हरदा ब्लास्ट से मुश्किल में आए इंदौर संभागायुक्त मालसिंह, अग्रवाल की फैक्टरी बंद इन्हीं के आदेश से खुली थी

मध्य प्रदेश के हरदा में पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट हो गया। हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई। कई घायलों की स्थिति गंभीर है। कई लोग लापता बताए जा रहे हैं।

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Pratibha Rana
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हरदा ब्लास्ट

संजय गुप्ता, INDORE. हरदा ब्लास्ट ( Harda Blast News )से इंदौर संभागायुक्त आईएएस मालसिंह भायडिया भी मुश्किल में आ गए हैं। इस फैक्टरी ( harda-factory-blast )को फिर से खोलने का आदेश इनके स्टे के चलते ही हुआ था। 11 लोगों की जान लेने वाली राजेश और सोमेश अग्रवाल की फैक्टरी सितंबर 2022 को हरदा जिला प्रशासन ने बंद करा दी थी, क्योंकि यहां नियमों का पालन नहीं हो रहा था। लेकिन तत्कालीन संभागायुक्त रहते हुए मालसिंह भायडिया ( Indore Divisional Commissioner IAS Malsingh Bhaydia )ने फैक्टरी मालिक के आवेदन पर प्रशासन की कार्रवाई पर रोक लगा दी और फैक्टरी खुल गई ( Harda accident )।

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एक महीने के लिए राहत मिली और फिर हादसे तक खुली रही फैक्टरी

तत्कालीन हरदा एसडीएम श्रुति अग्रवाल ने सुरक्षा मानक पूरे नहीं करने पर जांच रिपोर्ट कलेक्टर को दी, कलेक्टर ऋषि गर्ग ने सील करने के आदेश दे दिए। फैक्टरी बंद होने के बाद 26 सितंबर 2022 को राजेश अग्रवाल ने कलेक्टर के आदेश के खिलाफ संभागायुक्त नर्मदापुरम (मालसिंह) की कोर्ट में अपील दायर की। अपील सुनने के बाद 14 अक्टूबर को उन्होंने कलेक्टर के फैक्टरी बंद( harda factory blast )करने के आदेश पर मालिक अग्रवाल को इस शर्त के साथ स्टे दे दिया कि वह एक महीने के भीतर नियमों का पालन करेगा। अग्रवाल को अगली सुनवाई तक के लिए राहत मिल गई। उसने फिर फैक्ट्री खोल ली। इसके बाद ना कलेक्टर कार्यालय की और ना ही संभागायुक्त दफ्तर की की ओर से किसी ने झांका तक नहीं कि फैक्टरी में क्या हो रहा है और स्टे व अन्य सुनवाई व कार्रवाई का क्या हुआ।

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रुटीन अपील में था यह केस-मालसिंह

वहीं मालसिंह का कहना है कि यह दो साल पुराना केस है, मेरी कोर्ट में रूटीन अपील में आया था। कलेक्टर को इनका पक्ष सुनकर नियमानुसार निराकरण करने के निर्देश दिए थे। दिवाली की वजह से सिर्फ अगली पेश तक स्टे दिया था, ना कि पूर तरह से खोलने के लिए कहा था।

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प्रशासन का पक्ष सुने बिना पहली सुनवाई में दिया था स्टे

सूत्रों के अनुसार इस मामले में अग्रवाल के संभागायुक्त के पास अपील लगाने पर पहली सुनवाई 14 अक्टूबर को हुई और पहली सुनवाई में भी बिना कलेक्टर, जिला प्रशासन का पक्ष जाने स्टे दे दिया गया। साथ ही लिखा गया कि विस्फोटक नियंत्रण की इस मामले में रिपोर्ट आने पर फिर सुनवाई होगी। यह भी आदेश में लिखा गया कि इसमें विस्फोटक सामग्री की रोज पंजी रिकार्ड रखा जाए। 

आदेश को जानने के लिए जुटे अधिकारी

इस आदेश और कलेक्टर की कार्रवाई प्रतिवेदन को जानने के लिए भोपाल तक हड़कंप मच गया है। दोनों ही आदेशों को उच्च स्तर के अधिकारी देख रहे हैं कि आखिर क्या पूरा मसला हुआ और इतनी बड़ी फैक्ट्री बिना सुरक्षा मानक के कैसे चल रही थी और इसमें चूक कैसे हुई। सीएम डॉ. मोहन यादव ने जिस तरह गुना मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए नीचे से ऊपर तक हर अधिकारी को हटाया था, उससे ज्यादा इस मामले में कार्रवाई की संभावनाएं जताई जा रही है। ऐसे में सभी रिकार्ड तलाशे जा रहे है कि आखिर किस-किस स्तर पर चूक हुई। इसके बाद सीएम इस मामले में कह चुके हैं कि दोषियों पर ऐसी कार्रवाई होगी की याद रखा जाएगा।

इस नियम के तहत कलेक्टर ने दिया था आदेश

एसडीएम से प्राप्त प्रतिवेदन पर कलेक्टर ऋषि गर्ग दवारा 10 सितंबर 2022 को फैक्ट्री परिसर में पाई गई विभिन्न अनियमिता को देखते  विस्फोटक अधिनियम 2008 की धारा 12 के अंतर्गत सार्वजनिक सुरक्षा एवं शारीरिक सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए सभी प्रकार के विनिर्माण क्रय एवं विक्रय संबंधी गतिविधियों को स्थगित करने संबंधी कलेक्टर द्वारा आदेश जारी किया था।

  • Feb 07, 2024 15:14 IST
    सीएम बोले- हरदा की घटना में हमारी परीक्षा थी

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, हरदा की घटना में हमारी परीक्षा थी, लेकिन वाकई वह विस्फोट अगर दो हिस्सों में नहीं होता तो पता नहीं क्या होता, क्योंकि अलार्मिंग टाइप विस्फोट हुआ। जिसके कारण काफी लोग वहां से निकल चुके थे। हम कैबिनेट की बैठक में थे। जैसे ही समाचार आया तो तुरंत सरकार जो कर सकती थी वो किया। ऐसी घटनाओं पर किसी का बस नहीं चलता। हमने हमारे वरिष्ठ मंत्री को वहां भेजा। एंबुलेंस और सारा प्रबंध जो हम कर सकते थे, सब किया। वह दूरी ऐसी है और दूरी से लोगों को लाना ले जाना है। ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एंबुलेंस को निकाला गया। आज फिर हरदा जाने वाला हूं।



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    भोपाल से 150 किलोमीटर की दूरी पर बसा हरदा शहर मंगलवार सुबह दस बजे एक भीषण आग की चपेट में आ गया। पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट से 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि 217 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। जानकारी के मुताबित 73 लोग अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं। 38 घायलों को हरदा से रेफर किया गया है। अब तक 95 लोगों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा चुका है। फैक्ट्री से मलबा हटाया जा रहा है। इसके लिए वाराणसी से नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (NDRF) की टीम हरदा पहुंची है।



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