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INDORE. इंदौर के स्वास्थ्य विभाग में लगता है भांग घुली पड़ी है। जब सिस्टम का मुखिया ही मनमर्जी करे तो नीचे वाले मातहतों को क्या कहिए। सोमवार को टीएल मीटिंग के दौरान एक मामला आया तो लापरवाही के पूरे तार खुल गए। पता चला है कि खुद सीएमएचओ ने ही दो साल से सीएम हेल्प लाइन का डैशबोर्ड खोलकर नहीं देखा है। ऐसे में तमतमाए कलेक्टर ने गंभीर लापरवाही के आरोप में एक अकाउंटेंट रंजीत को तत्काल निलंबित कर दिया गया है।
यह था मामला
दीपमाला मोरे मानपुर के उपस्वास्थ्य केंद्र में एएनएम के पद पर कार्यरत थीं। 13 मार्च 2022 को उनकी मृत्यु हो गई थी। उनके निधन के बाद पीछे पांच साल की मासूम बेटी रह गई। इसकी जिम्मेदारी मामा नीतेश मोरे उठा रहे हैं।
दरअसल दीपमाला के पति प्रताड़ना के एक मामले में जेल में हैं। ऐसे में बच्ची पूरी तरह सरकारी सहायता पर निर्भर हो गई है। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने तीन साल तक उनकी सुध तक नहीं ली है।
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कई आवेदन दिए, कार्यालयों के चक्कर काटे
मामा नीतेश मोरे ने बताया कि मार्च 2022 से जून 2022 के बीच प्रोत्साहन राशि के लिए कई आवेदन किए गए थे। महू, मानपुर और इंदौर के स्वास्थ्य कार्यालयों के 50 से अधिक चक्कर लगाए गए थे।
इसके बावजूद हर बार सिर्फ झूठे आश्वासन ही मिले हैं। इंदौर स्वास्थ्य केंद्र में रंजीत नामक अकाउंटेंट से मुलाकात होती रही, जो हर बार करवा दूंगा कहकर टालता रहा। बाद में यह कहकर पल्ला झाड़ लिया गया कि दीपमाला की सर्विस बुक ही गुम हो गई है।
5 प्वाइंट में समझें क्या है पूरा मामला
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नहीं देखी सीएम हेल्पलाइन
हद तो तब हो गई जब वर्ष 2023 में मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई गई थी। वहीं, पूरे 24 महीने तक उस शिकायत को न तो खोला गया और न ही कोई कार्रवाई की गई है।
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पीड़ा सुनते ही नाराज हुए कलेक्टर
जनसुनवाई में नीतेश मोरे ने अपनी पूरी पीड़ा कलेक्टर के सामने रखी। उन्होंने सीएम हेल्पलाइन के बारे में भी बताया। जैसे ही यह बात सामने आई, कलेक्टर ने इसे सिस्टम की विफलता बताया है।
सीएमएचओ नहीं दे पाए जवाब
सीएमएचओ डॉ. माधव हासानी को तलब किया गया, तो वे किसी भी सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। कलेक्टर ने तीखे शब्दों में कहा कि एक दिवंगत महिला कर्मचारी की मासूम बेटी को तीन साल तक दर-दर भटकाना अमानवीय है। यह सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि कर्तव्य से भागने का उदाहरण है।
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तत्काल किया निलंबित
कलेक्टर ने तत्काल कार्रवाई करते हुए रंजीत नामक अकाउंटेंट को निलंबित करने के आदेश दिए हैं। साथ ही सीएमएचओ डॉ. माधव हासानी की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं। साथ ही, उन्हें शोकॉज नोटिस देने के निर्देश दिए गए हैं।
राशि जारी करने के आदेश
कलेक्टर ने स्पष्ट कहा कि चाहे जो भी हो, दीपमाला मोरे की लंबित प्रोत्साहन राशि तत्काल जारी की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि भविष्य में ऐसे मामलों में लापरवाही सामने आई, तो जिम्मेदार अधिकारियों पर और भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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