सरकार के उच्च अधिकारी करें विमान कंपनी के अधिकारियों से मुलाकात, कोर्ट ने सरकार को सराहा

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में बहुत दिनों बाद ऐसा मामला सामने आया है जब हाईकोर्ट ने सरकार के प्रयासों की सराहना की है। यह मामला जबलपुर सहित पूरे प्रदेश में फ्लाइट की संख्या बढ़ने से जुड़ा हुआ है।

author-image
Neel Tiwari
New Update
High government officials should
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

MP NEWS: जबलपुर सहित पूरे मध्य प्रदेश में लगातार घटती हवाई सेवाओं की संख्या का मामला अब न्यायालय की दहलीज तक पहुंच गया है। नागरिक उपभोक्ता मंच के अध्यक्ष पी. जी. नाजपांडे और सामाजिक कार्यकर्ता रजत भार्गव ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है। इसमें मांग की गई है कि जबलपुर में उड़ानों की संख्या बढ़ाई जाए और राज्य के प्रमुख शहरों की एयर कनेक्टिविटी में सुधार किया जाए। 

याचिका में यह भी बताया गया कि हवाई संपर्क की कमी से आर्थिक, चिकित्सा, पर्यटन और शिक्षा जैसे क्षेत्रों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय पैरवी कर रहे हैं। इस जनहित याचिका से उम्मीद की जा रही है कि जबलपुर सहित अन्य शहरों को जल्द ही बेहतर हवाई सेवाएं मिलेंगी और आमजन को राहत मिलेगी।

ये खबर भी पढ़िए... मंत्री विजय शाह पर FIR करो, बदजुबानी पर हाईकोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान, हो सकता है इस्तीफा

सरकार ने लागू की है नई एविएशन पॉलिसी 

हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई में सरकार से यह जवाब मांगा था की फ्लाइट की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से क्या प्रयास किया जा रहे हैं। सरकार की ओर से डिप्टी एडवोकेट जनरल ने यह बताया की मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा नई एविएशन पॉलिसी बनाई गई है जिसका नोटिफिकेशन 28 फरवरी 2025 को जारी किया गया है। 

इस एविएशन पॉलिसी में विमान कंपनियों को मध्य प्रदेश में उड़ाने संचालित करने पर विमान कंपनियों के लिए कई छूट सहित अन्य प्रावधान भी रखे गए हैं। इसके बाद उन्होंने बताया कि विमान कंपनियां के अधिकारियों के साथ सरकार के जनप्रतिनिधि भी चर्चा कर रहे हैं और कोशिश की जा रही है कि मध्य प्रदेश में विमान की संख्या बढ़ाई जा सके। 

ये खबर भी पढ़िए... कांग्रेस ने मंत्री विजय शाह के खिलाफ प्रदर्शन में लगा दिए मंत्री सारंग के खिलाफ नारे, कादरी से की तुलना

हाईकोर्ट ने की सरकार की तारीफ 

इस जनहित याचिका की सुनवाई जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिविजनल बेंच में हुई। सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव सचदेवा ने यह भी बताया कि अभी कुछ ही दिनों पहले ही वह रीवा गए थे और जबलपुर के मुकाबले ज्यादा डेवलपमेंट ना होने के बाद भी वहां पर उड़ानों की संख्या 50% है। 

जबलपुर से जहां प्रतिदिन चार उड़ाने हैं तो रीवा से प्रतिदिन दो फ्लाइट उपलब्ध है। सरकार की ओर से जब पॉलिसी डॉक्यूमेंट और अन्य जानकारियां दी गई तब कोर्ट ने यह माना कि सरकार के द्वारा इस दिशा में उचित प्रयास किया जा रहे हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी आदेशित किया है कि सरकार के उच्च स्तर के अधिकारी विमान कंपनियों के अधिकारियों से मुलाकात कर निवेदन करें और मध्य प्रदेश सहित जबलपुर में उड़ानों की संख्या को बढ़ाने की कोशिश करें।

ये खबर भी पढ़िए... विवादों के मंत्री विजय शाह! कभी कुर्सी गई, कभी लाठी पड़ी, अब जुबान फिसली

ये खबर भी पढ़िए... उमा भारती ने कहा- मंत्री पद से बर्खास्त हों विजय शाह, दर्ज हो एफआईआर

जनप्रतिनिधि लगातार कर रहे हैं प्रयास 

आपको बता दें कि PWD मंत्री राकेश सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधि भी लगातार इस कोशिश में लगे हुए हैं कि जबलपुर सहित अन्य शहरों में उड़ानों की संख्या बढ़ाई जा सके। बीते दिनों मंत्री राकेश सिंह ने विमान कंपनियों के अधिकारियों से भी दिल्ली में मुलाकात की थी और उनसे जबलपुर में उड़ानों की संख्या बढ़ाने के लिए चर्चा की थी। अब नई एविएशन पॉलिसी के तहत विमान कंपनियों को मिलने वाले लाभ और अवसरों को देखते हुए नागरिकों में यह उम्मीद जगी है कि जल्द ही शहर की एयर कनेक्टिविटी में सुधार होगा।

 

MP News मध्य प्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट मंत्री राकेश सिंह