारिक दिक्कतें आ रही हैं उन्हें दूर करना जरूरी है।
अतिथि शिक्षक कई बार डीपीआई के अधिकारियों को मोबाइल एप की तकनीकी खामियों से अवगत करा चुके हैं। एप्लीकेशन पर ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करते समय अकसर एरर आ जाता है। इसके बाद एप्लीकेशन पर फेस और रेटिना की स्कैनिंग नहीं होती है। यही नहीं एप्लीकेशन को लॉग इन या आउट भी नहीं कर पाते। ग्रामीण अंचल में जहां नेटवर्क की समस्या है वहां सर्वर की समस्या सबसे ज्यादा है।
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नियमितीकरण की मांग लेकर सामूहिक अवकाश पर रहे हजारों अतिथि शिक्षक
सत्र की शुरूआत में ही रुका वेतन
जुलाई माह से प्रदेश में शैक्षणिक सत्र की शुरूआत हुई है। ऐसे में स्कूल शिक्षा विभाग के करीब 72 हजार और जनजातीय कार्य विभाग के 25 हजार अतिथि शिक्षकों के वेतन में ई-अटेंडेंस दर्ज करने वाले ``हमारे शिक्षक`` मोबाइल एप ने रोड़ा अटका दिया है। विभाग में अतिथि शिक्षकों की शत- प्रतिशत उपस्थिति मोबाइल एप के जरिए दर्ज हो रही है। जबकि नियमित शिक्षकों के विरोध के बाद उन्हें इससे रियायत दे दी गई है।
स्कूलों में कम वेतन पर पढ़ा रहे अतिथियों के साथ यह डीपीआई का दोहरा व्यवहार है। विभाग द्वारा एज्युकेशन पोर्टल 3.0 पर वेतन भुगतान के लिए जो मॉड्यूल तैयार किया है वह ऑनलाइन उपस्थिति के आधार पर ही वेतन निर्धारित करता है। इसी वजह से अब ये समस्या खड़ी हो गई है।
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डीपीआई का आदेश ही बेअसर
ई-अटेंडेंस व्यवस्था में मोबाइल एप्लीकेशन की समस्याओं को लेकर अतिथियों के आगाह कराने पर लोक शिक्षण संचालनालय ने दो सप्ताह पहले ही उन्हें भरोसा दिलाया था। संचालनालय ने इस व्यवस्था का असर उनके वेतन पर नहीं होने का दावा किया था। वहीं अतिथियों को हर माह पहले सप्ताह यानी 5 तारीख तक वेतन भुगतान का भी आश्वसन दिया था लेकिन ऑनलाइन उपस्थिति के आधार पर डीपीआई के एज्युकेशन पोर्टल ने वेतन भुगतान रोक दिया है।