इंदौर के मानपुर थाने में हो रही है मंत्री विजय शाह के खिलाफ FIR, भोपाल से आ रहा ड्राफ्ट इसलिए हो रही देरी

जबलपुर हाईकोर्ट ने इस मामले में डीजीपी को जहां शाम तक केस दर्ज करने के आदेश दिए वहीं साथ ही धाराएं भी बताई है। इसमें बीएनएस की धारा 152 सबसे गंभीर है जिसमें सात साल की सजा है।

author-image
Sanjay Gupta
एडिट
New Update
Vijay Shah Indore Manpur
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

इंदौर के मानपुर थाने में मंत्री विजय शाह के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज करने की प्रक्रिया हाईकोर्ट जबलपुर के आदेश के बाद बुधवार रात को शुरू हो गई है। वरिष्ठ अधिकारियों ने इस मामले में 'द सूत्र' से इतना ही कहा है कि एफआईआर होते ही सूचना दी जाएगी। वहीं जानकारों ने बताया कि अपराध का घटनास्थल क्योंकि मानपुर थाना क्षेत्र था, इसलिए यहां केस दर्ज किया जा रहा है।

भोपाल से FIR के ड्राफ्ट आने के लिए रूके

इसमें मजेदार बात यह है कि एफआईआर में क्या होगा, इसकी ड्राफ्टिंग भोपाल से आ रही है। इसमें शासन स्तर से ही यह तय हो रहा है कि इसमें ड्राफ्टिंग क्या रखी जाए। यानी साफ है कि इस तरह से इसे लिखा जाएगा कि हाईकोर्ट के आदेश का पालन हो जाए और सरकार को अधिक डैमेज भी नहीं हो सके। इसके लिए शाम से ही वरिष्ठ अधिकारी थाने पर जमे हुए हैं, लेकिन इसमें चिंता है वह धाराएं जो हाईकोर्ट ने बोली हैं। खासकर बीएनएस धारा 152 जिसमें सात साल की सजा है।

इस धारा की वजह से उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक सकती है। हालांकि सात साल तक की सजा में थाने से ही नोटिस देकर जमानत का प्रावधान है। इसमें रोचक बात है कि भोपाल से ड्राफ्टिंग के लिए सारे अधिकारी थाने पर रूके हुए हैं। भोपाल में सभी विधि विशेषज्ञ ड्राफ्ट बना रहे हैं।

ये खबर भी पढ़िए... इंदौर में बनेंगे मल्टी परपज स्टेडियम और स्टार्टअप पार्क, IDA बोर्ड बैठक में फैसला

इन धाराओं में होगा केस

जबलपुर हाईकोर्ट ने इस मामले में डीजीपी को जहां शाम तक केस दर्ज करने के आदेश दिए वहीं साथ ही धाराएं भी बताई हैं। इसमें बीएनएस की धारा 152 सबसे गंभीर है जिसमें सात साल की सजा है। यह सजा उन व्यक्तियों को दी जाती है जो भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कार्य करते हैं, या अलगाव या अलगाववादी आंदोलन को भड़काने का प्रयास करते हैं। इस मामले में गिरफ्तारी की तलवार लटकी रहेगी। इसके साथ ही उन पर बीएनएस धारा 196 (1) (बी) जिसमें 3 साल तक का कारावास, जुर्माना या दोनों हो सकती है। और धारा 197 BNS  होगी इसमें भी तीन साल तक की सजा है। हालांकि बाकी दोनों धाराएं जमानती है लेकिन धारा 152 गंभीर है। 

ये खबर भी पढ़िए... विजय शाह से जज ने पूछा- किसी का उपहास इसलिए क्योंकि वह मुस्लिम है, पढ़ें कोर्ट का पूरा आदेश

ये खबर भी पढ़िए... बीजेपी विधायक भूपेंद्र सिंह का विवादित बयान: भाजपाई-कांग्रेसी करते हैं जादू-टोना और तंत्र क्रिया

हाईकोर्ट ने यह दिए हैं आदेश 

जबलपुर हाईकोर्ट में जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की डिविजनल बेंच ने स्वतः संज्ञान लेते हुए इस मामले में बुधवार दोपहर में आदेश जारी करते हुए मंत्री विजय शाह के द्वारा दिए गए बयान की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि देश की रक्षा के लिए अपने जान की बाजी लगाने वाली जांबाज कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकवादियों की बहन बताना ना केवल भारत की अखंडता को तोड़ने के जैसा है बल्कि इस तरह के बयान सेना के मनोबल को भी कमजोर कर सकते हैं। 

कोर्ट ने यह साफ कर दिया है की मंत्री के द्वारा दिया गया बयान एक आपराधिक कार्य है, जिस पर पुलिस को मामला दर्ज करना ही होगा, कोर्ट के आदेश के बाद यदि बुधवार की शाम 6:00 तक मंत्री विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई तो इस मामले की कल होने वाली सुनवाई में डीजीपी के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मामला शुरू कर दिया जाएगा। हाईकोर्ट ने एजी ऑफिस को यह आदेशित किया है कि हाईकोर्ट के द्वारा जारी किया गया आदेश तत्काल डीजीपी को प्रेषित किया जाए। हाईकोर्ट ने इस केस को गुरूवार को पहले नंबर पर सुनवाई के लिए रखा है, इसमें एफआईआर की जानकारी देना है।

ये खबर भी पढ़िए... अमेरिका का बदला रुख: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया पर लगा प्रतिबंध हटाया

हाईकोर्ट ने यह भी कहा है

जबलपुर हाईकोर्ट में जस्टिस श्रीधरन ने अपने आदेश में कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया। उन्होंने कर्नल सोफिया कुरैशी को भारतीय सेवा के साहस का प्रतीक बताते हुए यह कहा कि मंत्री के द्वारा की गई टिप्पणी सिर्फ कर्नल कुरैशी के खिलाफ नहीं है बल्कि यह टिप्पणी देश में अलगाववाद पैदा करने जैसी है। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस तरह सेवा का अपमान करने वाले लोगों को तो उम्र कैद होनी चाहिए लेकिन कानून के अनुसार इन पर कार्यवाही की जाना जरूरी है। इसके बाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में लिखा की मंत्री विजय शाह के खिलाफ देश की अखंडता को तोड़ने की कोशिश के लिए धारा 152, धर्म जाति रंग एवं समुदाय के आधार पर लोगों को बांटने की कोशिश पर धारा 196 (1) सहित इस शर्मनाक टिप्पणी के लिए धारा 197 BNS के तहत भी कार्यवाही की जानी चाहिए।

 

 

जबलपुर हाईकोर्ट इंदौर भोपाल जबलपुर मंत्री विजय शाह कर्नल सोफिया