स्पेशल 26 जैसी कहानी... फार्मा कंपनी बनाकर 13 लोगों से 2 महीने काम कराया, वेतन देने की बारी आई तो हाथ खड़े किए

मध्य प्रदेश के इटारसी में एक फार्मा कंपनी ने 13 लोगों को बड़े पदों का झांसा देकर दो महीने तक काम कराया, लेकिन जब वेतन देने की बारी आई तो कंपनी ने हाथ खड़े कर दिए। कर्मचारी अभी भी बकाया वेतन और मुआवजे की मांग कर रहे हैं

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Jitendra Shrivastava
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Photograph: (THESOOTR)

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ITARSI. फार्मा कंपनी में धोखाधड़ी: याद है स्पेशल 26 फिल्म? जिसमें नकली सीबीआई अफसर बनकर फर्जीवाड़ा करने के लिए 26 लोगों की टीम खड़ी की गई थी। ठीक उसी अंदाज में मध्यप्रदेश के इटारसी में एक फार्मा कंपनी ने 13 लोगों की टीम बनाई। उन्हें बड़े-बड़े पद और ऑफर लेटर का झांसा दिया। फिर दो महीने तक उनसे काम कराया और जब कर्मचारियों का वेतन देने की बारी आई तो कहा कि जाओ, कानून में... कुछ नहीं होगा। 

ये मामला जून 2025 का है। इस मामले के पीड़ित भोपाल के अमित मालवीय ने सीएम हेल्पलाइन और थाना अयोध्या नगर में शिकायत की है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसे लेकर वे तनाव में हैं। 

कैसे हुआ स्पेशल 13 का खेल

अमित मालवीय ने बताया, दोस्त के जरिए मैं नीरज गुप्ता और पुरुषोत्तम यादव के संपर्क में आया था। 11 जून 2025 को इटारसी में फार्मा कंपनी के एमडी नीरज गुप्ता और मालिक पुरुषोत्तम यादव ने मीटिंग बुलाई। 

13 जून को इस कंपनी ने मुझे नेशनल सेल्स मैनेजर बनाया और एरिया मैनेजर जैसे पदों पर नियुक्ति करने को कहा। चूंकि मैं पहले से फार्मा फील्ड में था, इसलिए टीम खड़ी कर ली। कर्मचारियों को उम्मीद थी कि ऑफर लेटर, वेतन और प्रोडक्ट सब तय व्यवस्था के तहत मिलेगा, पर हुआ इसके उलट। 

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न सैलरी दी और न ही प्रोडक्ट

अमित ने बताया कि मैं और मेरी टीम ग्राउंड पर काम करने लगी। हम डॉक्टरों से मीटिंग करने लगे। पहला महीना हुआ तो मैंने सैलरी को लेकर कंपनी में बात की। इस पर कहा गया कि फंड की कोई दिक्कत नहीं है।

कंपनी के मालिक ने भरोसा दिलाया कि 40 लाख का पर्सनल लोन लिया है। 2 करोड़ का गोल्ड लोन स्वीकृति में है। अंबाला की एक कंपनी क्रेडिट पर दवा देगी, लेकिन बाद में ये सब दावे झूठ निकले। न तो कर्मचारियों को सैलरी दी गई और ना ही प्रोडक्ट उपलब्ध कराए गए। 

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और अचानक बंद कर दी कंपनी 

नेशनल हेड होने के नाते अमित ने कंपनी में संपर्क किया, उन पर कार्रवाई कराने की बात भी कही, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। 23 जुलाई को कंपनी ने पैसा और प्रोडक्ट की कमी बताते हुए कंपनी बंद करने की घोषणा कर दी।

कुल 13 कर्मचारियों का लगभग 11.34 लाख रुपए का वेतन और खर्च बकाया है। अब कर्मचारियों की मांग है कि तत्काल बकाया वेतन चुकाया जाए। मानसिक प्रताड़ना का मुआवजा दिया जाए। प्रबंधन पर कानूनी कार्रवाई हो, लेकिन पुलिस इनकी सुन नहीं रही है। 

मामले में पक्ष जानने के लिए द सूत्र ने अमित मालवीय की ओर से उपलब्ध कराए गए नीरज गुप्ता के मोबाइल नंबर पर बात की तो सामने से एक महिला ने फोन उठाया। जब उनसे इस मामले को लेकर जानकारी चाही गई तो उन्होंने कहा कि मैं कहीं बिजी हूं, अभी बात नहीं कर पाउंगी। इस तरह उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई।

मध्यप्रदेश कानूनी कार्रवाई कर्मचारियों का वेतन फार्मा कंपनी में धोखाधड़ी इटारसी फार्मा कंपनी
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