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redevlopment project bhopal Photograph: (The Sootr)
BHOPAL. गलतियों से सबक न लेने वाले मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड के सामने अब राजधानी के 5 नंबर मार्केट के रिडेव्लपमेंट की चुनौती है। इस संवेदनशील प्रोजेक्ट पर एक साल पहले काम शुरू हुआ था लेकिन अब तक इंच भर भी काम आगे नहीं बढ़ा है। यहां रहने वाले 148 परिवारों को 8 माह पहले शिफ्ट करने के बाद अब बोर्ड उनके किराए का भुगतान भी कर रहा है। इससे हर महीने 8.44 लाख रुपए यानी अब तक केवल किराए पर ही बोर्ड 60 लाख से ज्यादा कर चुका है। प्रोजेक्ट के लिए यहां स्थित 58 दुकान और 74 गुमटियों की शिफ्टिंग का काम तो अब तक शुरू भी नहीं हुआ है। ऐसे में रिडेव्लपमेंट प्रोजेक्ट कितने साल में पूरा होगा ये कहना मुश्किल है। वहीं हाउसिंग बोर्ड की लेटलतीफी के कारण 148 परिवार अपना घर छोड़कर किराए के मकानों में शरणार्थी की तरह रहने मजबूर हैं।
शहरों के पुनर्विकास के लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा नीति तैयार की गई थी। इसके तहत राजधानी भोपाल के अलावा इंदौर और जबलपुर में रिडेव्लपमेंट प्रोजेक्ट पर काम कराया जाना है। मप्र हाउसिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेव्लपमेंट बोर्ड ने इस काम को अपने हाथ में लेकर भोपाल के 5 नंबर मार्केट के लिए प्रोजेक्ट तैयार कराया था। करीब 700 करोड़ रुपए की लागत वाले इस प्रोजेक्ट तहत इस क्षेत्र में बोर्ड के पुरानी इमारतों और दुकानों को तोड़कर उनकी जगह बहुमंजिला आवासीय एवं व्यावसायिक इमारत तैयार की जानी है। लेकिन शुरूआत से ही बोर्ड के अधिकारी इस प्रोजेक्ट को लेकर संजीदगी नहीं दिखा सके। रहवासियों से सामंजस्य बनाने में ही चार माह गुजर गए और अब दुकानों की शिफ्टिंग का पेंच उलझ गया है।
आठ माह से शरणार्थी बने 148 परिवार
हाउसिंग बोर्ड द्वारा रिडेव्लपमेंट प्रोजेक्ट के लिए 148 परिवारों को 5 नंबर मार्केट से हटाया है। अब ये परिवार 8 माह से शहर के अलग_अलग हिस्सों में किराए के मकानों में रहने मजबूर हैं। हांलाकि बोर्ड उन्हें नए मकान बनाकर देगा लेकिन प्रोजेक्ट में हो रही देरी की वजह से इसमें कितने साल लगेंगे अभी ये तय नहीं है। मौके पर अब तक प्रोजेक्ट के नाम पर साइट के एक हिस्से में टीन की चादरें और सूचना बोर्ड ही लगाए गए हैं। वहीं मैदान में 66 अस्थायी दुकानें तैयार की गई हैं।
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दुकानों की शिफ्टिंग में नामांतरण का पेंच
पांच नंबर मार्केट में 58 स्थायी दुकानें हैं जबकि 74 अस्थायी गुमटियां हैं। इन्हें भी प्रोजेक्ट के लिए शिफ्ट किया जाना है। अस्थायी दुकानें भी तैयार हैं लेकिन पुरानी दुकानों के नामांतरण का पेंच अटक गया है। बड़ी संख्या में ऐसे दुकानदार नामांतरण के लिए बोर्ड के चक्कर काट रहे हैं। रजिस्ट्री होने के बाद भी नामांतरण नहीं हो पा रहे हैं। इसकी वजह भी दुकानदारों को नहीं बताई जा रही है। दुकानों के आवंटन के लिए नामांतरण होना जरूरी है और इसी पेंच में मामला अटक गया है।
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अब भी टेंडर प्रक्रिया से दूर है प्रोजेक्ट
पांच नंबर मार्केट के रिडेव्लपमेंट के लिए पुरानी इमारतों के रहवासियों से उनके घर लेकर नया निर्माण किया जाना है। इसके लिए लोगों का भरोसा हासिल करना सबसे बड़ा काम है। यदि देरी या दूसरी वजह से भरोसा टूटता है तो सरकार की रिडेव्लपमेंट की पॉलिसी पर भी सवाल खड़े हो सकते हैं। इतना संवेदनशील होने के बाद भी हाउसिंग बोर्ड पुराने ढर्रे से बाहर नहीं आ रहा है। शिफ्टिंग को 8 माह से एक साल हो चुका है लेकिन अब तक इस पर काम शुरू ही नहीं हो पा रहा। अब तक प्रोजेक्ट विभागीय अनुमतियों में ही उलझा हुआ है। इनके मिलने के बाद रेरा रजिस्ट्रेशन और टेंडर की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
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जबलपुर में भी देरी, इंदौर में प्लानिंग
भोपाल में रिडेव्लपमेंट प्रोजेक्ट काफी पीछे चल रहा है और अब भी नगर निगम भोपाल, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की अनुमति, रेरा रजिस्ट्रेशन, निर्माण एजेंसी के चयन में महीनों लग सकते हैं। हाउसिंग बोर्ड ने आर्किटेक्ट तो रख लिया है लेकिन निर्माण एजेंसी का चयन कब तक होगा ये सवाल बना हुआ है। वहीं जबलपुर के हाथीताल रिडेव्लपमेंट प्रोजेक्ट रहवासियों की सहमति न मिलने से आगे नहीं बढ़ पा रहा है। नियमानुसार प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने से पहले लोगों से सहमति ली जानी थी बाद में आर्किटेक्ट की नियुक्ति। इसे अनदेखा कर पहले आर्किटेक्ट नियुक्त करने से अब बोर्ड पर अतिरिक्त आर्थिक जिम्मेदारी आ गई है। लोगों की सहमति से पहले आर्किटेक्ट की नियुक्ति बड़े गड़बड़झाले की ओर इशारा कर रही है।कुछ महीने पहले काम शुरू हो पाया है। हांलाकि यहां भी प्रोजेक्ट का काम उम्मीद से पीछे है। उधर हाउसिंग बोर्ड ने अब इंदौर के एलआईजी क्षेत्र में रिडेव्लपमेंट प्रोजेक्ट लांच करने की तैयारी कर ली है। यानी पहले से चल रहे प्रोजेक्ट में तेजी लाने की जगह अधिकारी नए प्रोजेक्ट में करोड़ों रुपए जाम करने में लग गए हैं।
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तीन माह में टेंडर बुलाने की तैयारी
हाउसिंग बोर्ड के उपायुक्त (आवास) महेश साहू का कहना है रिडेव्लपमेंट प्रोजेक्ट महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग और नगर निगम से अनुमति मिलने के बाद रेरा रजिस्ट्रेशन कराते हुए तीन माह में टेंडर प्रक्रिया के जरिए निर्माण एजेंसी का चयन किया जाएगा। रहवासियों की शिफ्टिंग कराई जा चुकी है। दुकानों की शिफ्टिंग पर भी दुकानदारों से चर्चा हो चुकी है। जल्द की नामांतरण संबंधी काम पूरा कर इन्हें शिफ्ट कर दिया जाएगा।
MPHIDB
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